उम्मीद की जा रही है कि जीआई टैग मिलने के बाद अदरख उत्पादकों को बेहतर बाजार मूल्य प्राप्त होगा, जिससे उत्पादन में वृद्धि संभव होगी। जीआई टैग किसी क्षेत्र विशेष के विशिष्ट उत्पाद को मान्यता प्रदान करता है...
बुंदेलखंड को एग्रो प्रोडक्शन का हब बनाने पर सरकार का जोर : बरुआसागर के अदरख को जीआई टैग दिलाने की कवायद शुरू
Nov 01, 2024 17:15
Nov 01, 2024 17:15
इस खबर को भी पढ़ें- दुनिया की सबसे प्रदूषित राजधानी दिल्ली : स्विस फर्म 'आईक्यू एयर' ने जारी की ताजा सूची, जानें बाकी देशों का हाल
अदरख के उत्पादन में वृद्धि की उम्मीद
उम्मीद की जा रही है कि जीआई टैग मिलने के बाद अदरख उत्पादकों को बेहतर बाजार मूल्य प्राप्त होगा, जिससे उत्पादन में वृद्धि संभव होगी। जीआई टैग किसी क्षेत्र विशेष के विशिष्ट उत्पाद को मान्यता प्रदान करता है और इसका उद्देश्य उत्पाद की गुणवत्ता को मानकीकरण के माध्यम से बेहतर बनाना है।
विशेषज्ञों की सहायता से प्रस्ताव तैयार
झांसी के एफपीओ ने नाबार्ड और उद्यान विभाग के सहयोग से अदरख के जीआई टैग के लिए प्रस्ताव तैयार किया है। यह प्रस्ताव विशेषज्ञों की सहायता से बनाया गया है और परीक्षण के बाद जीआई टैग मिलने की संभावना है। यदि अदरख को जीआई टैग मिल जाता है, तो यह बुंदेलखंड के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि साबित होगी।
क्षेत्रीय किसानों की भागीदारी
बरुआसागर और उसके आसपास के क्षेत्रों में कई किसान अदरख की खेती करते हैं और उनकी संख्या को बढ़ाने के लिए सरकार सक्रिय है। नाबार्ड के जिला विकास प्रबंधक भूपेश पाल ने बताया कि अदरख के जीआई टैग के लिए आवेदन प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है और नाबार्ड तथा उद्यान विभाग इस कार्य में सहायता प्रदान कर रहे हैं।
इस खबर को भी पढ़ें- बदलता उत्तर प्रदेश : नए साल पर 594 KM लंबा गंगा एक्सप्रेसवे होगा तैयार, मेरठ, हापुड़ समेत 12 जिलों को करेगा कनेक्ट