आग की लपटों में जलता रहा शहर : झांसी मेडिकल कॉलेज में आग ने 18 मासूमों की छीन ली थी जिंदगी, सुरक्षा इंतजामों पर उठे थे सवाल

झांसी मेडिकल कॉलेज में आग ने 18 मासूमों की छीन ली थी जिंदगी, सुरक्षा इंतजामों पर उठे थे सवाल
UPT | आग की लपटों में जलता रहा शहर

Dec 30, 2024 19:46

झांसी मेडिकल कॉलेज में जो हुआ, वह एक त्रासदी था, एक अपराध था। 18 मासूम बच्चों को आग में झुलसकर मरना पड़ा, क्योंकि हमारे अस्पतालों में सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं हैं। एक सवाल जो अब तक हर किसी के मन में गूंज रहा है - इस लापरवाही का जिम्मेदार कौन है?

Dec 30, 2024 19:46

Jhansi News : चीखें...रोदन...धुआं...और फिर खामोशी। झांसी की धरती एक बार फिर मातम में डूब गई। इस बार, मौत का तांडव एक अस्पताल के अंदर मचा, जहां नवजातों की किलकारियां हमेशा के लिए खामोश हो गई थीं। झांसी मेडिकल कॉलेज के NICU (नवजात गहन चिकित्सा इकाई) में लगी आग ने 18 मासूमों की जान ले ली, एक ऐसा हादसा जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। यह सिर्फ एक आग नहीं थी, यह लापरवाही की आग थी, जिसने अस्पतालों की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए थे। 

15 नवंबर की काली रात
घड़ी की सुईयां जैसे ही रात के अंधेरे में डूबीं, झांसी मेडिकल कॉलेज के NICU वार्ड में मौत का खौफनाक मंजर शुरू हो गया। अचानक आग की लपटें उठीं और देखते ही देखते पूरे वार्ड को अपनी चपेट में ले लिया। मासूम बच्चे, जो अभी दुनिया में आए भी नहीं थे, आग की लपटों में घिर गए। उनकी चीखें, उनके माता-पिता के करुण क्रंदन, सब कुछ उस भयानक रात की गवाही दे रहे थे।

सिस्टम की नाकामी
यह सिर्फ एक हादसा नहीं, बल्कि सिस्टम की नाकामी का जीता जागता उदाहरण है। सवाल यह उठता है कि क्या अस्पतालों में आग से सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं थे? क्या इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए थे? इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि हमारी स्वास्थ्य व्यवस्था कितनी लचर है।

बाजारों में भी आग का कहर
लेकिन यह आग का सिलसिला यहीं नहीं थमा। मेडिकल कॉलेज की इस दर्दनाक घटना के अलावा, झांसी के बाजारों में भी आग का कहर देखने को मिला है। पिछले कुछ महीनों में, शहर के विभिन्न बाजारों में आग लगने की कई घटनाएं सामने आई हैं, जिससे व्यापारियों को भारी नुकसान हुआ है।
  • 15 मई : सीपरी बाजार के एक 4 मंजिला शोरूम में आग, करोड़ों का नुकसान।
  • 28 मई : सीपरी बाजार में एक रेस्टोरेंट में आग।
  • 6/7 नवंबर : बड़ा बाजार स्थित 3 मंजिला मार्केट में आग।
  • 23 मई : सदर बाजार स्थित कपड़ों के दो मंजिला शोरूम में आग।

सवाल जो गूंज रहे हैं
  • क्या अस्पतालों और बाजारों में आग से सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम हैं?
  • क्या इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए कोई ठोस कदम उठाए जा रहे हैं?
  • लापरवाही के लिए कौन जिम्मेदार है?
  • कब तक मासूमों की जान यूं ही जाती रहेगी?
अग्निकांड का बढ़ता खतरा
झांसी में आग लगने की घटनाओं की बढ़ती संख्या यह दर्शाती है कि शहर में सुरक्षा और अग्नि-निरोधक उपायों की कमी है। व्यावसायिक और सरकारी भवनों में अग्निशमन व्यवस्था की गंभीरता से जांच और सख्ती से पालन जरूरी हो गया है। प्रशासन को इन घटनाओं से सबक लेते हुए ठोस कदम उठाने होंगे, ताकि भविष्य में इस तरह के हादसों को रोका जा सके।

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