UP Expressway : आईआईटी कानपुर को मिला एक्सप्रेसवे की आयु बढ़ाने का अहम जिम्मा, 50 वर्षों तक नहीं आएगी दरार

आईआईटी कानपुर को मिला एक्सप्रेसवे की आयु बढ़ाने का अहम जिम्मा, 50 वर्षों तक नहीं आएगी दरार
UPT | एक्सप्रेसवे और आईआईटी कानपुर

Jul 09, 2024 13:02

परिवहन मंत्रालय ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर को एक महत्वपूर्ण अनुसंधान परियोजना सौंपी है। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य है एक्सप्रेसवे और कॉरिडोर की जीवन अवधि को बढ़ाना।

Jul 09, 2024 13:02

Short Highlights
  • आईआईटी कानपुर को मिला 
  • 50 वर्ष होगी एक्सप्रेसवे की आयु बढ़ाने का अहम जिम्मा
  • वैश्विक स्तर पर प्रचलित उन्नत तकनीकों का भी होगा अध्ययन
Kanpur News : भारत में तेजी से विकसित हो रहे बुनियादी ढांचे के युग में, एक्सप्रेसवे और कॉरिडोर देश की आर्थिक रीढ़ बन गए हैं। परंतु, इन महत्वपूर्ण सड़क मार्गों की गुणवत्ता और स्थायित्व को लेकर चिंताएं भी बढ़ रही हैं। कई जगहों से एक्सप्रेसवे के धंसने या उसमें दरार पड़ने की खबरें सामने आ रही हैं। जो इनके निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल खड़े करती हैं। इन्हीं चुनौतियों से निपटने के लिए, केंद्र सरकार ने एक नई पहल की है। परिवहन मंत्रालय ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर को एक महत्वपूर्ण अनुसंधान परियोजना सौंपी है। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य ऐसी अत्याधुनिक तकनीकों और नई निर्माण सामग्रियों का विकास करना है, जो एक्सप्रेसवे और कॉरिडोर की जीवन अवधि को बढ़ा सकें।

50 वर्ष होगी एक्सप्रेसवे की आयु
आईआईटी कानपुर के विशेषज्ञों का लक्ष्य है कि एक बार निर्मित होने के बाद कोई भी एक्सप्रेसवे कम से कम 50 वर्षों तक अपनी गुणवत्ता बनाए रखे। यह लक्ष्य हासिल करने के लिए, संस्थान के शोधकर्ता विभिन्न पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करेंगे। जिसमें स्थानीय जलवायु परिस्थितियों का अध्ययन, तापमान परिवर्तन का प्रभाव, और भारी यातायात के दीर्घकालिक प्रभाव शामिल है। आईआईटी कानपुर के निदेशक, प्रोफेसर मनिंद्र अग्रवाल ने इस परियोजना को लेकर अपना उत्साह व्यक्त किया है। उन्होंने कहा, यह हमारे संस्थान के लिए गर्व की बात है कि सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने हमें यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी है। हमारे विशेषज्ञ इस क्षेत्र में गहन अनुसंधान करेंगे ताकि ऐसी अभिनव तकनीकें और निर्माण सामग्रियां विकसित की जा सकें, जो एक्सप्रेसवे नेटवर्क को और अधिक टिकाऊ बनाएं। यह परियोजना न केवल परिस्थितियों के अनुकूल समाधान खोजने पर केंद्रित होगी, बल्कि वैश्विक स्तर पर प्रचलित उन्नत तकनीकों का भी अध्ययन करेगी। शोधकर्ता देश-विदेश में प्रयुक्त होने वाली विभिन्न तकनीकों का विश्लेषण करेंगे और उनके आधार पर भारत की विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुरूप नवीन समाधान विकसित करेंगे।

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यूपी में कुल इतने एक्सप्रेस-वे
युपी में कुल 13 एक्सप्रेसवे हैं। जिसमें से 6 एक्सप्रेस-वे यमुना (आगरा-नोएडा) एक्सप्रेसवे — 165 किलोमीटर, नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे — 25 किलोमीटर, आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे — 302 किलोमीटर, दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे- 96 किलोमीटर, पूर्वांचल एक्सप्रेसवे — 341 किलोमीटर तथा बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे — 296 किलोमीटर संचालित हैं, जबकि 7 गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे- 91 किलोमीटर, गंगा-एक्सप्रेस वे- 594 किलोमीटर, लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे- 63 किलोमीटर, गाजियाबाद-कानपुर एक्सप्रेसवे- 380 किलोमीटर, गोरखपुर-सिलिगुड़ी एक्सप्रेसवे- 519 किलोमीटर, दिल्ली-सहारनपुर-देहरादून एक्सप्रेसवे- 210 किलोमीटर, गाजीपुर-बलिया-मांझीघाट एक्सप्रेसवे- 117 किलोमीटर निर्माणाधीन हैं। इनमें गंगा एक्सप्रेस-वे सीएम योगी की सबसे महत्वाकांक्षी परियोजना है। गंगा एक्सप्रेस-वे की लंबाई 594 किमी है, जो मुम्बई-नागपुर एक्सप्रेस-वे  के बाद देश का दूसरा सबसे लंबा एक्सप्रेस-वे बनने जा रहा है। 

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