मंख्यमंत्री ने प्रसन्नता व्यक्त की कि प्राचीन युद्धकला को भारतीय सेना ने अपना हिस्सा बनाकर ना सिर्फ इस शौर्यकला को सम्मान दिया है, बल्कि सिख गुरुओं के त्याग और बलिदान को भारत के युवाओं के सामने रखकर सम्मान देने का कार्य किया है।
नो योर आर्मी : सेना के हथियारों और साजो-सामान की प्रदर्शनी, मुख्यमंत्री ने तीन दिवसीय फेस्टिवल का उद्घाटन किया
Jan 05, 2024 17:19
Jan 05, 2024 17:19
सिख रेजिमेंट की शौर्यकला का प्रदर्शन देख सीएम हुए रोमांचितलखनऊ स्थित सेना के मध्य कमान में 'नो योर आर्मी' फेस्टिवल का हुआ शुभारंभ। CM योगी के कहा -140 करोड़ देशवासियों की शक्ति का प्रतीक है 'भारतीय सेना', देशसेवा में हमारे जवानों ने दिया है सर्वोच्च बलिदान।#Lucknow @myogiadityanath #UttarPradesh #IndianArmy @adgpi #KnowYourArmy pic.twitter.com/lK0HJT4JEN
— Uttar Pradesh Times (@UPTimesLive) January 5, 2024
पहली बार देश की राष्ट्रीय राजधानी के बाहर आयोजित हो रहे 'नो योर आर्मी' फेस्टिवल के लिए मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री और रक्षामंत्री का विशेष रूप से धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि समारोह के लिए लखनऊ स्थित सेंट्रल कमांड को चुना जाना गर्व की बात है। यह प्रदेश के युवाओं को नजदीक से भारतीय सेना को जानने और सेना के शौर्य और पराक्रम को नजदीक से पहचानने का अवसर है। मुख्यमंत्री ने सिख रेजिमेंट के शौर्यकला प्रदर्शन को शानदार बताते हुए कहा कि ये भारत की प्राचीन कला है, जिसके जरिए हमारे पारंगत युवा आक्रांताओं को मुंहतोड़ जवाब देते थे। मंख्यमंत्री ने प्रसन्नता व्यक्त की कि प्राचीन युद्धकला को भारतीय सेना ने अपना हिस्सा बनाकर ना सिर्फ इस शौर्यकला को सम्मान दिया है, बल्कि सिख गुरुओं के त्याग और बलिदान को भारत के युवाओं के सामने रखकर सम्मान देने का कार्य किया है।
सेना की शक्ति और पराक्रम देखने का अवसर है ये फेस्टिवल
मुख्यमंत्री ने कहा कि 'नो योर आर्मी' फेस्टिवल के जरिए ना सिर्फ सेना के साजो-सामान और हथियारों की प्रदर्शनी को देखने का अवसर हमें मिल रहा है, बल्कि इसके जरिए सेना की शक्ति, पराक्रम और राष्ट्रभक्ति की निष्ठा को भी नजदीक से जानने समझने का अवसर मिलेगा। यह सेना के हथियारों, उनकी कार्यशैली, और कार्य कुशलता को भी जानने का अवसर है, जिससे सामान्यत: जनता अनभिज्ञ रहती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यूपी वीरों की भूमि है। देश की सुरक्षा के लिए लड़ी गई हर लड़ाई में हमारे जवानों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है। देश की सुरक्षा करते हुए हमारे जवानों ने प्रदेश का गौरव बढ़ाया है। प्रदेश सरकार भी सेवारत और सेवानिवृत्त सैनिकों के हितों के लिए पूरी तरह से संकल्पबद्ध है। सरकार वीरगति प्राप्त करने वाले वीरों के परिजनों को 50 लाख की धनराशि और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का कार्य करती है।
बालक ही नहीं बालिकाओं के लिए भी सैनिक स्कूल शुरू करने वाला पहला राज्य है यूपी
सीएम योगी ने कहा कि देश आज प्रत्येक क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को प्राप्त कर रहा है। ऐसे में सेना के लिए हथियारों और साजो-सामान के मामले में भी हम तेजी के साथ आत्मनिर्भर हो रहे हैं। उन्होंने यूपी के डिफेंस नोड और 2020 में आयोजित डिफेंस एक्सपो की भी चर्चा की। उन्होंने बताया कि देश में 100 नये सैनिक स्कूल बनाए जा रहे हैं। इनमें से यूपी में 16 सैनिक स्कूल बनाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि वृंदावन में बालिकाओं के लिए सैनिक स्कूल प्रारंभ किया गया है। मुख्यमंत्री ने बताया कि उत्तर प्रदेश देश को ना सिर्फ पहला सैनिक स्कूल देने वाला राज्य है, बल्कि बालिकाओं के लिए सैनिक स्कूल शुरू करने वाला भी पहला राज्य बन गया है।
इस अवसर पर प्रदेश के मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, मध्य कमान के कमांडिंग इन चीफ लेफ्टिनेंट जनरल एनएस राजा सुब्रमणि, मध्य कमान के चीफ ऑफ स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल मुकेश चड्ढा, प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र, मुख्यमंत्री के प्रशासनिक सलाहकार अवनीश कुमार अवस्थी, पूर्व मंत्री डॉ महेन्द्र सिंह सहित बड़ी संख्या में सेना के अधिकारी, जवान और सैनिकों के परिवारजन मौजूद रहे।
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