नहीं बनेगा चंबल नदी पर पुल! : दो साल से रुका हुआ निर्माण कार्य, जानिए क्या है बाधा

दो साल से रुका हुआ निर्माण कार्य, जानिए क्या है बाधा
UPT | दो साल से रुका हुआ निर्माण कार्य

Jul 20, 2024 15:13

उत्तर प्रदेश में चंबल नदी पर सिग्नेचर पुल के निर्माण के लिए लगभग 2 साल पहले स्वीकृति मिल थी। लेकिन अभी तक निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ है। लोगों को मध्यप्रदेश पहुंचने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है...

Jul 20, 2024 15:13

Etawah News : उत्तर प्रदेश में चंबल नदी पर सिग्नेचर पुल के निर्माण के लिए लगभग 2 साल पहले स्वीकृति मिल थी। लेकिन अभी तक निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ है। लोगों को मध्यप्रदेश पहुंचने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। लोग पुल बनने की बाट जोहते-जोहते थक गए हैं। आइए जानते हैं आखिर क्यों पुल का निर्माण नहीं हो पा रहा है।

इस वजह से बंद किया पुल
बता दें कि मध्यप्रदेश को जिले से जोड़ने के लिए चंबल नदी पर लगभग 70 साल पुराना पुल बना हुआ है। इसकी उम्र अधिक होने के कारण यह अक्सर खराब हो जाता है और कभी-कभी इसे बंद भी करना पड़ता है। पिछले डेढ़ साल से पुल बंद था, लेकिन हाल ही में इसे नियमों के अनुसार फिर से खोला गया था। हालांकि, पुल की पुरानी अवस्था और ओवरलोड वाहनों के कारण इसकी स्थिति कई बार बिगड़ चुकी है।



2 साल पहले मिली पुल के बनने की स्वीकृति
पुल की ऐसी हालत को देखते हुए सदर विधायक सरिता भदौरिया ने उक्त पुल के समकक्ष एक नया पुल बनवाने की मांग की थी। पुल की स्थिति देखते हुए शासन ने भी सिग्नेचर पुल के बनने की स्वीकृति दी थी। इसके लिए शासन ने लगभग 276 करोड़ रुपये का बजट रखा था। पुल बनने का खबर जानकर लोग काफी खुश हुए थे। लेकिन इनकी खुशियों के बीच वन विभाग ने दस्तक दी। पुल निर्माण के बीच में वन विभाग की जगह होने की वजह से उसकी ओर से एनओसी नहीं मिल सकी है। ऐसे में पुल के निर्माण की प्रक्रिया दो साल से रुकी हुई है।

लोगों को क्या है परेशानी
दरअसल, भिंड और ग्वालियर के रास्ते से मध्यप्रदेश के जिले के लोग चंबल नदी पार कर यहां पहुंचते हैं। इस मार्ग पर चंबल नदी पर स्थित 800 मीटर लंबे इस पुरानी पुल का उपयोग सभी के आवागमन के लिए होता है। पुल के बंद होने की वजह से लोगों को चकरनगर होते हुए लगभग 100 किलोमीटर का चक्कर लगाकर मध्यप्रदेश जाना पड़ रहा था।

क्या कहते हैं अधिकारी
राष्ट्रीय चंबल सेंचुरी की डीएफओ, आरुषि मिश्रा, ने सोमवार को जानकारी दी कि चंबल पुल के निर्माण स्थल पर सेंचुरी और वन विभाग की सीमा आ रही है। विभागीय नियमों की प्रक्रिया पूरी न होने के कारण अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) अभी तक जारी नहीं किया गया है। इस मुद्दे पर उच्च अधिकारियों को सूचित किया जा चुका है और प्रयास किया जा रहा है कि जल्द ही एनओसी प्रदान की जाए। वहीं, राष्ट्रीय मार्ग खंड के अधिशासी अभियंता मुकेश ठाकुर ने बताया कि शासन से नए फोरलेन पुल के लिए बजट स्वीकृत हो चुका है और टेंडर प्रक्रिया भी पूरी हो गई है। फिलहाल, केवल चंबल सेंचुरी की एनओसी का इंतजार किया जा रहा है। कई प्रयासों के बावजूद एनओसी जारी नहीं की गई है, लेकिन हमारी ओर से सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं और जैसे ही एनओसी मिलेगी, निर्माण कार्य तुरंत शुरू कर दिया जाएगा।

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