प्रदेश में यूपी सरकार से 63 इन्क्यूबेशन केंद्र मान्यता प्राप्त है। इनमें लगभग 1600 स्टार्टअप्स कार्यरत हैं। इनक्यूबेशन सेंटर ऐसा संस्थान होता है जहां पर स्टार्टअप को सभी प्रकार की सुविधाएं और सहयोग प्रदान किया जाता है।
AKTU : यूपी इन्क्यूबेटर्स मीट में बताए जाएंगे स्टार्टअप की सफलता के गुर, जानें अहम बातें
Jun 14, 2024 03:13
Jun 14, 2024 03:13
- दो दिवसीय यूपी इन्क्यूबेटर्स मीट का आयोजन 14 जून से
- इन्क्यूबेशन केंद्रों की समस्याओं का निवारण पर होगी पहल
क्या होता है इन्क्यूबेशन सेंटर
इनक्यूबेशन सेंटर ऐसा संस्थान होता है जहां पर स्टार्टअप को सभी प्रकार की सुविधाएं और सहयोग प्रदान किया जाता है। इनक्यूबेशन सेंटर में स्टार्टअप के लिए टेक्निकल सपोर्ट, लीगल डॉक्यूमेंटेशन सपोर्ट, नेटवर्क, बिजनेस कनेक्शन, काम करने के लिए वर्किंग स्पेस और सबसे खास बात सीड फंडिंग यानी शुरुआती पूंजी उपलब्ध कराई जाती है। इंन्क्युबेशन सेंटर स्टार्टअप को अपने पैरों पर खड़ा होने के लिए सभी प्रकार की मदद करते हैं। यह सरकारी और प्राइवेट दोनों स्तर पर होते हैं।
यूपी सरकार से 63 इन्क्यूबेशन सेंटर मान्यता प्राप्त
प्रदेश में उत्तर प्रदेश सरकार से 63 इन्क्यूबेशन केंद्र मान्यता प्राप्त है। इनमें लगभग 1600 स्टार्टअप्स कार्यरत हैं। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर प्रमुख सचिव डिपार्टमेंट ऑफ आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स, अनिल कुमार सागर शामिल होंगे। शुरुआत विवि के कुलपति प्रोफेसर जेपी पाण्डेय करेंगे। दो दिवसीय इस कार्यक्रम में कुछ प्रमुख इन्क्यूबेशन केन्द्रों का प्रस्तुतीकरण किया जाएगा। इनमें से प्रमुख रूप से विश्वविद्यालय का इन्क्यूबेशन केन्द्र कलाम सेंटर फॉर इनोवेशन एंड इनक्यूबेशन ऑफ द स्टार्टअप्स लखनऊ, एमआइईटी इन्क्यूबेशन फोरम मेरठ, जी एल बजाज सेंटर फॉर रिसर्च एंड इन्क्यूबेशन गौतमबुद्ध नगर आदि शामिल है।
विशेषज्ञ देंगे सवालों के जवाब
प्रस्तुतिकरण के बाद प्रश्न एवं उत्तर का दौर शुरू होगा। इसमें विशेषज्ञ विभिन्न सवालों का जवाब देंगे। कार्यक्रम के दूसरे दिन की शुरुआत सौरभ साहा, सीनियर एडवाइजर एम्प्लॉयमेंट जेनरेशन गवर्नमेंट ऑफ पंजाब एवं एडवाइजर ई सर्कल एंड प्रॉडक्ट लीडर के सेशन से होगी।
लखनऊ यूनिवर्सिटी में हठयोग कार्यशाला, सर्दी और जुकाम में जलनेति योग का बताया महत्व
लखनऊ विश्वविद्यालय में चल रहे दसवें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2024 के क्रम में गुरुवार को हठयोग कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें सर्दी और जुकाम में जलनेति योग के महत्व पर व्याख्यान दिया गया। इसके वक्ता इंडियन योग फेडरेशन के योगाचार्य भावना लोहानी और अनंत उदय फाउंडेशन के योगाचार्य अर्जुन श्रीवास्तव थे। डॉ.अर्जुन श्रीवास्तव ने कार्यशाला में जलनेति का प्रदर्शन करके दिखाया।
जलनेति में गुनगुने जल का प्रयोग
इसके अलावा जलनेति क्रियाविधि के साथ लाभ तथा सावधानियां के विषय में भी चर्चा की। उन्होंने बताया कि जलनेति के अभ्यास से नाक में जमी गंदगी और श्लेष्मा परत को साफ कर देती है, क्योंकि जलनेति के अभ्यास में गुनगुने जल का प्रयोग किया जाता है। जल इतना गुनगुना हो कि व्यक्ति उसको सहन कर सके साथ ही जल में एक चुटकी नमक का मिश्रण कर दिया जाता है, जो नाक के मल को ढीला कर निष्कासित कर देती है।
सावधानी नहीं बरतने पर हो सकता है नुकसान
अहम बात है कि यदि जलनेति का अभ्यास सावधानी पूर्वक नहीं किया जाये, तो इसके दुष्परिणाम भी देखने को मिलते हैं। इसलिए जलनेति का अभ्यास समाप्त करने के बाद भस्त्रिका प्राणायाम करना चाहिए। जिससे नाक में रुका हुआ जल पूर्णता निष्कासित हो जाए। यदि जल निष्कासित नहीं होता तो सिर में भारीपन तथा दर्द उत्पन्न हो सकता है। इसके बाद मकर आसन का अभ्यास करना चाहिए।
जलनेति ब्रोंकाइटिस, सर्दी, जुकाम, सिर दर्द में उपयोगी
जलनेति प्रमुख रूप से ब्रोंकाइटिस, सर्दी, जुकाम, सिर दर्द में बेहद उपयोगी है। इंडियन योग फेडरेशन की योगाचार्य भावना लोहानी ने हठ योग के आसन, प्राणायाम और मुद्रा पर अपने व्याख्यान प्रस्तुत किया साथ ही हठ योग के सिद्धासन, भद्रासन, सुखासन आसनों का भी प्रदर्शन किया। फैकल्टी के कोऑर्डिनेटर डॉ. अमरजीत यादव ने बताया कि हठयोग, योग की प्राचीन परंपरा है। इसमें आसन, प्राणायाम, मुद्रा, षट्कर्म समाहित है जलनेति के अभ्यास से नेत्र शक्ति बढ़ती है तथा इसके अभ्यास से निरंतर होने वाली एलर्जी में लाभ प्राप्त होता है।
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