प्रदेश भर में कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित सभी दुकानों पर संचालकों के नाम और पहचान का प्रदर्शन अनिवार्य होगा। यह निर्णय कांवड़ यात्रियों की आस्था की शुद्धता बनाए रखने के उद्देश्य से...
आज की सबसे बड़ी खबर : पूरे प्रदेश में कांवड़ मार्ग के दुकानदारों को लिखना होगा अपना नाम
Jul 20, 2024 01:54
Jul 20, 2024 01:54
- कांवड़ यात्रा को लेकर सीएम योगी ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है
- सभी दुकानों पर संचालकों के नाम और पहचान का प्रदर्शन अनिवार्य होगा
- हलाल प्रमाणित उत्पादों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाया गया
विपक्षी नेताओं ने बोला हमला
इस निर्णय ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। विपक्षी दलों के नेताओं, जिनमें समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव, बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के नेता असदुद्दीन ओवैसी शामिल हैं, ने इस कदम की आलोचना की है। विपक्ष का कहना है कि यह आदेश व्यापारियों की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाता है और समुदायों के बीच विभाजन पैदा कर सकता है।
अजय राय ने दी प्रतिक्रिया
वहीं यूपी सरकार के इस आदेश पर कांग्रेस के प्रदेश प्रमुख अजय राय ने कड़ी टिप्पणी की है। अजय राय का कहना है कि यह बिल्कुल अव्यावहारिक है। वे समाज में भाईचारे की भावना को बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं, लोगों के बीच दूरियां पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। इसे तुरंत रद्द किया जाना चाहिए।
#WATCH | Lucknow: On food shops on the Kanwar routes across Uttar Pradesh asked to put up 'nameplates', state Congress chief Ajay Rai says, "This is absolutely impractical. They are trying to impair the sense of brotherhood in society, trying to create distance among people. This… pic.twitter.com/GAIs7P1Ce0
— ANI (@ANI) July 19, 2024
कांवड़ यात्रा को लेकर लिया गया फैसला
उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा एक महत्वपूर्ण धार्मिक परंपरा है, जो विशेष रूप से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में लोकप्रिय है। यह यात्रा वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर से लेकर प्रयागराज और बाराबंकी तक फैली हुई है। हरिद्वार से शुरू होकर, यह यात्रा मुजफ्फरनगर, शामली, मेरठ, गाजियाबाद और हापुड़ जैसे शहरों से होकर गुजरती है, जहां भक्त विभिन्न शिव मंदिरों में जलाभिषेक करते हैं।
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