सरोजनीनगर विधानसभा सीट से भाजपा विधायक राजेश्वर सिंह ने मंगलवार को कहा कि अखिलेश यादव को पहले कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक होने पर परेशानी थी, अब नियमित डीजीपी चयन की प्रक्रिया लागू किए जाने पर भी परेशानी है। जबकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सशक्त नेतृत्व में यूपी की कानून व्यवस्था प्रत्येक परिस्थिति में आदर्श है।
अखिलेश यादव को पहले कार्यवाहक अब नियमित डीजीपी की चयन प्रकिया पर परेशानी : विधायक राजेश्वर सिंह बोलें- 2027 पर दें ध्यान
Nov 05, 2024 15:17
Nov 05, 2024 15:17
राजेश्वर सिंह का दावा: योगी सरकार में कानून व्यवस्था हुई सशक्त
सरोजनीनगर विधानसभा सीट से भाजपा विधायक राजेश्वर सिंह ने मंगलवार को कहा कि अखिलेश यादव को पहले कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक होने पर परेशानी थी, अब नियमित डीजीपी चयन की प्रक्रिया लागू किए जाने पर भी परेशानी है। जबकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सशक्त नेतृत्व में यूपी की कानून व्यवस्था प्रत्येक परिस्थिति में आदर्श है। विधायक ने कहा कि पिछले सात साल में प्रदेश की कानून व्यवस्था अग्रणी बनीं। अप्रैल 2024 तक 10902 एनकाउंटर में 197 अपराधी मारे गए और 6329 अपराधी घायल हुए। वहीं 904 अपराधियों के विरुद्ध राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के अंतर्गत कार्रवाई हुई और 68 माफिया गैंग को पूरी तरह नष्ट किया गया।
माफियाओं की 3758 करोड़ से अधिक की संपत्ति ध्वस्त
विधायक ने कहा कि पिछले चार साल में माफियाओं की 3758 करोड़ से अधिक की संपत्ति ध्वस्त की गई। इसके अलावा 2401 करोड़ की संपत्ति जब्त की गई और 66575.75 हेक्टेयर अवैध संपत्ति मुक्त कराई गई। उन्होंने कहा कि अवैध कब्जेदारों के विरुद्ध 4650 से अधिक मुकदमे दर्ज किए गए।
अपराधियों-माफियाओं के विरुद्ध कठोर कार्रवाई जारी
राजेश्वर सिंह ने कहा कि यूपी में पुलिस महानिदेशक चाहे स्थाई जो या कार्यवाहक, अपराधियों-माफियाओं के विरुद्ध यह कठोर कार्रवाई निरंतर जारी रहेगी। उत्तर प्रदेश सरकार की लागू नई प्रक्रिया के अंतर्गत डीजीपी चयन के लिए हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में छह सदस्यीय कमेटी गठित होगी, जिसमें संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के सदस्य सहित उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) के अध्यक्ष सहित छह महत्वपूर्ण सदस्य होंगे। विधायक ने सपा अध्यक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि कृपया प्रदेश हित में विकास के मुद्दों पर सार्थक बातें कीजिए एवं सकारात्मक विपक्ष की भूमिका निभाइए और 2027 की तैयारियों पर ध्यान दीजिए।
अखिलेश यादव का तंज- व्यवस्था बनाने वाले खुद दो साल रहेंगे या नहीं
इससे पहले सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि सुना है किसी बड़े अधिकारी को स्थायी पद देने और और उसका कार्यकाल दो साल बढ़ाने की व्यवस्था बनायी जा रही है… सवाल ये है कि व्यवस्था बनाने वाले खुद दो साल रहेंगे या नहीं। कहीं ये दिल्ली के हाथ से लगाम अपने हाथ में लेने की कोशिश तो नहीं है। अखिलेश यादव ने आगे इसे 'दिल्ली बनाम लखनऊ 2.0' बताया है।
कांग्रेस बोली- अमित शाह के डर से यूपी सरकार ने गुपचुप फैसला लिया
कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र राजपूत ने इसे लेकर कई सवाल पूछे। उन्होंने कहा कि क्या अमित शाह के डर से यूपी सरकार ने गुपचुप फैसला लिया। क्या यह दिल्ली दरबार के खिलाफ बागी होने का फैसला है। उन्होंने कहा कि डबल इंजन आपस में रेस कर रहे हैं, कुछ तो है जिसकी पर्देदारी हो रही है और पर्दे में ही फैसले हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि जनता दोनों इंजन को पर्दे में भेजने जा रही है, अब कोई तरकीब काम नहीं आएगी।
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