भू-अधिग्रहण में पारदर्शिता लाने की तैयारी : योगी सरकार धांधली रोकने को उठा सकती है ये कदम

योगी सरकार धांधली रोकने को उठा सकती है ये कदम
UPT | Land Acquisition

Oct 07, 2024 12:11

प्रस्तावित संशोधनों के अनुसार, हाईवे के पास की संपत्तियों के मूल्यांकन में भी सुधार किया जाएगा। मूल्यांकन की रिपोर्ट एनएचएआई को भेजी जाएगी, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि धारा-3 (ए) की अधिसूचना की तिथि पर संपत्ति का वास्तविक मूल्यांकन हुआ है।

Oct 07, 2024 12:11

Lucknow News : प्रदेश सरकार बरेली हाईवे घोटाले के बाद भूमि अधिग्रहण में दोबारा धांधली रोकने को लेकर सख्त कदम उठाने की तैयारी में है। इस घोटाले को लेकर जहां कई सवाल उठे और अधिकारियों पर एक्शन लिया गया। वहीं अब सरकार इस बात की कोशिश में जुटी है कि भविष्य में इस तरह की घपलेबाजी की पुनरावृत्ति नहीं हों इसके लिए राजस्व संहिता में संशोधन किया जा सकता है। कहा जा रहा है कि अब भूमि उपयोग परिवर्तन की समय सीमा को 45 दिनों की अनिवार्यता से मुक्त किया जा सकता है। अभी 45 दिन की समय सीमा की वजह से लोग इसका गलत तरीके से फायदा उठा लेते हैं। वहीं अनिवार्यता समाप्त होने के बाद यह सुनिश्चित होगा कि भूमि अधिग्रहण के सभी मामलों में पारदर्शिता और जवाबदेही बनी रहे।

भूमि उपयोग परिवर्तन में एनएचएआई की भूमिका अनिवार्य
हाईवे निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया में संशोधन के तहत, धारा-3 (ए) की अधिसूचना जारी होने के बाद, भूमि उपयोग परिवर्तन के किसी भी आवेदन पर राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) का पक्ष लेना अनिवार्य होगा। एनएचएआई की धारा-3 (ए) के तहत प्रकाशित सूची में शामिल गांवों में भूमि अधिग्रहण से जुड़े निर्णय उप जिलाधिकारी और एनएचएआई की सहमति से ही होंगे।



एनएचएआई का पक्ष सुनने के बाद ही होगा निर्णय
धारा-80 के अंतर्गत, कृषि भूमि को औद्योगिक, वाणिज्यिक, या आवासीय प्रयोजनों के लिए बदलने के लिए प्रस्तावित आवेदनों पर विचार किया जाता है। अब, धारा-3 (ए) की सूचना मिलने के बाद, एसडीएम इन आवेदनों पर एनएचएआई का पक्ष अवश्य सुनेंगे। इसके अलावा, ऐसे मामलों में 45 दिनों की समय सीमा अनिवार्य नहीं होगी, लेकिन जल्द निर्णय लेने की कोशिश की जाएगी।

मूल्यांकन के लिए स्पष्ट होंगे नियम 
प्रस्तावित संशोधनों के अनुसार, हाईवे के पास की संपत्तियों के मूल्यांकन में भी सुधार किया जाएगा। मूल्यांकन की रिपोर्ट एनएचएआई को भेजी जाएगी, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि धारा-3 (ए) की अधिसूचना की तिथि पर संपत्ति का वास्तविक मूल्यांकन हुआ है। यह भी स्पष्ट किया जाएगा कि संपत्तियों का मूल्यांकन डीएम सर्कल रेट पर होगा या पीडब्ल्यूडी के रेट पर। उच्च स्तरीय समिति की रिपोर्ट के आधार पर इन संशोधनों पर अंतिम निर्णय किया जाएगा।

 

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