आजाद समाज पार्टी (आसपा) के कार्यकर्ताओं ने बुधवार को लखनऊ नगर निगम कार्यालय में ठेकेदारी प्रथा के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने सफाई कर्मचारियों को स्थायी करने और उनके वेतन में वृद्धि की मांग की।
नगर निगम मुख्यालय पर आसपा का प्रदर्शन : ठेकेदारी प्रथा का कर रहे विरोध, सफाई कर्मचारियों को स्थायी करने की मांग
Jan 15, 2025 15:46
Jan 15, 2025 15:46
सफाई कर्मचारियों को स्थायी नियुक्ति
आसपा प्रदेश अध्यक्ष अनिकेत धानुक का आरोप है कि नगर निगम प्रशासन और राज्य सरकार द्वारा सफाई कर्मचारियों को ठेकेदारी और संविदा पर नियुक्त करने से उनका शोषण हो रहा है। उन्होंने ने बताया कि इन कर्मचारियों को केवल पांच हजार से सात हजार रुपये प्रति माह वेतन मिलता है, जो उनके परिवार के जीवनयापन के लिए अपर्याप्त है। उन्होंने इस व्यवस्था को समाप्त करने और सफाई कर्मचारियों को स्थायी रूप से नियुक्त करने की मांग की।
पूरे प्रदेश में व्यापक आंदोलन
आसपा प्रदेश अध्यक्ष ने साफ शब्दों में चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगों को नजरअंदाज किया गया तो वे पूरे प्रदेश में व्यापक आंदोलन करेंगे। उनका कहना है कि लखनऊ समेत पूरे प्रदेश में सफाई कर्मचारियों का काम ठप कर दिया जाएगा। इसके साथ ही, उन्होंने मांग की कि सफाई कर्मचारियों को उनके काम का उचित सम्मान मिलना चाहिए और उनका वेतन इतना होना चाहिए कि वे अपने परिवार की जरूरतों को पूरा कर सकें।
स्वास्थ्य बीमा और पेंशन की मांग
प्रदर्शनकारियों ने यह भी मांग की कि सफाई कर्मचारियों को विशेष स्वास्थ्य बीमा और पेंशन योजना का लाभ दिया जाए। उनका कहना है कि सफाई कर्मी समाज में सबसे अहम भूमिका निभाते हैं, और उन्हें अस्वस्थता या वृद्धावस्था के समय आर्थिक सुरक्षा मिलनी चाहिये। कार्यकर्ताओं ने सफाई कर्मचारियों के लिए स्वास्थ्य बीमा और पेंशन की मांग।
कोरोना महामारी के दौरान असली योद्धा
आजाद समाज पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अनिकेत धानुक ने कहा, हम सरकार को चेतावनी दे रहे हैं कि अगर श्रमिकों के अधिकारों का सम्मान नहीं किया गया, तो हम सरकार की ईंट से ईंट बजा देंगे। उन्होंने यह भी कहा कि सफाई कर्मचारी कोरोना महामारी के दौरान असली योद्धा साबित हुए थे, और उन्हें कोरोना के समय चिकित्सकों के साथ मिलकर अहम भूमिका निभाई थी।
स्वच्छ भारत मिशन में सफाई कर्मचारियों का योगदान
अनिकेत धानुक ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत मिशन को सफल बनाने में सफाई कर्मचारियों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उनके अनुसार, इन कर्मचारियों की मेहनत को देखते हुए प्रदेश सरकार और नगर निगम को उनका शोषण नहीं करना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि ठेकेदारी प्रथा और संविदा के जरिए सफाई कर्मचारियों के अधिकारों का उल्लंघन हो रहा है और सरकार को इसे तुरंत सुधारने की आवश्यकता है।
सफाई कर्मचारियों मिले उनका हक
आजाद समाज पार्टी के कार्यकर्ताओं ने यह स्पष्ट किया कि अगर उनकी मांगों पर शीघ्र कार्रवाई नहीं की जाती, तो वे अपनी संघर्ष की रणनीति को और तेज करेंगे। उनका कहना था कि सफाई कर्मचारी किसी एक समुदाय या वर्ग का हिस्सा नहीं हैं, बल्कि वे समाज के हर हिस्से में योगदान देते हैं और उन्हें उनका हक मिलना चाहिए।
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