रकाबगंज के किराना व्यापारियों के अनुसार बादाम की सप्लाई मुख्य रूप से अमेरिका के कैलिफोर्निया और अफगानिस्तान से होती है। वहीं, भारत में काजू का प्रमुख उत्पादक केरल है।
Lucknow News : सर्द मौसम में मेवों की मांग बढ़ी-कीमतों में उछाल, काजू ने दी थोड़ी राहत, कारोबारियों ने बताई वजह
Jan 15, 2025 13:44
Jan 15, 2025 13:44
काजू सस्ता, मखाना सबसे महंगा
इस बार काजू के दामों में गिरावट आई है। बाजार में काजू 840 से 950 रुपये प्रति किलोग्राम बिक रहा है, जबकि पिछले साल यह 1000 से 1100 रुपये किलो था। वहीं, मखाना के दामों में भारी उछाल देखा गया है। पिछले साल मखाना 800 रुपये प्रति किलोग्राम था, जो इस बार बढ़कर 1250 रुपये प्रति किलोग्राम हो गया है।
बादाम के दाम में भी इजाफा
बादाम के दाम भी इस बार बढ़े हैं। पिछले साल यह 560 रुपये प्रति किलो था। लेकिन इस बार यह 780 से 840 रुपये प्रति किलोग्राम बिक रहा है। छुहारे का दाम भी 250 रुपये से बढ़कर 350 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गया है।
बीजों की लोकप्रियता भी बरकरार
मेवों के साथ-साथ लोग तरबूज, खरबूज और सूरजमुखी के बीज को भी पसंद कर रहे हैं। इनका उपयोग सर्दी में स्नैक्स के रूप में किया जा रहा है। इस समय तरबूज का बीज 600 रुपये प्रति किलोग्राम, खरबूज का बीज 800 रुपये प्रति किलो और सूरजमुखी का बीज 700 रुपये प्रति किलोग्राम बिक रहा है। इन बीजों के दाम पिछले साल भी लगभग इसी स्तर पर थे।
अफगान बादाम और केरल का काजू की बेहतरीन गुणवत्ता
किराना व्यापारी बताते हैं कि अफगानिस्तान का बादाम अपने गर्म तासीर और बेहतर गुणवत्ता के लिए प्रसिद्ध है। वहीं, केरल का काजू अपने मीठे स्वाद के कारण बाजार में सबसे ज्यादा पसंद किया जाता है। केरल के पानी और मौसम की खासियत काजू को अन्य स्थानों के मुकाबले ज्यादा गुणवत्ता युक्त बनाती है। रकाबगंज के किराना व्यापारियों के अनुसार बादाम की सप्लाई मुख्य रूप से अमेरिका के कैलिफोर्निया और अफगानिस्तान से होती है। वहीं, भारत में काजू का प्रमुख उत्पादक केरल है।
महंगाई से प्रभावित हो रहा उपभोक्ता
मेवों की बढ़ी हुई कीमतें आम उपभोक्ताओं की जेब पर असर डाल रही हैं। खासकर मखाने और बादाम के बढ़ते दाम मध्यम वर्ग के परिवारों के लिए चुनौती बन रहे हैं। हालांकि, काजू की कीमत में गिरावट ने राहत जरूर दी है, लेकिन अन्य मेवों की महंगाई ने इसका संतुलन बिगाड़ दिया है।
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