सात दिन के नोटिस पर कनेक्शन काटना बिजली अधिनियम का उल्लंघन : उपभोक्ता परिषद की दोषियों पर कार्रवाई की मांग

उपभोक्ता परिषद की दोषियों पर कार्रवाई की मांग
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Oct 03, 2024 19:58

प्रदेश की बिजली कंपनियां उपभोक्ताओं को जो बिजली का बिल देती हैं, उसी को बिल कम नोटिस मानती हैं। ऐसे में सात दिन की जगह उसे 15 दिन की मोहलत कानून के तहत मिलनी चाहिए। लेकिन, प्रदेश की बिजली कंपनियां उपभोक्ताओं को जो बिल दे रही हैं उसके पीछे प्रिंट कर दिया है कि देय तिथि को भुगतान नहीं करने पर सात दिन बाद संयोजन विच्छेदन कर दिया जाता है।

Oct 03, 2024 19:58

Lucknow News :  प्रदेश की बिजली कंपनियों में लंबे समय से विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 56 का उल्लंघन किया जा रहा है। विद्युत अधिनियम 2003 की इस धारा के तहत बकाया भुगतान पर किसी भी विद्युत उपभोक्ता का बिजली कनेक्शन काटने का अधिकार तभी होगा जब देय तिथि के कुल 15 दिन बाद बिजली के बकाए का भुगतान नहीं किया गया हो। यानी की देय तिथि के 15 दिन की अनिवार्य रूप से नोटिस दिया जाना जरूरी है। 

15 दिन की मोहलत देना बेहद जरूरी
इसके विपरीत प्रदेश की बिजली कंपनियां उपभोक्ताओं को जो बिजली का बिल देती हैं, उसी को बिल कम नोटिस मानती हैं। ऐसे में सात दिन की जगह उसे 15 दिन की मोहलत कानून के तहत मिलनी चाहिए। लेकिन, प्रदेश की बिजली कंपनियां उपभोक्ताओं को जो बिल दे रही हैं उसके पीछे प्रिंट कर दिया है कि देय तिथि को भुगतान नहीं करने पर सात दिन बाद संयोजन विच्छेदन कर दिया जाता है। इस तरह यह विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 56 का खुला उल्लंघन है।



विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 56 का नहीं किया जा रहा पालन
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 56 प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं के बकाया पर देय तिथि के 15 दिन बाद ही बिजली कनेक्शन काटने का कानूनी अधिकार देती है। ऐसे में पावर कॉरपोरेशन व प्रदेश की बिजली कंपनियां काफी लंबे वर्षों से यह संवैधानिक परिपाटी को आगे बढ़ा रही हैं। इस पर तत्काल रोक लगाया जाना जरूरी हैं। उन्होंने कहा कि सही मायनों में इससे साबित होता है कि प्रदेश की बिजली कंपनियों को विद्युत अधिनियम 2003 के प्रावधानों का ज्ञान ही नहीं है। ऐसे में प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं के मन में बिजली कंपनियों के खिलाफ उनकी विश्वसनीयता पर सवाल उठना लाजिमी है।

यूपीपीसीएल दोषियों पर ले एक्शन
उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने कहा प्रदेश की बिजली कंपनियों ने विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 56 का उल्लंघन करके यह साबित कर दिया कि उनके स्तर पर कई अन्य मामलों में भी इसी तरह नियमों की अनदेखी और उदासीनता बरती जा रही होगी। उपभोक्ता परिषद इसकी गहनता से छानबीन करेगा और इसके बाद विद्युत नियामक आयोग से बात करेगा। उन्होंने कहा कि ये बेहद गंभीर मामला है। उन्होंने कहा कि पावर कारपोरेशन प्रबंधन को तत्काल इस प्रकार की गलत प्रक्रिया पर रोक लगाते हुए दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कदम उठाना चाहिए।

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