हाथरस सत्संग कांड : न्यायिक आयोग के अध्यक्ष बृजेश श्रीवास्तव बोले- सच्चाई लाएंगे सामने, बयान होंगे दर्ज

न्यायिक आयोग के अध्यक्ष बृजेश श्रीवास्तव बोले- सच्चाई लाएंगे सामने, बयान होंगे दर्ज
UPT | न्यायिक आयोग के सदस्यों ने बैठक की।

Jul 05, 2024 01:29

हाथरस कांड की जांच के लिए गठित तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग की डालीबाग स्थित नैमिषारण्य गेस्ट हाउस में आयोजित पहली बैठक में वरिष्ठ अफसर भी मौजूद रहे।

Jul 05, 2024 01:29

Short Highlights
  • तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग ने चौबीस घंटे के भीतर की पहली बैठक
  • लखनऊ से जल्द हाथरस जाएगी टीम
Lucknow News : हाथरस जनपद में सत्संग के दौरान 121 लोगों की मौत के मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशों के बाद पुलिस हरकत में आ गई है। प्रकरण में गुरुवार को आयोजन समिति से जुड़े छह लोगों की गिरफ्तारी की गई, वहीं मामले में गठित न्यायिक आयोग भी पड़ताल में जुट गया है।

तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग पड़ताल में जुटा
इलाहाबाद हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति बृजेश कुमार श्रीवास्तव (द्वितीय) की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय आयोग मामले की जांच में जुट गया है। इस न्यायिक जांच आयोग में अपर मुख्य सचिव रहे सेवानिवृत्त आईएएस अफसर हेमंत राव और डीजी इंटेलीजेंस एवं प्रदेश के मुख्य सूचना आयुक्त रहे सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी भवेश कुमार सिंह को सदस्य बनाया गया है। आयोग का मुख्यालय लखनऊ बनाया गया है। आयोग के गठन के चौबीस घंटे के भीतर इसकी पहली बैठक राजधानी में हुई।

सत्संग के आयोजकों से की जाएगी पूछताछ
सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति बृजेश कुमार श्रीवास्तव (द्वितीय) ने इसे लेकर कहा कि हाथरस मामले में आयोग ने अपनी जांच शुरू कर दी है। जरूरत पड़ने पर पुलिस और मीडिया कर्मियों के बयान भी दर्ज किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि सभी पहलुओं पर चर्चा की गई है। आयोग के सदस्य बहुत जल्द हाथरस जाएंगे। इस पूरे घटनाक्रम से जुड़े जो भी अधिकारी, पुलिसकर्मी और मीडिया के लोगों से से बातचीत की जाएगी। इसके अलावा बाबा के परिचितों और सत्संग के आयोजकों से भी पूछताछ करते हुए उनके बयान दर्ज किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि जांच दो महीने में समाप्त करते हुए अपनी रिपोर्ट सौंपनी है, समय कम है, इसलिए हम बेहद तेजी से इस पर काम करेंगे। अभी हमारे पास कोई डाक्यूमेंट नहीं है, जरूरत पड़ने पर सभी के बयान लेंगे, क्योंकि सच्चाई पर जाना है।  

आयोग के सदस्यों के साथ वरिष्ठ अधिकारी रहे मौजूद
डालीबाग स्थित नैमिषारण्य गेस्ट हाउस (वीवीआईपी गेस्ट हाउस) में आयोजित इस बैठक में तीन सदस्यीय आयोग के साथ वरिष्ठ अफसर भी मौजूद रहे। प्रमुख सचिव संसदीय कार्य जेपी सिंह गेस्ट हाउस पहुंचे। वहीं आईजी लॉ एंड ऑर्डर भी मौजूद रहे। बताया जा रहा है कि बैठक में सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति बृजेश कुमार श्रीवास्तव (द्वितीय) ने अपने सहयोगी अफसरों के साथ हाथरस कांड में अब तक सामने आए सभी बिंदुओं पर चर्चा की। इस दौरान मौजूद अधिकारियों की ओर से उन्हें प्रकरण से संबंधित जानकारी और तथ्यों से अवगत कराया गया। आयोग प्रकरण की जांच के लिए हाथरस भी जाएगा। मामले से जुड़े हुए लोगों से मुलाकात से लेकर उनकी बातें भी सुनी जाएंगी। आयोग को दो महीने के भीतर अपनी जांच पूरी करके रिपोर्ट सौंपनी है। इसलिए वह घटना से जुड़े सभी पहलुओं पर गहराई से जांच पड़ताल करेगा। 

आयोजकों की ओर से दी जानकारी और मंजूरी की शर्तों की पड़ताल
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बुधवार को हाथरस जाकर घटनास्थल का दौरा करने के बाद देर रात आयोग को लेकर नोटिफिकेशन जारी किया गया। अब तीन सदस्यीय आयोग कार्यक्रम के आयोजकों की ओर से दी गई जानकारी, हाथरस जिला प्रशासन की ओर से कार्यक्रम को लेकर दी गई मंजूरी और उसमें दी गई शर्तों के अनुपालन की जांच करने में जुट गया है। इसके साथ ही इस बात भी पड़ताल की जाएगी कि ये घटना किसी लापरवाही के कारण हुई या फिर इसके पीछे कोई षड्यंत्र है। घटना के बाद से ही कई तरह के दावे किए जा रहे हैं ।

घटना के पीछे षड्यंत्र के आरोपों की जांच
इस प्रकरण में सत्संग में प्रवचन देने आए भोले बाबा के वकील एपी सिंह का आरोप है कि कुछ असमाजिक तत्व सत्संग स्थल पर मौजूद थे, जिन्होंने बाबा के जाने के बाद वहां ऐसा माहौल बना दिया। उन्हीं की वजह से ये भगदड़ हुई और कई लोगों की जान भी गई। उन्होंने कहा कि बाबा का मानना है कि ये घटना बेहद दु:खद है। हम उत्तर प्रदेश सरकार और इलाहाबाद हाईकोर्ट के रिटार्यड जज की जांच पर पूरा विश्वास करते हैं। हम चाहते हैं कि इस घटना के कोई भी दोषी बच नहीं पाए। ऐसे में एपी सिंह के लगाए आरोपों को लेकर भी न्यायिक आयोग लोगों के बयान दर्ज करेगा और पूरी पड़ताल के बाद किसी नतीजे पर पहुंचेगा। 

हादसे रोकने के लिए देगा अपने सुझाव
आयोग हाथरस प्रशासन और पुलिस की ओर से कार्यक्रम के दौरान भीड़ नियंत्रण तथा कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए किए गए प्रबंध एवं उनसे संबंधित अन्य पहलुओं की जांच भी करेगा। इसके साथ ही उन सभी कारणों और परिस्थितियों पर भी पड़ताल करेगा, जिनकी वजह से ये घटना हुई। इसके साथ ही भविष्य में इस तरह के हादसों को रोकने के लिए जरूरी इंतजाम और अन्य उपायों को लेकर अपने सुझाव प्रस्तुत करेगा।

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