चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (CSA) कानपुर के वैज्ञानिकों ने रिसर्च शुरू कर दी है। स्थानीय जलवायु को देखते हुए अलग-अलग तरह की रिसर्च...
सीएसए विश्वविद्यालय : फॉर्म हाउस में विदेशी फसलों की खेती, किसानों की आय दोगुनी होने की उम्मीद
Aug 08, 2024 19:46
Aug 08, 2024 19:46
- विदेशी फसलों की उपज के लिए सीएसए विश्वविद्यालय में रिसर्च शुरू
- विभिन्न कृषि विज्ञान केंद्र के फॉर्म हाउस में तैयार किया जा रहा है
- जापान की तकनीक का भी इस्तेमाल किया जाएगा
इन फसलों से शुरुआत
जानकारी के अनुसार, इस फसल की शुरुआत दक्षिण भारत में पैदा होने वाले मसाले, महाराष्ट्र के प्याज और अधिक उपज देने वाला मक्का से हुई है। जिसे यूनिवर्सिटी व विभिन्न कृषि विज्ञान केंद्र के फॉर्म हाउस में तैयार किया जा रहा है। वहीं, सफलता मिलने के बाद इसके बीजों को किसानों को दिया जाएगा। जिससे किसान नए तरह की फसलों की पैदावार कर सकेंगे।
इस कंपनी के साथ किया समझौता
इसके अलावा फसलों को रोग मुक्त करने में जापान की तकनीक का भी इस्तेमाल किया जाएगा, जिससे किसानों की लागत भी कम आएगी। विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. आनंद कुमार सिंह ने बताया कि किसानों की आय बढ़ाने और महंगाई को कम करने के लिए यह एक नई पहल की गई है। उत्तर प्रदेश के किसान भी इन फसलों से समृद्ध होंगे, क्योंकि इन फसलों की मांग हर जगह पर है। इन फसलों को स्थानीय जलवायु में तैयार करने की रिसर्च शुरू हो चुकी है। विवि ने इसको लेकर देश की बड़ी बीज कंपनी नुजिवीडू सीड्स के साथ समझौता भी किया है।
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जल्द मिलेगी सफलता
विश्वविद्यालय के कुलपति ने बताया कि यह कंपनी विवि के वैज्ञानिकों को देश के अलग-अलग कोने में होने वाली विभिन्न फसलों के उत्कृष्ट बीज प्रदान करेगी, जिसको वैज्ञानिक कानपुर व आसपास जिलों के खेतों में उत्कृष्ट पैदावार के लिए विकसित करने का काम करेंगे। उम्मीद है कि जल्द ही इसमें एक अच्छी सफलता हाथ लगेगी।
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