टाटा की एयर इंडिया सैट्स अपने सीएसआर फंड से प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों का कायाकल्प कर रही है।महाराजगंज जिले में प्राथमिक विद्यालयों को विश्वस्तरीय सुविधाओं से लैस किया जा रहा है।
UP News: सीएसआर फंड से बदली प्राइमरी स्कूलों की तस्वीर, 18 हजार करोड़ से ज्यादा का निवेश
Jul 09, 2024 17:57
Jul 09, 2024 17:57
- निजी कंपनी एयर इंडिया सैट्स ने किया 45 लाख का निवेश
- प्रदेश में 75 संस्थाएं सीएसआर फंड के तहत दे रहीं शिक्षा को बढ़ावा
स्कूलों के कायाकल्प के लिए 45 लाख का निवेश
एयर इंडिया सैट्स ने महाराजगंज के दो प्राइमरी स्कूलों के कायाकल्प की जिमेदारी ली है। इसके लिए जिला प्रशासन को 45 लाख रुपए मुहैया कराए हैं। इस धनराशि से चौक क्षेत्र के कंपोजिट विद्यालय सोनाड़ी खास व प्राथमिक विद्यालय चौक छावनी को वर्ल्ड क्लास सुविधाओं से लैस किया जा रहा है। इनमें से एक प्राथमिक विद्यालय छावनी के कायाकल्प का कार्य पूर्ण हो चुका है। प्राथमिक विद्यालय का यह बदला हुआ स्वरूप बच्चों को पढ़ने के लिए आकर्षित कर रहा है। कंप्यूटर, इंट्रैक्टिव पैनल, स्मार्ट क्लास, फर्नीचर आदि सुविधा मुहैया कराकर दोनों विद्यालयों को मॉडल स्कूल के रूप में विकसित किया गया है। जिन 19 मानको पर इन स्कूलों को सुधारा गया है, उसमें पेय जल, ब्लैक बोर्ड, फर्नीचर, शौचालय, नल से जल, रंगाई पुताई, साइंस लैब, लाइब्रेरी, कंप्यूटर लैब शामिल है।
मिशन कायाकल्प का उद्देश्य शिक्षा को बढ़ावा देना
उत्तर प्रदेश में शिक्षा और उससे जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर की गुणवत्ता को सुधारने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा शुरू की गई कायाकल्प पहल के तहत दो स्कूलों का चयन किया गया है। एयर इंडिया सैट्स के अधिकारी के अनुसार, चयनित जिला वंचित और पिछड़ा हुआ है, जहां हाल ही में कंपनी ने जॉब फेयर का आयोजन भी किया था। इस परियोजना पर कुल 45 लाख रुपए की लागत आएगी। स्कूलों के कायाकल्प का उद्देश्य शिक्षा को बढ़ावा देना है। एआई सैट्स का प्रयास है कि वे उन विद्यार्थियों की उपस्थिति बढ़ाएं जो सुविधा के अभाव में स्कूल नहीं आ पाते। स्मार्ट और ऑनलाइन कक्षाओं के माध्यम से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने, खेल सुविधाओं की स्थापना से स्वास्थ्य को प्रोत्साहित करने, और छात्रों के बीच पढ़ने की आदत को बढ़ावा देने के लिए पुस्तकालय का निर्माण करने पर जोर दिया जाएगा।
सीएसआर के जरिए स्कूल इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार
कई बड़ी सरकारी और गैर सरकारी संस्थाएं अपने सीएसआर फंड के माध्यम से शिक्षा विभाग के मिशन कायाकल्प में सहयोग कर रही हैं। बेसिक शिक्षा विभाग के अनुसार, प्रदेश में 75 संस्थाओं ने सीएसआर फंड के तहत 18 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा राशि का सहयोग किया है। इसमें किसी ने स्कूल इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार के लिए, किसी ने स्मार्ट क्लास के लिए सहयोग किया है। वहीं, सीएसआर के माध्यम से कंप्यूटर/साइंस लैब, फर्नीचर, झूले और आरओ भी लगवाए गए हैं। कुछ संस्थाओं ने खुद इन्फ्रास्ट्रक्चर मुहैया कराया है तो कुछ ने इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए धनराशि प्रदान की है।
सीएसआर फंड से प्रदेश में अरबों का निवेश
प्रदेश में सरकारी और गैर-सरकारी संस्थाएं अपने कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी (सीएसआर) फंड के जरिए शिक्षा विभाग के मिशन कायाकल्प को समर्थन दे रही हैं। बेसिक शिक्षा विभाग के मुताबिक, प्रदेश में 75 संस्थाओं ने सीएसआर फंड के तहत 18 हजार करोड़ रुपए से अधिक का योगदान किया है। कुछ ने स्कूलों के इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार के लिए, तो कुछ ने स्मार्ट क्लासरूम्स के लिए सहायता प्रदान की है। इसके अलावा, सीएसआर फंड से कंप्यूटर साइंस लैब, फर्नीचर, झूले और आरओ भी स्थापित किए गए हैं। कुछ संस्थाओं ने इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध कराया है, जबकि अन्य ने इसके लिए वित्तीय सहायता प्रदान की है।
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