बेसिक शिक्षा विभाग पर उठे सवाल : स्कूल ड्रेस की बकाया राशि पर खादी बोर्ड ने दी कोर्ट जाने की चेतावनी, 1.65 करोड़ का उधार

स्कूल ड्रेस की बकाया राशि पर खादी बोर्ड ने दी कोर्ट जाने की चेतावनी, 1.65 करोड़ का उधार
UPT | बेसिक शिक्षा विभाग पर उठे सवाल

Sep 12, 2024 16:57

खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड ने उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग पर 1.65 करोड़ रुपये की बकाया राशि को लेकर कड़ा रुख अपनाया है...

Sep 12, 2024 16:57

Lucknow News : खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड ने उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग पर 1.65 करोड़ रुपये की बकाया राशि को लेकर कड़ा रुख अपनाया है। बोर्ड ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही बकाया राशि का भुगतान नहीं किया गया, तो वह कोर्ट का रुख करेगा। यह रकम पिछले पांच वर्षों से लंबित है, जिसे लेकर बोर्ड कई बार पत्राचार कर चुका है, लेकिन अब तक कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिला है।

खादी बोर्ड का बड़ा आरोप
खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) उज्ज्वल कुमार ने बेसिक शिक्षा निदेशक प्रताप सिंह बघेल को एक पत्र भेजकर बकाया राशि की वसूली की मांग की है। पत्र में साफ किया गया है कि अगर जल्द ही भुगतान नहीं हुआ, तो बोर्ड अदालत में अपील करेगा। बोर्ड का कहना है कि इस बकाया राशि के न मिलने के कारण कई बुनकरों को उनका मेहनताना नहीं मिल पाया है, जिससे उनकी आजीविका प्रभावित हो रही है।



कोरोना काल में बनी ड्रेस का भुगतान नहीं
खादी बोर्ड ने यह भी बताया कि वर्ष 2019-20 के दौरान, जब कोरोना महामारी के चलते आर्थिक संकट गहराया था, तब परिषदीय विद्यालयों के बच्चों के लिए खादी से बने स्कूल ड्रेस तैयार करवाई गई थीं। यह पहल इसलिए की गई थी ताकि खादी संस्थाओं और बुनकरों को रोजगार मिल सके। उस समय बहराइच, सीतापुर, मीरजापुर, लखनऊ और अन्य जिलों के स्कूलों में खादी की ड्रेस आपूर्ति की गई थी, जिसकी कीमत 88.82 लाख रुपये थी। इसके बाद, वर्ष 2020-21 में भी विभिन्न जिलों जैसे मुरादाबाद, वाराणसी, कानपुर, एटा, अंबेडकर नगर और शामली में खादी से बनी स्कूल ड्रेस की आपूर्ति की गई, जिसकी कुल कीमत 76.67 लाख रुपये थी। दोनों सालों की कुल राशि 1.65 करोड़ रुपये है, जो अभी तक बेसिक शिक्षा विभाग के पास बकाया है।

महानिदेशक ने दिए नोटिस
इस मुद्दे पर स्कूल शिक्षा महानिदेशक कंचन वर्मा ने संबंधित जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों (बीएसए) को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। बहराइच, सीतापुर, मीरजापुर, लखनऊ, मुरादाबाद, वाराणसी, कानपुर, एटा, अंबेडकर नगर और शामली के बीएसए से यह पूछा गया है कि इतने लंबे समय से भुगतान क्यों लंबित है। 

न्यायालय में जाने की तैयारी
खादी बोर्ड का कहना है कि वह इस मामले को जल्द ही न्यायालय में ले जाएगा, अगर बेसिक शिक्षा विभाग ने बकाया राशि का भुगतान नहीं किया। बोर्ड ने स्पष्ट कर दिया है कि बुनकरों के पारिश्रमिक का भुगतान तभी हो पाएगा, जब शिक्षा विभाग बकाया चुकाएगा।

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