GENUS-HPL Blacklisted Case : मध्यांचल निगम ने एक टेंडर से बाहर निकाला, दूसरे में शामिल होने पर उठे सवाल

मध्यांचल निगम ने एक टेंडर से बाहर निकाला, दूसरे में शामिल होने पर उठे सवाल
UPT | Smart Meter

Sep 23, 2024 19:07

उपभोक्ता परिषद का कहना है कि यदि मध्यांचल विद्युत वितरण निगम को इसकी जानकारी नहीं थी तो दोनों मीटर निर्माता कंपनियों की जिम्मेदारी बनती थी कि वह मध्यांचल को इस बारे में अवगत कराती कि वह गोवा में ब्लैकलिस्टेड हो गईं हैं। इसलिए उनका बिड पार्ट नहीं खोला जाए।

Sep 23, 2024 19:07

Lucknow News : उत्तर प्रदेश में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगा रही दो कंपनियों जीनस व एचपीएल के गोवा में ब्लैकलिस्टेड होने के मामले में उपभोक्ता परिषद की लड़ाई रंग लाती नजर आ रही है। मध्यांचल विद्युत वितरण निगम ने बीते दिनों एचपीएल के अगले टेंडर को इस आधार पर नहीं खोला, क्योंकि कंपनी गोवा में काली सूची में डाली जा चुकी है। हालांकि एक दूसरे मामले में दोनों ब्लैक लिस्टेड कंपनियों के टेंडर का भाग खोलने पर उपभोक्ता परिषद ने सवाल उठाए हैं। संगठन ने अब दोनों कंपनियों की रिपोर्ट मांगने के साथ उनके खिलाफ कड़ा एक्शन लिए जाने की मांग की है।

जीनस व एचपीएल पर गोवा में कस चुका है शिकंजा
यूपी में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने वाली दो कंपनियों मेसर्स जीनस और एचपीएल को गवर्नमेंट ऑफ गोवा इलेक्ट्रिसिटी डिपार्टमेंट ने काली सूची में डाल दिया है। ये दोनों कंपनियां वहां ब्लैक लिस्ट कर दी गई हैं। ये दोनों कंपनियां ना तो गोवा सरकार के किसी टेंडर में भाग ले सकती हैं और ना ही केंद्र सरकार के स्मार्ट प्रीपेड मीटर के किसी टेंडर में ही हिस्सा लेने की इन्हें अनुमति है। उत्तर प्रदेश में जीनस को 7000 करोड़ से ऊपर का स्मार्ट प्रीपेड मीटर का टेंडर मिला है। वहीं एचपीएल यूपी में स्मार्ट प्रीपेड मीटर का टेंडर पानी वाली कंपनियों के निर्देश पर स्मार्ट प्रीपेड मीटर सप्लाई कर रही है। इस तरह दोनों कंपनियों के स्मार्ट प्रीपेड मीटर उत्तर प्रदेश में लग रहे हैं।



24 अगस्त को कंपनियों का टेंडर खोलने में क्यों नहीं रखा गया ध्यान
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद इस मामले की जानकारी उप्र विद्युत नियामक आयोग (UPERC) और यूपी पावर कारपोरेशन लिमिटेड (UPPCL) को पहले ही दे चुका है। संगठन इसे लेकर अधिकारियों पर लगातार सवाल खड़े कर रहा है। इसके बाद चार दिन पहले मध्यांचल विद्युत वितरण निगम ने इलेक्ट्रॉनिक मीटर के लगभग 21 लाख मीटर के टेंडर में एचपीएल कंपनी का भाग दो इसलिए नहीं खोला, क्योंकि वह गोवा में ब्लैक लिस्टेड है और इस बात को टेंडर पोर्टल पर अपलोड भी कर दिया। हालांकि संगठन के अध्यक्ष और राजय सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने एक दूसरे मामले को लेकर सवाल खड़े किए हैं। उनका कहना है कि दोनों कंपनियां गोवा में 5 अगस्त को ब्लैकलिस्टेड की गईं थी। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि 24 अगस्त को उत्तर प्रदेश में मध्यांचल विद्युत वितरण निगम ने जब एक दूसरा टेंडर खोला, तो उसमें भी दोनों कंपनियां जीनस व एचपीएल दोनों का भाग दो पार्ट बिड क्यों खोला गया।
 
कंपनियों को खुद देनी चाहिए जानकारी
उपभोक्ता परिषद का कहना है कि यदि मध्यांचल विद्युत वितरण निगम को इसकी जानकारी नहीं थी तो दोनों मीटर निर्माता कंपनियों की जिम्मेदारी बनती थी कि वह मध्यांचल को इस बारे में अवगत कराती कि वह गोवा में ब्लैकलिस्टेड हो गईं हैं। इसलिए उनका बिड पार्ट नहीं खोला जाए। यह सभी बिजली कंपनियों के लिए थंब रूल है कि कोई भी कंपनी यदि ब्लैकलिस्टेड होगी तो उसका टेंडर नहीं खुलेगा। वहीं ब्लैक लिस्टिड होने के पहले जो टेंडर उसे मिल चुका है, उसकी छानबीन होगी। उस पर क्या निर्णय होगा यह प्रबंधन की जिम्मेदारी होती है। लेकिन, हर हाल में उच्च गुणवत्ता को बनाए रखना सब की जिम्मेदारी है।

जानकारी होने पर प्रपत्र में ब्लैक लिस्टेड का किया जिक्र
अवधेश कुमार वर्मा ने कहा मध्यांचल विद्युत वितरण निगम का कहना है कि जब 24 अगस्त को टेंडर खोला गया तो उनकी जानकारी में नहीं था कि वह दोनों मीटर कंपनियां 5 अगस्त को गोवा में ब्लैकलिस्टेड हैं। लेकिन चार दिन पहले जब 19 सितंबर को टेंडर खोला गया तो उनकी जानकारी में आ गया था कि ये दोनों कंपनियां गोवा में काली सूची में डाली जा चुकी हैं। इसलिए एचपीएल का भाग 2 टेंडर नहीं खोला गया और प्रपत्र में मीटर कंपनी के गोवा में ब्लैक लिस्टेड होने की जानकारी दर्ज कर दी गई।

रिपोर्ट तलब कर कार्रवाई की मांग
उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने पावर कारपोरेशन प्रबंधन से मांग उठाई है की बिजली कंपनियों ने गोवा को पत्र भेज दिया है कि दोनों कंपनियां किस कारण से ब्लैक लिस्ट की गई हैं। लेकिन इस गंभीर मामले पर जल्द से जल्द रिपोर्ट मंगाकर आगे की कार्रवाई की जानी चाहिए, क्योंकि यह दोनों मीटर निर्माता कंपनियां उत्तर प्रदेश में स्मार्ट प्रीपेड मीटर का काम कर रही हैं। उपभोक्ता परिषद चाहता है कि उत्तर प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं के घरों पर मीटर रूपी जो तराजू लगे उसकी विश्वसनीयता और गुणवत्ता अच्छी क्वालिटी की हो।            

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