फर्रुखाबाद में पुलिस इंस्पेक्टर समेत पांच पुलिस कर्मियों पर आरोप है कि उन्होंने एक निर्दोष व्यक्ति को फंसाकर उस पर अवैध असलहा रखने का झूठा आरोप लगाया। उसे जेल भिजवा दिया। रिपोर्ट दर्ज होने के बाद सभी आरोपी पुलिसकर्मी अपनी ड्यूटी छोड़कर फरार हो गए।
इंस्पेक्टर समेत पांच पुलिस कर्मियों पर रिपोर्ट दर्ज होते ही ड्यूटी छोड़कर हुए फरार : निर्दोष को अवैध असलहा लगाकर भेजा था जेल
Dec 31, 2024 21:44
Dec 31, 2024 21:44
मोहम्मदाबाद थाना क्षेत्र के पिपरगांव निवासी बाइक मिस्त्री नंदू को बीते 19 अगस्त को पुलिस ने तमंचा लगाकर जेल भेज दिया था। इसकी एडीजी स्तर से शिकायत के बाद सीओ राजेश कुमार द्विवेदी ने तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक इंस्पेक्टर मनोज कुमार भाटी, कस्बा चौकी इंचार्ज दारोगा महेंद्र सिंह, सिपाही अंशुमान चाहर,सिपाही राजन पाल, सिपाही यशवीर पर रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
ग्राम प्रधान को खुश करना चाहते थे पुलिस कर्मी
आरोपी पुलिस कर्मियों पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। इस बीच पुलिस कर्मी ड्यूटी से गायब हो गए। पांचो आरोपियों का कभी भी निलंबन हो सकता है। गिरफ्तारी से बचने के लिए हाईकोर्ट का रुख किया है। तत्कालीन सीओ अरुण कुमार की जांच में बाइक मिस्त्री नंदू को पकड़वाने में ग्राम प्रधान कुंतेश यादव और सहयोगी अनिल ठाकुर भी मुक़दमें के घेरे में आएंगे।
निलंबन की होगी कार्रवाई
फर्रुखाबाद एसपी प्रियदर्शी ने बताया कि जांच रिपोर्ट पूरी मिलते ही आरोपी पुलिस कर्मियों के निलंबन की संस्तुति की जाएगी। पीड़ित नंदू ने बताया कि 18 अगस्त को बाइक की सर्विस कर रहा था। इसी बीच सिपाही यशवीर उसे बाइक के शॉकर बदलवाने ले गया था। प्रधान और उसके ईशारे पर पुलिस यह सब कर रही थी।
गोली मारने की धमकी दी
पीड़ित ने बताया कि उसे नदी किनारे ले जाकर तमंचा, कारतूस और 120 रूपए दिए। सिपाहियों ने जबरन तमंचा कमर में लगवाया और भागने के लिए कहा। पुलिस की इस हरकत से वह डर गया, और रोने लगा। दारोगा और सिपाहियों ने कहा कि यदि नहीं भागे तो गोली मार देंगे।
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