सीओ की गाड़ी को रास्ता न देने पर दो युवकों को भेजा जेल : कोर्ट ने कहा- फंसाने की नीयत से की गई कार्रवाई, रिमांड याचना खारिज

कोर्ट ने कहा- फंसाने की नीयत से की गई कार्रवाई, रिमांड याचना खारिज
UPT | पुलिस हिरासत में आरोपी

Oct 01, 2024 11:32

सीओ ने मोहम्मदपुर रोड और मोहम्मदीपुर के बीच गाड़ी को रास्ता न देने पर दोनों युवकों को पकड़ लिया। दोनों को मारा-पीटा और फिर सीओ ने दरोगा को बुलाया। उन्होंने आरोपियों को मारा-पीटा और रात 10 बजे तक वहीं पर बैठा कर रखा।

Oct 01, 2024 11:32

Hardoi News : उत्तर प्रदेश के हरदोई में पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठे हैं। आर्म्स एक्ट के एक मामले में पुलिस ने दो युवकों को जेल भेजा था। आरोपियों की पैरवी करते हुए उनके वकील ने कोर्ट को बताया कि सीओ की गाड़ी को रास्ता न देने पर पुलिसकर्मियों ने दोनों की पिटाई की और फिर उनके ऊपर नकली हथियार रखकर जेल भेज दिया। पुलिस ने कोर्ट से उनकी रिमांड मांगी थी। दोनों पक्षों को सुनने के बाद जज ने पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं। कोर्ट ने यह भी टिप्पणी की है कि इस मामले में पेश किए गए पांच वीडियो मनगढ़ंत हैं और ऐसा लगता है कि किसी को फंसाने के इरादे से बनाए गए हैं।

पुलिस की कार्रवाई पर कोर्ट ने उठाए सवाल 
पुलिस ने समीम और मुलायम यादव निवासीगण हकीमखेड़ा थाना-संडीला जिला को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया। इस मामले में विवेचना अधिकारी ने केस डायरी, मेडिकल और गिरफ्तारी सूचना मेमो के साथ रिमांड शीट पेश की। फिर आरोपियों की 14 दिन की रिमांड की मांग की। पुलिस ने दलील दी कि आरोपियों की गिरफ्तारी के 24 घंटे के अंदर जांच प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी और साक्ष्य संकलन की प्रक्रिया अभी बाकी  है।

रास्ता न देने पर दोनों युवकों को पुलिस ने पकड़ा
आरोपियों के वकील अभिषेक बाजपेयी ने आपत्ति जताते हुए कोर्ट को बताया कि सीओ ने मोहम्मदपुर रोड और मोहम्मदीपुर के बीच गाड़ी को रास्ता न देने पर दोनों युवकों को पकड़ लिया। दोनों को मारा-पीटा और फिर सीओ ने दरोगा को बुलाया। दरोगा और स्थानीय थाने की पुलिस पहुंची। उन्होंने आरोपियों को मारा-पीटा और रात 10 बजे तक वहीं पर बैठा कर रखा। सात आठ बार वीडियो बनाए। दोनो के तमंचा लगाकर भी वीडियो बनाए और थाने लिये चले गए।

एसपी को निष्पक्ष जांच कर विधि सम्मत कार्रवाई के निर्देश
मामले में दोनों पक्षों को सुनने के बाद अपर मुख्य न्याय दंडाधिकारी देवेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा है कि मामले में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 105 का पालन नहीं किया गया। धारा में प्रावधान है कि तलाशी और जब्ती की कार्रवाई की ऑडियो और वीडियो रिकॉर्डिंग अनिवार्य है। बताया जाता है कि आरोपी के पास से पिस्टल बरामद की गई थी। आरोपी से बरामदगी का वीडियो बनाया गया था। जिसे कोर्ट के समक्ष पेश किया गया। वीडियो 5 भागों में था। पहला वीडियो 01 मिनट 32 सेकंड का था, दूसरा 0.07 सेकंड, तीसरा 1 मिनट 25 सेकंड, चौथा वीडियो 6 मिनट 2 सेकंड  और आखिरी पांचवां वीडियो 12 मिनट 36 सेकंड का था

जज ने टिप्पणी करते हुए कहा कि सभी वीडियो को देखने के बाद प्रथम दृष्टया ऐसा लगता है कि आरोपियों के पास से बरामदगी की कार्रवाई उन्हें मात्र फर्जी तरीके से फंसाने के उद्देश्य से की गई है। जज ने पुलिस रिमांड की याचना को खारिज करते हुए हरदोई एसपी को निष्पक्ष जांच कर विधि सम्मत कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
 

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