इस बैठक में उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने हिस्सा लिया और राज्य की कृषि क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में विस्तार से चर्चा की...
केंद्र, यूपी सरकार और विश्व बैंक ने UPAGREES को लेकर की बातचीत : प्रदेश को 2030 तक एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य
Nov 09, 2024 00:54
Nov 09, 2024 00:54
- 3,903 करोड़ रुपये की कृषि परियोजना की शुरुआत
- UP को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य
- में उत्पादकता, क्लस्टर और डिजिटल प्लेटफॉर्म पर फोकस
छह वर्षों में लागू होगी परियोजना
यह UPAGREES परियोजना अगले छह वर्षों में लागू की जाएगी, जिसका उद्देश्य फसल उत्पादकता को बढ़ावा देना और उच्च मूल्य वाली कृषि वस्तुओं के लिए क्लस्टर स्थापित करना है। साथ ही, इस परियोजना के माध्यम से राज्य के पूर्वी और बुंदेलखंड क्षेत्रों में मत्स्य पालन पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने की योजना भी बनाई गई है। इससे न केवल कृषि के आधुनिकीकरण की दिशा में कदम उठाए जाएंगे, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। इसके अलावा, राज्यव्यापी डिजिटल कृषि प्लेटफॉर्म विकसित करने और कृषि वित्त पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ाने का भी लक्ष्य रखा गया है।
यूपी को प्रमुख कृषि उत्पादक और निर्यातक के रूप में स्थापित करने का उद्देश्य
मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने अपनी प्रस्तुति में बताया कि इस परियोजना का उद्देश्य उत्तर प्रदेश को एक प्रमुख कृषि उत्पादक और निर्यातक केंद्र के रूप में स्थापित करना है। इसके तहत, राज्य में वैश्विक मानकों के अनुरूप उत्पादन, प्रसंस्करण और परीक्षण की प्रणाली को मजबूत किया जाएगा। इसके परिणामस्वरूप राज्य में उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों की आपूर्ति सुनिश्चित हो सकेगी, जिससे कृषि निर्यात में भी वृद्धि होगी। इस दिशा में, जेवर हवाई अड्डे जैसे आधुनिक बुनियादी ढांचे के रणनीतिक लाभ को भी प्रमुख रूप से उजागर किया गया।
UPAGREES परियोजना के प्रमुख घटक
- इस परियोजना के मुख्य उद्देश्य में कृषि उत्पादकता को बढ़ाना, किसानों को उन्नत संसाधनों से जोड़ना और राज्य में कृषि पारिस्थितिकी तंत्र को सुधारना शामिल है। उत्पादकता वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए जलवायु-लचीले इनपुट की बेहतर पहुंच सुनिश्चित की जाएगी, ताकि प्राकृतिक संसाधनों का अधिकतम उपयोग हो सके। इसके साथ ही, उत्पादकता बढ़ाने के लिए नए और नवाचारी तरीकों को बढ़ावा दिया जाएगा।
- छोटे किसानों को उच्च मूल्य वाली वस्तुओं के लिए एकीकृत किया जाएगा। इन किसानों को विशेष कमोडिटी क्लस्टरों के माध्यम से उत्पाद मूल्य श्रृंखलाओं में शामिल कर उपज बढ़ाने, मूल्य संवर्धन और उनकी आय में वृद्धि करने में मदद दी जाएगी। यह क्लस्टर विभिन्न उत्पादकों, कृषि व्यवसायों और सार्वजनिक संस्थाओं का एक नेटवर्क बनाएंगे, जो एक-दूसरे के साथ मिलकर काम करेंगे।
- राज्यव्यापी डिजिटल और वित्तीय पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत किया जाएगा। इसका उद्देश्य किसानों को मौसम, बाजार मूल्य और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी समय पर प्रदान करना है, जिससे वे बेहतर निर्णय ले सकें। इसके लिए एक डिजिटल प्लेटफॉर्म विकसित किया जाएगा, जो कृषि संबंधित डेटा और सलाह को एक जगह उपलब्ध कराएगा और किसानों को सशक्त बनाएगा।
मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने इस अवसर पर कहा कि उत्तर प्रदेश के किसान अगर सर्वोत्तम राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय कृषि प्रथाओं से अवगत कराए जाएं, तो वे बड़ी उपलब्धियां हासिल कर सकते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि प्रस्तावित UPAGREES परियोजना का उद्देश्य वैश्विक स्तर पर उपलब्ध कृषि ज्ञान को एकीकृत करना और विभिन्न सीखने के अनुभवों का आदान-प्रदान करना है। परियोजना का डिज़ाइन इस बात को सुनिश्चित करने पर केंद्रित है कि किसानों को सही संसाधन और समर्थन मिले, ताकि वे एक मजबूत और आधुनिक कृषि अर्थव्यवस्था का हिस्सा बन सकें। इस प्रक्रिया से उच्च गुणवत्ता वाली कृषि उपज का उत्पादन बढ़ेगा, जो वैश्विक बाजारों में निर्यात के लिए उपलब्ध होगी और साथ ही इससे किसानों के लिए नए आय के अवसर भी उत्पन्न होंगे।
परियोजना को विश्व बैंक से मंजूरी मिलने की उम्मीद
इस प्रस्तावित परियोजना के लिए भारत सरकार और विश्व बैंक से भरपूर समर्थन मिल रहा है। विश्व बैंक के कंट्री डायरेक्टर ऑगस्टे तानो कोउमे ने परियोजना को लागू करने में उत्तर प्रदेश सरकार के साथ सहयोग की प्रतिबद्धता जताई। दिसंबर 2024 तक, विश्व बैंक के कार्यकारी निदेशक मंडल से इस परियोजना की मंजूरी मिलने की उम्मीद है, जिससे राज्य के कृषि क्षेत्र में बड़े पैमाने पर परिवर्तन की शुरुआत हो सकेगी।
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