यूपी के लखीमपुर खीरी से दिल को झकझोर देने वाली तस्वीर सामने आई है। ग्रामीण के शव का अंतिम संस्कार करने के लिए कंधे नहीं, बल्कि तीन किलोमीटर तक नाव का सहारा लेना पड़ रहा है। लखीमपुर खीरी...
Lakhimpur Kheri News : अंतिम संस्कार करने की नहीं बची जगह, लेना पड़ा नाव का सहारा...
Sep 16, 2024 10:57
Sep 16, 2024 10:57
- शव का अंतिम संस्कार करने के लिए लेना पड़ा नाव का सहारा।
- परिजनों को नाव से करना पड़ा तीन किलोमीटर का सफर।
चारो ओर पानी का साम्राज्य
लखीमपुर खीरी सदर तहसील इलाके के फूलबेहड़ क्षेत्र का बसहा गांव बाढ़ के पानी में पूरी तरह से डूबा हुआ है। बाढ़ की विभीषिका के बीच गांव के ही रामस्वरूप की मौत हो गई। हर तरफ हर जगह पानी की वजह से रामस्वरूप के शव को अंतिम संस्कार के लिए परिजनों को तीन किलोमीटर का सफर नाव से तय करना पड़ा। परिजन नाव पर रामस्वरूप का शव रखकर तटबंध पर पहुंचे और अंतिम संस्कार किया। बनबसा बैराज से छोड़े गए पानी के बाद लखीमपुर खीरी जिले की सदर, पलिया, निघासन, धौरहरा और गोला तहसील बाढ़ की चपेट में आ गई है। अधिकतर गांव बाढ़ के पानी में डूब गए हैं। लोगों के घरों में पानी घुस गया है, जिससे वे खुले आसमान के नीचे तटबंघों पर अपना जीवन व्यतीत कर रहे हैं। हालांकि उनके लिए खाने-पीने की प्रशासन द्वारा हरसंभव मदद पहुंचाई जा रही है।
ऐसे हुआ अंतिम संस्कार
इन गांव वालों के पास खाना छोड़िए, बैठने तक की जगह नहीं है। मवेशी भूख के मारे तड़प रहे हैं। उनके चारे की व्यवस्था नहीं हो पा रही है। इसी दौरान बीमारी के चलते बसहा गांव के बुजुर्ग रामस्वरूप की रविवार को मौत हो गई। रामस्वरूप का घर और गांव बाढ़ से पूरी तरह डूबा हुआ है। जिसके चलते उनके अंतिम संस्कार तक की जगह नहीं मिली। इस विपदा में उनके रिश्तेदार छत्रपाल ने उनकी मदद की और दो नाव मंगाई। एक नाव पर चारपाई और उस पर शव रखा गया। दूसरी नाव पर लकड़ियां और सामग्री लादी गई। तीन किलोमीटर का सफर तय कर तटबंध पर उनका अंतिम संस्कार किया गया।
रेलवे ट्रैक के नीचे से बहने लगा पानी
जुलाई में आई बाढ़ से मैलानी गोंडा रेलवे ट्रैक कट गया था। जिसके मरम्मत का काम अभी चल रहा है। इसी बीच, अब भीरा के पहले साईं मंदिर के आगे निकले रेलवे ट्रैक पर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। बाढ़ का पानी रेलवे ट्रैक के नीचे से बहने लगा है।
तटबंध के भीतर घिरे हैं फूलबेहड़ के ये गांव
बालूगंज, खांबी, बसहा, बड़ा गांव, भूलभुलिया, मंगलीपुरवा, खगईपुरवा, करदैयामानपुर चकलुआ, ग्रांट 12 गूम, चुखरीपुरवा, सिंधिया, नरी समेत 20 से ज्यादा गांव के चारों तरफ तटबंध है और ये सभी बाढ़ में डूबे हुए हैं।
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