ललितपुर के मड़ावरा क्षेत्र के घने जंगलों में बाघ और बाघिन की तस्वीरें सामने आने से इलाके में सनसनी फैल गई है। वन विभाग के ट्रैप कैमरे में कैद इन तस्वीरों ने जंगल की सुरक्षा व्यवस्था को सख्त कर दिया है, और अब लोगों की आवाजाही पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है। 20 साल बाद जंगल में बाघों की मौजूदगी ने वन्यजीव प्रेमियों और अधिकारियों को चौकन्ना कर दिया है, वहीं शेरों की भी संभावना जताई जा रही है।
Tiger Pictures in Madawara Forest : मड़ावरा के जंगल में बाघ-बाघिन की मौजूदगी, लोगों की आवाजाही प्रतिबंधित
![मड़ावरा के जंगल में बाघ-बाघिन की मौजूदगी, लोगों की आवाजाही प्रतिबंधित](https://static.uttarpradeshtimes.com/images/default-720x600.jpg)
Jun 27, 2024 02:01
Jun 27, 2024 02:01
सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम
बाघ-बाघिन की पुष्टि होने के बाद, वन विभाग ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। अब जंगल में किसी भी व्यक्ति के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। वनकर्मी भी बिना अधिकारियों की अनुमति के जंगल में प्रवेश नहीं कर सकेंगे। पन्ना और सागर के डीएफओ को भी बाघों की जानकारी दी गई है। उप प्रभागीय निदेशक सामाजिक वानिकी सतेंद्र सिंह को बाघों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है और पूरे मड़ावरा वन क्षेत्र पर ड्रोन से निगरानी की जा रही है।
20 साल बाद फिर से दस्तक: शेर की भी संभावना
20 साल बाद फिर से मड़ावरा के जंगल में बाघ की मौजूदगी दर्ज की गई है। इस बार वन विभाग ने इसे गंभीरता से लिया है। प्रभागीय निदेशक सामाजिक वानिकी गौतम सिंह का कहना है कि गर्मी के मौसम में पानी की तलाश में बाघ जनपद की ओर आ सकते हैं। यदि बाघों की मौजूदगी बनी रहती है, तो टाइगर रिजर्व फॉरेस्ट के लिए सरकार से पहल की जाएगी। वन विभाग ने बाघों के साथ-साथ जंगल में शेर होने की भी संभावना जताई है। इसके लिए जंगल में 20 और कैमरे लगाए जाएंगे ताकि वन्यजीवों की गतिविधियों पर बेहतर नजर रखी जा सके।
Also Read
![हाईवे किनारे बिना अनुमति से बने भवनों पर सुप्रीम कोर्ट की सड़क सुरक्षा समिति का नोटिस हाईवे किनारे बिना अनुमति से बने भवनों पर सुप्रीम कोर्ट की सड़क सुरक्षा समिति का नोटिस](https://static.uttarpradeshtimes.com/images/default-303x176.jpg)
5 Jul 2024 10:20 AM
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने हाईवे किनारे बिना अनुमति से बने मकान, दुकान और ढाबों पर गंभीर कार्रवाई करने की तैयारी की है। सुप्रीम कोर्ट की सड़क सुरक्षा समिति ने नई दिशा-निर्देश जारी की हैं, जिसका उद्देश्य हाईवे पर बढ़ती दुर्घटनाओं को कम करना है। और पढ़ें