जनपद में रबी सीजन के दौरान फास्फेटिक उर्वरक, डीएपी और एनपीके का वितरण सहकारी और निजी संस्थाओं के माध्यम से किया गया है। अब तक कुल 6221 मीट्रिक टन उर्वरक वितरित किया जा चुका है...
उर्वरक वितरण में अनियमितता पर हरदोई प्रशासन का कड़ा रूख : कालाबाजारियों के खिलाफ होगी कार्रवाई
Nov 09, 2024 00:31
Nov 09, 2024 00:31
- उर्वरक वितरण पर हरदोई प्रशासन सख्त
- कालाबाजारी कि शिकायत पर होगी कार्रवाई
- निजी एवं सहकारी क्षेत्र के उर्वरक विक्रेताओं को आदेश
कालाबाजारी कि शिकायत पर होगी कार्रवाई
मंगला प्रसाद सिंह ने बताया कि नवंबर 2024 में 11650 मीट्रिक टन डीएपी उर्वरक की मांग की गई है और उसकी आपूर्ति अगले सप्ताह से शुरू कर दी जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि सभी निजी और सहकारी उर्वरक विक्रेताओं को निर्देशित किया गया है कि वे उर्वरक वितरण को सुचारू रूप से सुनिश्चित करें। अगर किसी भी विक्रेता द्वारा ओवर रेटिंग या कालाबाजारी की शिकायत मिलती है, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी और उन्हें सीधे जेल भेजने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
पारदर्शिता और विधिक नियमों का पालन
इसके साथ ही, जिला प्रशासन ने यह भी सुनिश्चित किया है कि उर्वरक वितरण में किसी प्रकार की गड़बड़ी या व्यवधान न हो। प्रशासन ने सभी संबंधित विभागों को यह निर्देश दिया है कि वे नियमित निगरानी बनाए रखें और किसानों के बीच उर्वरकों की उपलब्धता में कोई कमी न हो। इसके अलावा, सरकार ने उर्वरक वितरण प्रक्रिया में पारदर्शिता और विधिक नियमों के पालन को सख्ती से लागू करने का निर्णय लिया है।
यह कार्रवाई यह सुनिश्चित करने के लिए की गई है कि उर्वरक वितरण में कोई भी अनियमितता न हो और किसानों को केवल गुणवत्ता वाले उर्वरक की आपूर्ति हो। प्रशासन ने इस तरह की गतिविधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का निर्णय लिया है और इस मामले में पूरी कानूनी प्रक्रिया का पालन किया जाएगा।
जिला प्रशासन अधिकारी रोजाना कर रहे भ्रमण
कृषकों को उर्वरक का वितरण सही तरीके से हो, इसके लिए जिला प्रशासन के अधिकारी जैसे उप जिलाधिकारी, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, खंड विकास अधिकारी और अन्य जिला स्तरीय अधिकारी प्रतिदिन भ्रमण कर रहे हैं। इस भ्रमण का उद्देश्य उर्वरक की मांग और आपूर्ति में कोई समस्या होने पर उसका समाधान करना है। इसके अलावा, कृषि और सहकारिता विभाग के अधिकारी भी संबंधित संस्थाओं का निरीक्षण कर रहे हैं, ताकि वितरण प्रक्रिया में कोई कमी न रहे और किसानों को समय पर उर्वरक मिल सके।
थोक विक्रेताओं के साथ बैठक का आयोजन
इसके अलावा, फास्फेटिक और नत्रजन उर्वरकों के अनावश्यक भंडारण और कृत्रिम कमी को रोकने के लिए संबंधित तहसील के उपजिलाधिकारियों की अध्यक्षता में एक सचल दल का गठन किया गया है। यह दल लगातार उर्वरक की उपलब्धता और भंडारण पर निगरानी रखेगा। निजी क्षेत्र में स्थित खुदरा उर्वरक विक्रेताओं के लिए भी क्षेत्रीय कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है, ताकि वे उर्वरक वितरण को सही तरीके से संचालित कर सकें। जनपद के सभी थोक उर्वरक विक्रेताओं के साथ एक बैठक आयोजित की गई, जिसमें उन्हें विभिन्न कंपनियों से संपर्क करके फास्फेटिक उर्वरक की आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही, खुदरा विक्रेताओं के स्तर पर उर्वरक के रियल-टाइम प्रेषण को सुनिश्चित किया जा रहा है, ताकि किसानों को समय पर और उनकी आवश्यकता के अनुसार उर्वरक मिल सके।
कृषकों को दी गई सलाह
कृषकों को यह सलाह दी गई कि डीएपी के साथ-साथ एनपीके उर्वरक का भी प्रयोग करें, ताकि फसलों को पूरी तरह से पोषण मिल सके। अधिकारियों ने यह भी सुनिश्चित किया कि किसानों को उनकी आवश्यकता के अनुसार उर्वरक की लगातार उपलब्धता बनी रहेगी। किसानों से यह आग्रह किया गया कि वे किसी भी अफवाह या भ्रामक सूचना पर ध्यान न दें और केवल फसल तथा जोत के हिसाब से उर्वरक की खरीदारी करें, ताकि वे अपनी फसलों के लिए उचित मात्रा में उर्वरक प्राप्त कर सकें।
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