देश में चल रहे सियासी मुद्दों पर मौलाना सय्यद साएम मेंहदी ने कहा कि यूनिफॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) के लिए वह दो साल से केंद्र सरकार से कह रहे हैं कि वह पहले हमें यूसीसी के बारे में अवगत कराएं, तब हम हां या नहीं का जवाब देंगे।
Lucknow News : ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड ने UCC का फिर किया विरोध, आंदोलन की दी चेतावनी
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Jul 03, 2024 18:21
Jul 03, 2024 18:21
- यूसीसी को उत्तराखंड में रद्द करने की मांग
- मोहर्रम के दौरान कांवड़ यात्रा के मद्देनजर पर्याप्त सुरक्षा की मांग
मोहर्रम में बेहतर बंदोबस्त की मांग
बैठक में बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना सय्यद साएम मेंहदी ने कहा कि 8 जुलाई से मोहर्रम शुरू हो रहा है और जानकारी मिली है कि अशरा ए मोहर्रम में कांवड़ियों का प्रोग्राम भी उत्तर प्रदेश में होगा। ऐसी सूरत में हम उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से ये अपील करते हैं कि मोहर्रम में जहां ताजिये रखे व उठाए जाते हैं और जहां मजलिसें होती हैं या जुलूस निकलते हैं उनको परंपरागत सुरक्षा व्यवस्था के साथ शांतिपूर्ण माहौल में निकलवाने का आदेश पारित करें।
यूसीसी पर जताया कड़ा विरोध
देश में चल रहे सियासी मुद्दों पर मौलाना सय्यद साएम मेंहदी ने कहा कि यूनिफॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) के लिए वह दो साल से केंद्र सरकार से कह रहे हैं कि वह पहले हमें यूसीसी के बारे में अवगत कराएं, तब हम हां या नहीं का जवाब देंगे। मौलाना ने कहा कि उत्तराखंड सरकार ने यूसीसी को विधानसभा से पास करा के गवर्नर के पास भेजा है ये सिर्फ केंद्र सरकार की खुशामद करने के लिए किया गया है। यूसीसी लागू होने से देश में अमन और सुकून कायम नहीं रह पाएगा, लिहाजा इसको लागू नहीं किया जाए।
मौलाना यासूब अब्बास भी बैठक में रहे मौजूद
बोर्ड के महासचिव मौलाना यासूब अब्बास ने कहा की देश में यूनिफॉर्म सिविल कोड का मुद्दा गरमाया हुआ है और उत्तराखंड में यूसीसी को लागू करने की मंजूरी भी मिल गई है। मौलाना ने कहा के देश में यूनिफॉर्म सिविल कोड आने के बाद हमारे अधिकारों और पर्सनल लॉ पर इसका गहरा प्रभाव पड़ेगा। ये हमारे पर्सनल लॉ में हस्तक्षेप होगा। मैं केंद्रीय सरकार से मांग करता हूं कि वह अपने दिए गए नारे 'सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास' को ध्यान में रखते हुए इस कानून पर पुनः विचार करे और इसे देश में लागू नहीं किया जाए।
पीएम मोदी को मौलाना ने लिखा पत्र
मौलाना यासूब अब्बास ने बैठक में कहा कि आने वाले मोहर्रम को लेकर हमने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शिया पर्सनल लॉ बोर्ड की तरफ से एक पत्र भी लिखा है। इसमें हमने प्रधानमंत्री से आगामी मोहर्रम में निकलने वाले जुलूसों और ताजियों के निकलने के दौरान बेहतर इंतजाम, उनमें जाने वाले लोगों की हिफाजत के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था कराने की बात कही है। मौलाना ने कहा कि हिंदुस्तान में सात से आठ करोड़ शिया मुस्लिम समुदाय के साथ-साथ बड़ी संख्या में हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई व हर मजहब के लोग हजरत इमाम हुसैन अ.स से अकीदत रखते हैं और उनकी याद में ताजिये व जुलूस निकालते हैं। इसलिए केंद्र सरकार से मांग है कि वह हर प्रदेश के मुख्यमंत्री को मोहर्रम में निकलने वाले जुलूसों, ताजियों और रात-रात भर मजलिसों में जाने वाली मातमी अंजुमनों को लेकर बेहतर इंतजाम और उनमें जाने वाले लोगों की हिफाजत के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था कराने के निर्देश जारी करें।
हुसैनाबाद ट्रस्ट की इमारतों पर जताई नाराजगी
मौलाना यासूब अब्बास ने हुसैनाबाद ट्रस्ट के अन्तर्गत आने वाली इमारतों की जर्जर हालत पर भी अपनी नाराजगी का इजहार किया। मौलाना ने इस बात पर कहा कि ये धार्मिक इमारतें जिनकी हालत बहुत जर्जर है, अगर वक्त रहते इन पर ध्यान नहीं दिया गया तो ये बर्बाद हो जाएंगी। जबकि इनकी आमदनी करोड़ो में है। हमारे लखनऊ की पहचान इन्ही इमारतों से है। लखनऊ की कर्बला, दरगाहें, इमामबाड़े दुनिया भर में मशहूर हैं। उत्तर प्रदेश सरकार, जिलाधिकारी-चेयरमैन हुसैनाबाद ट्रस्ट इस पर ध्यान दे।
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