कभी कुत्ते के काटने पर नहाने आते थे लोग : अब नाला बनकर बह रही ये नदी, जानिए सरकार का क्या है प्लान

अब नाला बनकर बह रही ये नदी, जानिए सरकार का क्या है प्लान
UPT | नाला बनकर बह रही ये नदी

Jun 28, 2024 17:48

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बहने वाली एक नदी अब नाले का रूप ले चुकी है। कभी कुत्ते के काटने के बाद लोग नहाने के लिए इस नदी में आया करते थे। ऐसा मानते थे कि नदी में नहाने से रैबीज नहीं होता है।

Jun 28, 2024 17:48

Short Highlights
  • नाला बनकर बह रही कुकरैल नदी
  • सरकार कर रही जीर्णोद्धार का प्रयास
  • नहाने से नहीं होता था रैबीज
Lucknow News : उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बहने वाली एक नदी अब नाले का रूप ले चुकी है। कभी कुत्ते के काटने के बाद लोग नहाने के लिए इस नदी में आया करते थे। ऐसा मानते थे कि नदी में नहाने से रैबीज नहीं होता है। हम बात कर रहे हैं कुकरैल नदी की। इस नदी पर अतिक्रमण और गंदगी का ऐसा डेरा है कि अब यह अपने वजूद को बचाने के लिए भी संघर्ष कर रही है।

जानिए क्या है इस नदी का इतिहास
कुकरैल नदी असल में गोमती की सहायक नदी है। लखनऊ के बीचों-बीच से होकर गुजरने वाली गोमती नदी की कुल 27 सहायक नदियां हैं। कुकरैल इन्हीं में से एक है। इसका उद्गम बीकेटी के पास दसौली गांव से बताया जाता है। कहते हैं कि एक समय में इसका पानी इतना साफ हुआ करता था कि नदी का तल दिखता था। कुकरैल का पानी खेतों की सिंचाई और पीने के लिए इस्तेमाल किया जाता था। लेकिन वर्तमान में इसकी मूलधारा केवल कुकरैल के वन क्षेत्र में ही दिखलाई पड़ती है। इन नदी की लंबाई करीब 28 किलोमीटर थी।
 
नहाने से नहीं होता था रैबीज
पुराने लोग बताते हैं कि यह प्राकृतिक नदी थी, इस कारण इसके पानी में काफी विशेषताएं भी थीं। कहते हैं कि एक समय में सिर्फ लखनऊ ही नहीं, बल्कि आस-पास के लोग भी इसमें नहाने के लिए आते थे। माना जाता है कि कुत्ते के काटने के बाद इसमें नहा लेने से रैबीज नहीं होता था।  लेकिन समय के बाद बढ़ते अतिक्रमण और शहरीकरण के कारण यह नदी धीरे-धीरे सिकुड़ती चली गई। शहर के नालों का रुख कुकरैल की तरफ मोड़ दिया गया और आज हालात ये हैं कि इसे लोग नदी नहीं, बल्कि नाले के रूप में जानते हैं।

अब सरकार कर रही जीर्णोद्धार का प्रयास
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का बीते दिनों के वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें उन्होंने कहा था कि कुकरैल को फिर से नदी बनाएंगे। यूपी सरकार ने कुकरैल के जीर्णोद्धार का बीड़ा उठाया है। नदी के आस-पास पड़ने वाले 22 तालाबों को फिर से तैयार किया जाएगा। नदी के दोनों तरफ फैले अतिक्रमण को हटाया जाएगा। कुकरैल नदी को उसके उद्गम स्थल अस्ती से गोमती नदी तक प्रदूषण मुक्त करके पुनर्जीवित करने के निर्देश शासन की तरफ से दिए गए हैं। इसके लिए डीपीआर भी तैयार करवाया जा रहा है। कुकरैल नदी के किनारे रिवर फ्रंट बनाने की भी योजना है।

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