हर मिनट एक साइबर अटैक झेल रहा भारत : आईआईटी कानपुर ने जारी किए चौंकाने वाले आंकड़े, चीनी हैकर सबसे एक्टिव

आईआईटी कानपुर ने जारी किए चौंकाने वाले आंकड़े, चीनी हैकर सबसे एक्टिव
UPT | हर मिनट एक साइबर अटैक झेल रहा भारत

Sep 07, 2024 10:33

भारत में साइबर सुरक्षा को लेकर एक चिंताजनक रिपोर्ट सामने आई है, जिससे पता चलता है यहां हर मिनट एक साइबर अटैक हो रहा है। इसमें भी सबसे अधिक चीनी हैकर एक्टिव है।

Sep 07, 2024 10:33

Short Highlights
  • हर मिनट एक साइबर अटैक झेल रहा भारत
  • आईआईटी कानपुर ने बनाया हनीपॉट
  • भारतीय कई देशों में साइबर गुलाम
Kanpur News : भारत में साइबर सुरक्षा को लेकर एक चिंताजनक रिपोर्ट सामने आई है, जिससे पता चलता है यहां हर मिनट एक साइबर अटैक हो रहा है। इसमें भी सबसे अधिक चीनी हैकर एक्टिव है। आंकड़ों के मुताबिक भारत में हर चार मिनट में एक चीनी हैकर का हमला हो रहा है। यह जानकारी आईआईटी कानपुर द्वारा तैयार किए गए हनीपॉट के दो महीने के आंकड़ों के विश्लेषण से सामने आई है। हनीपॉट, जो साइबर सुरक्षा में उपयोग किए जाने वाला एक विशेष नेटवर्क सिस्टम है, ने इस अवधि के दौरान हर दिन लगभग 900 साइबर हमलों का डेटा दर्ज किया, जिसमें से 40 फीसदी हमले चीन से हुए। इस आंकड़े के अनुसार, चीन से रोजाना औसतन 360 साइबर अटैक हो रहे हैं, जबकि अमेरिका और रूस से क्रमशः 20 फीसदी और 10 फीसदी हमले हो रहे हैं।

आईआईटी कानपुर ने बनाया हनीपॉट
आईआईटी कानपुर की साइबर सुरक्षा टीम ने एक हनीपॉट विकसित किया है जो दुनियाभर के हैकरों को आकर्षित करता है। यह हनीपॉट साइबर हमलों की जानकारी इकट्ठा करने में मदद करता है, जिससे हैकरों की गतिविधियों और उनके लक्ष्यों को समझा जा सकता है। हनीपॉट के डेटा विश्लेषण से वैज्ञानिक पता लगा सकते हैं कि कौन से देश के हैकर अधिक सक्रिय हैं और वे किस प्रकार की जानकारी चुराने की कोशिश कर रहे हैं। इस डेटा के आधार पर, सुरक्षा उपाय सुझाए जाते हैं और संबंधित सेक्टरों को अलर्ट जारी किया जाता है, जिससे संभावित खतरों से निपटा जा सके।

कैसे काम करता है हनीपॉट?
हनीपॉट एक नेटवर्क सिस्टम है जिसे यूनिवर्सल डोमेन वेबसाइट क्लाउड पर तैयार किया जाता है। इसे एथिकल हैकर्स और कंप्यूटर साइंस के विशेषज्ञ अत्यंत आकर्षक बनाते हैं ताकि हैकर्स इसे निशाना बनाएं। जब हैकर इस पर हमला करते हैं, तो हनीपॉट उनके गतिविधियों का डेटा संकलित करता है और इस जानकारी से साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ उनकी रणनीतियों और तकनीकों को समझ पाते हैं। यह प्रणाली पांच साल पहले प्रो. संदीप शुक्ला के नेतृत्व में विकसित की गई थी, और इसके पहले महीने में 27 हजार से अधिक साइबर हमले दर्ज किए गए थे।

भारतीय कई देशों में साइबर गुलाम
अलेनहाउस इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के प्रो. वरुण शुक्ला के अनुसार, साइबर हमलों के अलावा, कई देशों ने भारतीयों को साइबर गुलाम भी बना रखा है। कई भारतीय नागरिक विदेशों में साइबर अपराध के लिए बंधक बनाए गए हैं, जैसे कंबोडिया और लाओस में। हाल ही में लाओस में 47 भारतीयों को साइबर गुलामी से मुक्ति दिलाई गई थी, जो कि ठगी और साइबर अपराध में संलिप्त थे।

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