पत्नी और प्रेमी को कुल्हाड़ी से काटा : 4 महीने बाद घर लौटे पति ने कुछ ऐसा देखा, मौके पर दोनों की ले ली जान

4 महीने बाद घर लौटे पति ने कुछ ऐसा देखा, मौके पर दोनों की ले ली जान
UPT | मृतका पत्नी और पति

Dec 07, 2024 20:42

यूपी के जालौन में पति ने अपनी पत्नि और उसके प्रेमी को कुल्हाड़ी से काट डाला। घटना को अंजाम देने के बाद आरोपी मौके से भाग गया। बताया जा रहा है कि पति चार महीने बाद घर लौटा था...

Dec 07, 2024 20:42

Jalaun News : यूपी के जालौन में पति ने अपनी पत्नी और उसके प्रेमी को कुल्हाड़ी से काट डाला। घटना को अंजाम देने के बाद आरोपी मौके से भाग गया। बताया जा रहा है कि पति चार महीने बाद घर लौटा था। कमरे में उसने पत्नी और उसके प्रेमी को आपत्तिजनक हालत में देखा। मौके पर उसने दोनों को काट डाला। परिजनों ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने दोनों के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। आरोपी के भी गिरफ्तार कर लिया गया है।

अचानक घर लौटा तो खोया आपा
सिरसाकलार थाना क्षेत्र के टिकरी गांव निवासी कुंवर सिंह उर्फ ललोल (32) नोएडा में मजदूरी करता था, जबकि उसकी 30 वर्षीय पत्नी आरती दो बच्चों के साथ गांव स्थित घर पर रहती थी। गुरुवार शाम आरती ने अपने प्रेमी, चुर्खी थाना क्षेत्र के टिकावली गांव निवासी छविनाथ उर्फ छक्की (33) को घर बुला लिया। इसी दौरान अचानक कुंवर सिंह नोएडा से वापस आ गया और उसने दोनों को कमरे में आपत्तिजनक हालत में देख लिया। परिजनों के अनुसार, वह करीब चार महीने से नोएडा में था और घर नहीं आया था, लेकिन अचानक ही वह घर लौट आया। उसकी पत्नी को इसके बारे में कोई जानकारी नहीं थी।



प्रेमी ने ऐसे संपर्क में आई पत्नी
चुर्खी थाना क्षेत्र के टिकावली गांव निवासी छविनाथ की भतीजी रागिनी देवी, जो कि टिकरी गांव के ही निवासी झाम सिंह से ब्याही थी, से रिश्ते में था। छविनाथ की शादी नहीं हुई थी और इसी कारण वह अक्सर टिकरी गांव में अपनी भतीजी और दामाद के घर आता-जाता रहता था। जानकारी पर पहुंचे मृतका आरती के रामपुरा थाना क्षेत्र के गढ़ा गांव निवासी भाई धर्मेंद्र की तहरीर पर पुलिस ने हत्या की रिपोर्ट दर्जकर ली है। फोरेंसिक टीम ने भी घटनास्थल से साक्ष्य संकलन एकत्रित किए। एसपी डॉ. दुर्गेश कुमार ने बताया कि प्रेम प्रसंग के चलते आरोपी ने दोनों की हत्या की है। रिपोर्ट दर्जकर आरोपी को हिरासत में लिया गया है। उससे पूछताछ की जा रही है।

प्रेमी अक्सर घर आता था
चुर्खी थाना क्षेत्र के टिकावली गांव निवासी छविनाथ की भतीजी रागिनी देवी टिकरी गांव के ही निवासी झाम सिंह से ब्याही थी। छविनाथ की शादी नहीं हुई थी। इससे वह अक्सर टिकरी गांव में अपनी भतीजी व दामाद के यहां आता जाता रहता था। ग्रामीणों के अनुसार, पिछले चार महीनों से छविनाथ टिकरी गांव में ही रहने लगा था। इस दौरान उसकी भतीजी रागिनी देवी के घर आते-जाते हुए उसकी दोस्ती आरती से हो गई थी। आरती का पति कुंवर सिंह चार महीने से नोएडा में काम कर रहा था, जबकि आरती दो बच्चों के साथ गांव में रहती थी। इस बीच आरती और छविनाथ के बीच प्रेम संबंध विकसित हो गए थे और छविनाथ अक्सर आरती के घर आता-जाता रहता था। इसके अलावा, उनकी फोन पर भी बातें होती थीं।

पत्नी का पहले भी था प्रेम प्रसंग
आरती का इससे पहले भी गांव के ही एक युवक के साथ प्रेम प्रसंग था, जब कुंवर सिंह गांव में रहकर मजदूरी करता था। एक दिन वीडियो कॉल के दौरान कुंवर सिंह ने आरती को युवक के साथ देखा। इसके बाद उसने उस युवक से आरती से बात न करने को कहा, जिसके बाद दोनों में विवाद हुआ और कुंवर सिंह ने युवक के साथ मारपीट की। जब आरती ने उसे न मानने पर अपनी बात नहीं मानी, तो कुंवर सिंह नोएडा चला गया। इसके बाद, जब कुंवर सिंह नोएडा में था, तब छविनाथ आरती के संपर्क में आया और दोनों के बीच प्रेम संबंध बन गए। कुंवर सिंह को इस संबंध के बारे में भी जानकारी हो गई थी और वह कई बार अपनी पत्नी आरती को इस बारे में मना चुका था। लेकिन आरती ने उसकी बातों पर ध्यान नहीं दिया। इससे परेशान होकर कुंवर सिंह ने एक दिन अचानक घर लौटने की योजना बनाई और गुरुवार की शाम वह बिना किसी पूर्व सूचना के घर पहुंच गया।

दादी के साथ सोते थे दोनों बच्चे
कुंवर सिंह के पिता घनश्याम की कुछ साल पहले मृत्यु हो गई थी। इसके बाद घर में उसकी मां मुन्नी देवी, पत्नी आरती और उनके दो बेटे प्रियांशु (11) और दीपांशु (9) रहते थे। कुंवर सिंह के नोएडा चले जाने के बाद आरती बच्चों को सास मुन्नी के पास सुला देती थी ताकि प्रेमी छविनाथ के आने जाने में कोई रुकावट न हो। आरती अपनी मनमानी करती थी और इस दौरान कुंवर सिंह और उसकी बीच फोन पर लड़ाई होती थी। हालांकि, मुन्नी देवी को इस बात का कोई अंदाजा नहीं था कि ऐसा कुछ घातक हो सकता है। वह बस इतना जानती थी कि आरती अक्सर अपनी इच्छा के मुताबिक ही काम करती थी, लेकिन उसे यह नहीं पता था कि उसका बेटा कुंवर सिंह ऐसा कदम उठाएगा। वारदात के समय भी बच्चों को दादी के पास सुला दिया गया था और घटना के बाद उन्हें इसकी कोई जानकारी नहीं हुई।

Also Read

झांसी में दिव्यांगों के लिए बुंदेलखंड का पहला समेकित विद्यालय, एक नई शुरुआत

12 Dec 2024 03:32 PM

झांसी Jhansi News : झांसी में दिव्यांगों के लिए बुंदेलखंड का पहला समेकित विद्यालय, एक नई शुरुआत

झांसी में दिव्यांग बच्चों के लिए कक्षा 1 से 12वीं तक की पढ़ाई के लिए बुंदेलखंड का पहला समेकित विद्यालय खुलने जा रहा है। इस विद्यालय में सभी तरह के दिव्यांग बच्चों को निःशुल्क शिक्षा, आवास और विशेष सुविधाएं उपलब्ध होंगी। और पढ़ें