अमिताभ ठाकुर ने कहा कि हाल ही में 13 सितंबर और 14 दिसंबर 2024 को सीएमओ पद पर की गई नियुक्तियों में 1100 वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारियों को दरकिनार करते हुए कनिष्ठ अफसरों की तैनाती की गई। यह मामला स्वास्थ्य विभाग में भ्रष्टाचार और घूसखोरी के आरोपों को और मजबूत करता है।
UP News : 40 से 60 लाख में कनिष्ठ अफसर बनाए गए सीएमओ-सीएमएस! अमिताभ ठाकुर की सीएम से जांच की मांग
Jan 01, 2025 15:12
Jan 01, 2025 15:12
इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेशों का उल्लंघन
अमिताभ ठाकुर ने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कई मामलों में स्पष्ट निर्देश दिए थे कि सीएमओ और सीएमएस पदों पर नियुक्तियां केवल वरिष्ठता और उपयुक्तता के आधार पर की जाएं। 2011 में शासनादेश भी जारी हुआ था, जिसमें इन पदों पर नियुक्तियों के लिए गोपनीय वार्षिक प्रविष्टियां (ACRs) और वरिष्ठता को आधार बनाने का प्रावधान था। लेकिन वर्तमान में इन निर्देशों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।
कनिष्ठ अफसरों की नियुक्ति पर उठे सवाल, तैनाती का 'रेट कार्ड' और भ्रष्टाचार की चर्चा
उन्होंने कहा कि हाल ही में 13 सितंबर और 14 दिसंबर 2024 को सीएमओ पद पर की गई नियुक्तियों में 1100 वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारियों को दरकिनार करते हुए कनिष्ठ अफसरों की तैनाती की गई। यह मामला स्वास्थ्य विभाग में भ्रष्टाचार और घूसखोरी के आरोपों को और मजबूत करता है। चर्चाओं के अनुसार, छोटे जिलों में सीएमओ पद पर तैनाती के लिए 40 लाख और बड़े जिलों में 60 लाख रुपए तक लिए जा रहे हैं। अमेठी निवासी आशीष सिंह द्वारा एक पत्र में आरोप लगाया गया कि जल्द ही 10 और लोगों को 40-40 लाख रुपए लेकर सीएमओ बनाया जाएगा।
मुकेश श्रीवास्तव की कथित भूमिका पर सवाल
अमिताभ ठाकुर ने कहा कि पूर्व विधायक मुकेश श्रीवास्तव का नाम इन भ्रष्टाचार के मामलों में सामने आया है। कहा जा रहा है कि उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और मंत्रियों को अपने नियंत्रण में रखते हुए तैनाती और ट्रांसफर का खेल रचा। उन पर आरोप है कि उन्होंने ट्रांसफर पोस्टिंग के रेट कार्ड तैयार किए और रिश्वत के पैसे विभाग के उच्च अधिकारियों तक पहुंचाए।
तीन वर्षों की नियुक्तियों की जांच और सख्त कार्रवाई की मांग
अमिताभ ठाकुर ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मांग की है कि 2022, 2023 और 2024 के दौरान स्वास्थ्य विभाग में की गई सभी तैनातियों की समीक्षा के लिए एक स्वतंत्र उच्चस्तरीय कमेटी का गठन किया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि यदि नियुक्तियों में भ्रष्टाचार और वरिष्ठता नियमों का उल्लंघन पाया जाता है, तो ऐसे सभी ट्रांसफर और नियुक्तियां तुरंत रद्द की जाएं। पत्र में ठाकुर ने यह भी सुझाव दिया कि इन तैनातियों में शामिल सभी संबंधित अधिकारियों और मंत्रियों की भूमिका की जांच की जाए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। ठाकुर ने यह भी अपील की कि स्वास्थ्य विभाग में भविष्य की नियुक्तियों में 2011 के शासनादेश और हाई कोर्ट के आदेशों का पालन हो, ताकि विभाग में भ्रष्टाचार और अनियमितताओं पर रोक लगाई जा सके।
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