उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शुक्रवार को वाराणसी में विश्व के सबसे बड़े और भव्य 'नमो घाट' का उद्घाटन किया। इस मौके पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।
काशी में उप राष्ट्रपति ने किया 'नमो घाट' का उद्घाटन : भारत की सांस्कृतिक धरोहर को सलाम, सीएम योगी की सराहना करते हुए उन्हें बताया 'तपस्वी'
Nov 15, 2024 20:05
Nov 15, 2024 20:05
योगी आदित्यनाथ की सराहना, उन्हें बताया 'तपस्वी'
उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपने संबोधन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भूरी-भूरी प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी अपनी लगन और निष्ठा के बल पर उत्तर प्रदेश को 'उद्यम प्रदेश' बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि योगी आदित्यनाथ प्रदेश को सर्वोच्च राज्य बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत हैं। उप राष्ट्रपति ने सीएम योगी की तुलना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से करते हुए कहा कि जिस प्रकार प्रधानमंत्री मोदी संरक्षण, सृजन, और विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं, उसी तरह उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ भी एक तपस्वी की तरह काम कर रहे हैं।
सामाजिक समरसता और स्वदेशी भावना पर बल
अपने संबोधन के दौरान उप राष्ट्रपति ने भारत की सामाजिक समरसता और सांस्कृतिक धरोहर की सराहना की। उन्होंने कहा कि भारत की नींव सामाजिक समरसता पर आधारित है, और यह हमारी ताकत है। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनने की दिशा में बढ़ रहा है और इस लक्ष्य को प्राप्त करने में हर भारतीय को अपना योगदान देना होगा। उप राष्ट्रपति ने सामाजिक सौहार्द को त्योहारों की खासियत बताते हुए कहा कि सौहार्दपूर्ण संवाद और आस-पड़ोस की देखभाल ही हमारी सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा है।
देव दीपावली और सांस्कृतिक धरोहर का उत्सव
उप राष्ट्रपति ने अपने भाषण के समापन में देव दीपावली के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि यह पारंपरिक उत्सव समाज के हर वर्ग को एक साथ आने और भारतीय संस्कृति की सुंदरता को मनाने का अवसर प्रदान करता है। उप राष्ट्रपति ने नमो घाट के उद्घाटन को वाराणसी की सांस्कृतिक धरोहर के सम्मान के रूप में देखा और कहा कि यह एक ऐसा क्षण है जो बदलते भारत की पहचान को विश्व के सामने रखता है।
ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत को आगे बढ़ाने की कोशिश
नमो घाट के उद्घाटन के अवसर पर उप राष्ट्रपति ने काशी की सांस्कृतिक विरासत को विश्व के सामने सम्मान के साथ प्रस्तुत करने की बात कही। उन्होंने कहा कि भारत की सांस्कृतिक जड़ें हमारे वर्तमान और भविष्य का आधार हैं, और इसे संरक्षित रखना हमारा दायित्व है। इस अवसर पर उप राष्ट्रपति की पत्नी सुदेश धनखड़, राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी, तथा कई अन्य प्रमुख लोग भी मौजूद थे।
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