समाजवादी चिंतक जय प्रकाश नारायण की जयंती पर हर साल होने वाले कार्यक्रम में इस बार समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव को विशेष सुरक्षा इंतजामों का सामना करना पड़ा।
जेपी जयंती पर पुलिस ने किए सुरक्षा के कड़े इंतजाम : पिछले साल भी 8 फीट ऊंची दीवार कूद गए थे अखिलेश यादव, ऐसे किया था माल्यार्पण
Oct 11, 2024 16:18
Oct 11, 2024 16:18
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अखिलेश के घर के बाहर किए थे भारी पुलिस बल तैनात
सूत्रों के अनुसार, जेपीएनआईसी के गेट को तीन की शीट से ढक दिया गया है, जिससे अखिलेश यादव को बिल्डिंग में प्रवेश करने से रोकने की कोशिश की गई है। पुलिस द्वारा यह कदम उस समय उठाया गया है जब यह संकेत मिल रहा था कि अखिलेश यादव साढ़े 10 बजे जेपीएनआईसी के लिए निकल सकते हैं। सड़क पर सियासी संग्राम की आशंका को देखते हुए, उनके घर के बाहर बैरिकेडिंग के साथ भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।
अखिलेश ने कमिश्नर को लिखा था पत्र
अखिलेश यादव ने पुलिस कमिश्नर लखनऊ को पत्र लिखकर जेपी जयंती के मौके पर जेपीएनआईसी में माल्यार्पण की अनुमति मांगी थी, लेकिन पुलिस ने अनुमति नहीं दी। इसके बाद, गुरुवार रात करीब साढ़े 11 बजे जब अखिलेश यादव जेपीएनआईसी पहुंचे, तो उन्होंने गेट को सील करने को लेकर सरकार पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि सरकार क्या छिपाना चाहती है और आरोप लगाया कि वह बिल्डिंग को बेचने की योजना बना रही है। उन्होंने आगे कहा, "श्रद्धांजलि देने से रोकना गलत है। यह सभ्य लोगों की पहचान नहीं है।" यह स्थिति तब उत्पन्न हुई जब अखिलेश यादव पिछले साल की घटना को ध्यान में रखते हुए इस बार एक सुनियोजित तरीके से कार्यक्रम में भाग लेना चाहते थे।
इसी साल भी जेपी जयंती पर अखिलेश प्रवेश की अनुमति नहीं
माल्यार्पण के बाद अखिलेश यादव ने मीडिया से बातचीत में कहा, "हर साल हम JPNIC के म्यूजियम में जाकर जय प्रकाश नारायण की जयंती मनाते हैं। लेकिन, आज सरकार हमें रोक रही है। भाजपा ने हर अच्छा काम रोका है।" उन्होंने आरोप लगाया कि जय प्रकाश नारायण के नाम पर बनी इमारत को इसलिए ढका गया है क्योंकि सरकार उसे बेचना चाहती है। "ऐसी सरकार जो म्यूजियम बेच रही हो, उससे क्या उम्मीद की जा सकती है?" अखिलेश यादव ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, "नीतीश कुमार जय प्रकाश नारायण आंदोलन से उभरे हैं। यह उनके लिए इस सरकार से समर्थन वापस लेने का मौका है।"
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