मोहिनी के हत्याकांड में पुलिस ने सबूत के तौर पर केवल सीसीटीवी फुटेज मिली। फुटेज में एक नीली स्कूटी कैदज हुई थी। जिस पर बैठकर आरोपी मौके से फरार हुए थे।
Retired IAS Wife Murder : एक हजार नीली स्कूटी और 500 सीसीटीवी फुटेज खंगालने के बाद पकड़ में आए हत्यारे, ये था प्लान
May 30, 2024 13:58
May 30, 2024 13:58
कैसे हुआ मामले का खुलासा
मोहिनी के हत्याकांड में पुलिस ने सबूत के तौर पर केवल सीसीटीवी फुटेज मिली। फुटेज में एक नीली स्कूटी कैदज हुई थी। जिस पर बैठकर आरोपी मौके से फरार हुए थे। उस नीली स्कूटी तक पहुंचने का लिए खूब मशक्कत करनी पड़ी। आरोपियों तक पहुंचने के लिए जॉइंट कमिश्नर क्राइम आकाश कुलिहर ने एक टीम गठित की। करीब 500 सीसीटीवी फुटेज देखने के बाद नीली स्कूटी तक पहुंचने के लिए पुलिस ने शहर की सभी नीली स्कूटियों का ब्यौरा निकलवाया। जिसमें पता चला कि शहर में 1060 नीले रंग की डेस्टिनी स्कूटी रजिस्टर्ड हैं। सभी स्कूटियों के मालिकों का नाम और पता निकलवाया गया। आखिरकार पुलिस उस स्कूटी तक पहुंचने में कामयाब हो गई, जिस पर बैठकर हत्या का आरोपी ड्राइवर अपने दोस्त रंजीत संग फरार हुआ।
कैसे हुई मोहिनी की हत्या?
रिटायर्ड IAS देवेंद्र नाथ की पत्नी मोहिनी दुबे की हत्या बहुत निर्दयी तरीके से की गई थी। उसके पति के भरोसेमंद ड्राइवर ने अपने दोस्त का साथ मिलकर इस हत्याकांड को अंजाम दिया। दोनों ने मिलकर पहले मोहिनी की जान ली, फिर जिंदा रहने की कोई गुंजाइश तो नहीं यह चेक करने के लिए उनके मुंह पर एक मग पानी उड़ेल दिया। जिसके बाद हत्यारों ने मोहिनी का मुंह और नाक बंद करके रखी। इसके बाद उन्होंने सारे जेवर बैग में भरे और वहां से फरार हो गए।
मोहिनी के कातिलों ने कैसे मिटाए सबूत?
ऐसा कहा जा सकता है कि मोहिनी की हत्या के आरोपी क्राइम सीरियल्स के दीवाने थे। उन्होंने क्राइम सीरियल देखकर ही मोहिनी की हत्या के बाद सबूत मिटाने की कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। ड्राइवर अखिलेश और उसके दोस्त रंजीत ने अपने फिंगर प्रिंट मिटाने के लिए दरवाजों और अलमारी की कुंडी तक से निशान गीले कपड़े से पोंछ दिए, ताकि कोई उन तक पहुंचे ही नहीं। उनके जूते तक के निशान किसी को न मिलें, इसके लिए उन्होंने फर्श पर पोंछा तक लगा दिया। यहां तक कि अलमारी के भीतर रखे ज्वैलरी बॉक्स को भी गीले कपड़े से पोंछ दिया। लेकिन पुलिस तो पुलिस है, उसके हाथ आरोपियों तक पहुंच ही गए।
क्यों दिया हत्या को अंजाम
पुलिस की पूछताछ में पता चला है कि ड्राइवर अखिलेश कैंट राजीवनगर घोसियाना का रहने वाला है। वह टीबी की बीमारी से जूझ रहा है। उसके सिर पर करीब 3 लाख रुपये का कर्ज भी है। पुलिस बताया कि आरोपी ड्राइवर अपने मालिक से खफा चल रहा था। दरअसल उसकी शादी कुछ महीने पहले ही हुई थी। मालिक ने शादी में अच्छी मदद करने का भरोसा दिया था, लेकिन उसे सिर्फ 21 हजार रुपये ही दिए, बस यही बात अखिलेश को बुरी लग गई और उसने मालकिन मोहिनी दुबे के कत्ल और घर में लूट की साजिश रच डाली।
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