आवास विकास परिषद का बड़ा फैसला : एक से अधिक भूखंडों को मिलाकर बना सकेंगे मकान और कॉम्प्लेक्स

एक से अधिक भूखंडों को मिलाकर बना सकेंगे मकान और कॉम्प्लेक्स
UPT | Housing Development Council

Sep 19, 2024 19:56

नई व्यवस्था के तहत आवासीय श्रेणी के दो और व्यावसायिक श्रेणी के चार भूखंडों को मिलाकर एक बड़े भूखंड पर मकान या कॉम्प्लेक्स का निर्माण संभव होगा।

Sep 19, 2024 19:56

Lucknow News : आवास विकास परिषद ने बोर्ड बैठक में महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए आवासीय और व्यावसायिक भूखंडों के विकास में बड़ा बदलाव किया है। परिषद में पारित नए प्रस्ताव के अनुसार अब आवासीय श्रेणी के दो और व्यावसायिक श्रेणी के चार भूखंडों को मिलाकर एक बड़े भूखंड पर मकान या कॉम्प्लेक्स का निर्माण संभव होगा। इस फैसले का उद्देश्य शहर के विभिन्न हिस्सों में बड़े भूखंडों पर संगठित और सुव्यवस्थित विकास को बढ़ावा देना है। बैठक में आवास आयुक्त बलकार सिंह समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

निश्चित प्रक्रिया और शुल्क निर्धारित
इस नई व्यवस्था के तहत दो भूखंडों को मिलाकर एक भूखंड के रूप में निर्माण कराने के लिए नक्शा पास किया जा सकेगा। इसके अलावा आवंटियों को इन भूखंडों को विक्रय करने की भी अनुमति दी जाएगी, लेकिन इसके लिए एक निश्चित प्रक्रिया और शुल्क निर्धारित किया गया है। आवंटियों को इन भूखंडों को मिलाने के लिए आवासीय भूखंडों के लिए आरक्षित दर का 2 प्रतिशत और व्यावसायिक भूखंडों के लिए 5 प्रतिशत शुल्क जमा करना होगा। यह निर्णय आवासीय और व्यावसायिक विकास को एक नई दिशा देने की योजना का हिस्सा है, जो शहर के समग्र विकास को बढ़ावा देगा।



स्ट्रक्चरल ऑडिट के बाद मिलेगा कम्प्लीशन सर्टिफिकेट
परिषद ने भवन निर्माण के सुरक्षा मानकों को और भी सख्त करते हुए 15 मीटर या उससे ऊंची इमारतों के लिए स्ट्रक्चरल ऑडिट को अनिवार्य कर दिया है। अब किसी भी ऊंची इमारत को कम्प्लीशन सर्टिफिकेट (पूर्णता प्रमाणपत्र) तभी मिलेगा जब उसका स्ट्रक्चरल ऑडिट कराया जाएगा। यह ऑडिट आईआईटी, एनआईटी जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों से कराया जाना आवश्यक होगा। इस निर्णय का मुख्य उद्देश्य शहर में बन रही ऊंची इमारतों की संरचनात्मक स्थिरता को सुनिश्चित करना है। हाल ही में ट्रांसपोर्ट नगर योजना में सात मीटर की एक तीन मंजिला इमारत के ढहने की घटना के बाद, परिषद ने यह फैसला लिया। इस ऑडिट प्रक्रिया से यह सुनिश्चित होगा कि निर्माणाधीन इमारतें सुरक्षा मानकों का पालन कर रही हैं और भविष्य में किसी भी प्रकार की दुर्घटनाओं को टाला जा सके।

नई योजनाओं की शुरुआत 
बैठक के दौरान आवास विकास परिषद ने लखनऊ में दीपावली तक नई जेल रोड योजना को लांच करने की तैयारी की है। यह योजना शहर के आवासीय और व्यावसायिक विकास को एक नई दिशा देने के उद्देश्य से बनाई जा रही है। इसके अलावा, सुल्तानपुर रोड पर प्रस्तावित चार योजनाओं में से दो योजनाओं को निरस्त करने का निर्णय लिया गया है।

एक सरल और सुगम प्रक्रिया तैयार
परिषद के इस फैसले से उन आवंटियों को फायदा होगा जो बड़े भूखंडों पर मकान या कॉम्प्लेक्स बनाना चाहते हैं। दो या चार भूखंडों को एक साथ मिलाकर निर्माण कराने के लिए परिषद ने एक सरल और सुगम प्रक्रिया तैयार किया है। इस प्रक्रिया के तहत आवंटियों को भूखंडों को मिलाने के लिए एक शुल्क जमा करना होगा। आवासीय भूखंडों के लिए आरक्षित दर का 2 प्रतिशत और व्यावसायिक भूखंडों के लिए 5 प्रतिशत शुल्क लागू होगा। यह शुल्क आमेलन प्रक्रिया का हिस्सा होगा, और भूखंडों को एक करने के बाद आवंटियों को विक्रय की अनुमति भी प्राप्त होगी।

ग्रुप हाउसिंग-कॉम्प्लेक्स निर्माण को बढ़ावा
परिषद के इस निर्णय से ग्रुप हाउसिंग और कॉम्प्लेक्स निर्माण को प्रोत्साहन मिलेगा। अब बड़ी संख्या में आवंटियों को बड़े भूखंडों पर संगठित और आधुनिक हाउसिंग प्रोजेक्ट्स विकसित करने का अवसर मिलेगा। यह निर्णय शहर के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो न केवल आवासीय बल्कि व्यावसायिक संरचनाओं के लिए भी नए अवसर प्रदान करेगा। इस बदलाव से न केवल आवासीय परियोजनाओं को गति मिलेगी, बल्कि व्यावसायिक परियोजनाओं में भी सुधार होगा, जिससे लखनऊ के सम्पूर्ण विकास की दिशा में एक बड़ा योगदान होगा।

सुरक्षा मानकों को किया जाएगा सख्त
परिषद ने यह भी निर्णय लिया है कि सभी ऊंची इमारतों का स्ट्रक्चरल ऑडिट अनिवार्य किया जाएगा। 15 मीटर से ऊंची इमारतों को अब निर्माण पूर्ण होने के बाद कम्प्लीशन सर्टिफिकेट प्राप्त करने के लिए एक स्ट्रक्चरल ऑडिट कराना होगा। इस ऑडिट की प्रक्रिया से यह सुनिश्चित होगा कि इमारतें भूकंप और अन्य प्राकृतिक आपदाओं के दौरान स्थिर रहेंगी। यह कदम सुरक्षा और संरचनात्मक मजबूती को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है ताकि शहर में भविष्य में किसी प्रकार की अनहोनी से बचा जा सके।

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