महाराजा चेत सिंह जिला चिकित्सालय, ज्ञानपुर, भदोही में तैनात चिकित्सक की लापरवाही से भर्ती मरीज की मौत हो गई थी। इस मामले की जांच कराई गई, जिसमें सामने आया कि संबंधित चिकित्सक ने दायित्वों के निर्वहन में लापरवाही बरती।
लापरवाह चिकित्सकों पर कार्रवाई का चाबुक : मरीज की मौत से लेकर वायरल वीडियो और गैरहाजिर होने पर लिया गया एक्शन
Sep 12, 2024 19:38
Sep 12, 2024 19:38
काम में लापरवाही बरतने, बिना बताए ड्यूटी से गैर हाजिर रहने और प्राइवेट प्रैक्टिस सहित अन्य आरोपों की पुष्टि होने पर ये कार्रवाई की है। इसमें एक चिकित्साधिकारी को बर्खास्त करने के भी निर्देश दिए गए हैं। बताया जा रहा है कि डॉक्टर कई बार चेतावनी देने के बाद भी अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा रहे थे। इसका प्रभाव स्वास्थ्य सेवाओं पर पड़ रहा था। साथ ही मरीजों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। ऐसे में सरकार ने कड़ी कार्रवाई की है।
मरीज की मौत के मामले में डॉक्टर की लापरवाही उजागर
उपमुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने गुरुवार को बताया कि महाराजा चेत सिंह जिला चिकित्सालय, ज्ञानपुर, भदोही में तैनात चिकित्सक की लापरवाही से भर्ती मरीज की मौत हो गई थी। इस मामले की जांच कराई गई, जिसमें सामने आया कि संबंधित चिकित्सक ने दायित्वों के निर्वहन में लापरवाही बरती। साथ ही समय पर मरीज को हायर सेंटर रेफर नहीं किया गया, जिसकी वजह से ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई। इस मामले में अब आरोपी चिकित्सक की वेतनवृद्धियां स्थायी रूप से रोकते हुए परिनिंदा का दंड प्रदान किया गया है।
गैरहाजिर डॉक्टर को किया जाएगा बर्खास्त
एक अन्य मामले में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र फरीदपुर, बरेली में तैनात चिकित्साधिकारी के लंबे समय से बिना बताए अनुपस्थित रहने की शिकायत सामने आई। जांच में इसे सही पाया गया। डॉक्टर की गैरहाजिरी की वजह से आम जनता को सरकार की स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ बेहतर तरीके से नहीं मिल पा रहा था। चेतावनी के बाद भी डॉक्टर उपस्थित नहीं हुए। ऐसे में अब चिकित्सक को एक महीने का नोटिस देकर बर्खास्त किये जाने के निर्देश प्रमुख सचिव, चिकित्सा एवं परिवार कल्याण को दिए गए हैं। इसके अलावा उपमुख्य चिकित्साधिकारी, मेरठ के खिलाफ भी कार्रवाई की गई है। डिप्टी सीएमओ पर आरोप है कि उनहोंने प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र रोहटा में तैनाती अवधि में कर्मचारियों के ऐरियर व देयकों के भुगतान में वित्तीय अनियमितता की, इस वजह से लोगों को परेशानी है। इस मामले में उनकी दो वेतनवृद्धियां दो वर्षों के लिए रोकते हुए परिनिंदा प्रविष्टि भी दी गई है।
वायरल वीडियो मामले में लिया गया एक्शन
इसी तरह आचार्य, अस्थि रोग विभाग, महाराजा सुहेलदेव स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय एवं महर्षि बलार्क चिकित्सालय, बहराइच को अपने निजी आवास पर मरीजों को देखने और प्राइवेट प्रैक्टिस का आरोप जांच में सही पाया गया। इसके बाद आरोपी चिकित्सक की दो वेतनवृद्धियां स्थायी रूप से रोकते हुए परिनिंदा का दण्ड दिया गया है। वहीं जिला क्षय रोग अधिकारी भदोही का एसीएमओ-नोडल अधिकारी, सीएचसी डीघ भदोही के पद पर रहते हुए उच्चादेशों की अवहेलना करते हुए व्यंगात्मक, अभद्र एवं अमर्यादित भाषा का प्रयोग करने संबंधी वायरल वीडियो जांच में सही पाया गया। इसके बाद उनके खिलाफ भी एक्शन लिया गया है। उनके विरुद्ध तीन वेतनवृद्धियां स्थायी रूप से रोकते हुए परिनिंदा की कार्रवाई की गई है।
26 चिकित्सक इसी महीने किए जा चुके हैं बर्खास्त
इससे पहले सितंबर माह के पहले सप्ताह में ही उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक प्रमुख सचिव स्वास्थ्य को 26 चिकित्सकों की बर्खास्तगी के निर्देश दे चुके हैं। इन चिकित्सकों को कई बार चेतावनी दी गई, इसके बाद भी इनकी कार्यप्रणाली में सुधार देखने को नहीं मिला। इसके बाद इन्हें बर्खास्त कर दिया गया।
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