जालौन से बड़ी खबर : कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय का मिड-डे मील खाने से छात्रा की मौत, 4 की हालत गंभीर 

कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय का मिड-डे मील खाने से छात्रा की मौत, 4 की हालत गंभीर 
UPT | अधिकारियों ने मामले की जांच की।

Dec 07, 2024 20:31

छात्रा गौरी ने बताया कि खाना खाने के बाद सिर में तेज दर्द होने लगा। आंख से पानी आ रहा था। हम लोगों ने सुबह चना खाया था। दिन में रोटी, लौकी की सब्जी, दाल और चावल खाया था। रात में भी यही खाना खाया था। साथ में खीर भी खाई थी। रात से ही हम लोगों की तबीयत खराब हो गई थी।

Dec 07, 2024 20:31

Jalaun News : जालौन से बड़ी खबर सामने आ रही है। जहां पर कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय का मिड-डे मील खाने से एक छात्रा की मौत हो गई। जबकि 4 छात्रा बीमार पड़ गईं। छात्राओं ने शुक्रवार रात दाल-चावल, लौकी की सब्जी, रोटी और खीर खाई थीं। उसके बाद से ही 5 छात्राओं की तबीयत बिगड़ने लगी। सभी के पेट में दर्द होने लगा। विद्यालय की कर्मचारी ने दर्द की दवा दी, तभी एक छात्रा को उल्टी होने लगी। हालत गंभीर होने पर सभी को इलाज के लिए पिंडारी सीएचसी में भर्ती कराया गया। यहां दो छात्राओं की हालत ज्यादा नाजुक होने के बाद उन्हें उरई रेफर किया गया। जिसमें से एक छात्रा ने दम तोड़ दिया। दूसरी का इलाज चल रहा है। अन्य 3 छात्राओं को सीएचसी से छुट्‌टी दे दी गई। क्या है पूरा मामला
पूरा मामला पिंडारी के कस्तूरबा आवासीय विद्यालय का है। जहां पर 100 छात्राओं का रजिस्ट्रेशन है। 71 छात्राएं यहां रहकर पढ़ती हैं। मिड-डे मील सभी 71 छात्राओं ने खाया था। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे। मामले की जांच की जा रही है। मरने वाली छात्रा का नाम छाया है। वो कक्षा-6 में पढ़ती थी और गांव भरसूड़ा की रहने वाली थी। उसने 1 साल पहले ही यहां दाखिला लिया था।

दिन का खाना रात में भी खिलाया
छात्रा गौरी ने बताया कि खाना खाने के बाद सिर में तेज दर्द होने लगा। आंख से पानी आ रहा था। हम लोगों ने सुबह चना खाया था। दिन में रोटी, लौकी की सब्जी, दाल और चावल खाया था। रात में भी यही खाना खाया था। साथ में खीर भी खाई थी। रात से ही हम लोगों की तबीयत खराब हो गई थी। मामले की जानकारी मिलते ही जालौन के डीएम राजेश कुमार पांडेय और एसपी डॉक्टर दुर्गेश कुमार आवासीय विद्यालय पहुंचे। डीएम ने रसोइयों से बात की। साथ ही टीचरों से बीमार बच्चियों का हाल जाना। टीचरों से पूछा कि बच्चियां पहले से तो बीमार नहीं थी? बातचीत के दौरान ये सामने आया की विद्यालय के अंदर मेन्यू के हिसाब से खाना नहीं बनता है। बच्चों को दूध मिलना चाहिए लेकिन दूध नहीं मिलता है। 

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