सीएम वैश्विक नगरोदय योजना : यूपी में 50 प्रतिशत से ज्यादा राजस्व वृद्धि करने वाले नगर निगमों को मिलेगा 100 करोड़ का अनुदान

यूपी में 50 प्रतिशत से ज्यादा राजस्व वृद्धि करने वाले नगर निगमों को मिलेगा 100 करोड़ का अनुदान
UPT | सीएम वैश्विक नगरोदय योजना

Jul 26, 2024 00:17

उत्तर प्रदेश में पचास प्रतिशत से ज्यादा राजस्व वृद्धि करने वाले नगर निगमों को 100 करोड़ रुपए तक का अनुदान दिया जाएगा। इसके अलावा 25 प्रतिशत टैक्स वृद्धि करने वाले नगर निगमों को न्यूनतम 2.5 करोड़ और अधिकतम 50 करोड़ का अनुदान मिल सकेगा।

Jul 26, 2024 00:17

Short Highlights
  • पांच प्रतिशत टैक्स वृद्धि करने वाले नगर निगमों को 50 करोड़ तक अनुदान
  • एसओपी में विशेष परिस्थितियों के तहत सरकार ने किया प्राविधान
Lucknow News : उत्तर प्रदेश में पचास प्रतिशत से ज्यादा राजस्व वृद्धि करने वाले नगर निगमों को 100 करोड़ रुपए तक का अनुदान दिया जाएगा। इसके अलावा 25 प्रतिशत टैक्स वृद्धि करने वाले नगर निगमों को न्यूनतम 2.5 करोड़ और अधिकतम 50 करोड़ का अनुदान मिल सकेगा। एक लाख से अधिक जनसंख्या वाली नगर पालिका व जिला मुख्यालयों में 15 प्रतिशत टैक्स वृद्धि वाले निकायों को न्यूनतम 25 लाख और अधिकतम 20 करोड़ मिलेंगे। वही, एक लाख से कम जनसंख्या वाली नगर पालिका, जिला मुख्यालयों व नगर पंचायतों में 10 प्रतिशत टैक्स वृद्धि वाले निकायों को  न्यूनतम 10 लाख और 5 करोड़ तक का अनुदान दिया जाएगा। जबकि विशेष परिस्थितियों में 50 प्रतिशत से अधिक राजस्व वृद्धि करने, नवोन्मेषी परियोजनाएं, राजस्व उत्पादक परियोजनाएं एवं राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय महत्व की परियोजनाओं के लिए प्रति नगर निगम अधिकतम 100 करोड़ रुपए की निधि जारी की जा सकती है। मुख्यमंत्री वैश्विक नगरोदय योजना के क्रियान्वयन के लिए जारी एसओपी में इसका प्राविधान किया गया है।

500 करोड़ की व्यवस्था
योजना के तहत, सेल्फ रेवेन्यू कलेक्शन को आधार वर्ष 2022-23 की तुलना में 10 प्रतिशत से अधिक बढ़ाया जाएगा, जो पात्रता मानदंड होगा। यह योजना 2024-25 से शुरू होकर पांच वर्षों के लिए लागू रहेगी। 2024-25 में इस योजना के लिए 500 करोड़ रुपए की धनराशि की व्यवस्था की गई है। इस योजना से उत्तर प्रदेश के समस्त 762 नगरीय स्थानीय निकायों को आच्छादित किया जाएगा। यह योजना राज्य के समस्त नगरीय क्षेत्रों में सतत आर्थिक वृद्धि, समानता और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ाने के लिए 3ई दृष्टिकोण अपनाएगी। योजना के प्रयोजन के लिए नगरीय स्थानीय निकाय के प्रकार, जनसंख्या और क्षेत्रफल के आधार पर नगरीय स्थानीय निकाय को तीन श्रेणियों में बांटा गया है। श्रेणी-1 में नगर निगम (3 लाख से अधिक जनसंख्या), श्रेणी-2 में नगर पालिका परिषद एवं जिला मुख्यालय (1 लाख से अधिक जनसंख्या) और श्रेणी-3 में नगर पालिका परिषद, नगर पंचायतें और जिला मुख्यालय (1 लाख से कम जनसंख्या) को शामिल किया गया है। इन श्रेणियों के तहत विभिन्न परियोजनाएं अनुमन्य की गई हैं।

पीएमयू का गठन किया जाएगा
योजना के लिए उपलब्ध बजट व्यवस्था के सापेक्ष वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए परियोजनाओं की वित्तीय स्वीकृति के लिए आवंटित संरचना श्रेणी-1 के लिए आवंटन का 40 प्रतिशत, श्रेणी-2 के लिए कुल आवंटन का 40 प्रतिशत एवं श्रेणी-3 के लिए कुल आवंटन का 20 प्रतिशत तक आरक्षित किया गया है। नगर निगम, नगर पालिका परिषद एवं नगर पंचायतों के लिए अनुमोदित बजट आवंटन की धनराशि में मंत्री नगर विकास विभाग द्वारा आवश्यकतानुसार परिवर्तन किया जा सकेगा। प्रत्येक नगरीय स्थानीय निकाय की आवश्यकता के दृष्टिगत स्टेकहोल्डर्स से परामर्श करते हुए दिशा निर्देशों के अनुरूप एक पंचवर्षीय विजन प्लान तथा इस विजन प्लान के अंतर्गत वार्षिक कार्ययोजना तैयार की जाएगी। पहले वर्ष की कार्ययोजना विजन प्लान के साथ ही निदेशालय को प्रस्तुत की जाएगी। योजना से संबंधित सभी गतिविधियों के संचालन करने में सहयोग के लिए निदेशालय स्तर पर एक पीएमयू का गठन किया जाएगा। 

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