लखनऊ के विकास में एक नया अध्याय शुरू होने जा रहा है। लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) के स्थान पर अब लखनऊ महानगर विकास प्राधिकरण (एलएमडीए) का गठन होगा।
लखनऊ विकास का नया अध्याय शुरू : एलडीए का स्थान लेगा एलएमडीए, शहर तरह की चमकेंगे गांव
Jul 07, 2024 02:18
Jul 07, 2024 02:18
- लखनऊ विकास प्राधिकरण अब लखनऊ महानगर विकास प्राधिकरण
- लखनऊ जनपद के 1104 गांवों को शहरी विकास की मुख्यधारा में लाया जाएगा
- नया मास्टर प्लान 2031 तैयार किया जाएगा
शहरी विकास में ये गांव शामिल
नए प्राधिकरण के गठन से लखनऊ जनपद के 1104 गांवों को शहरी विकास की मुख्यधारा में लाया जाएगा। इसमें गोसाईगंज, मोहनलालगंज, गंगागंज, निगोहां, बंथरा, काकोरी, मलिहाबाद, माल, इटौंजा, और बीकेटी जैसे कस्बे भी शामिल होंगे। हालांकि, कैंटोनमेंट क्षेत्र और लखनऊ औद्योगिक विकास प्राधिकरण के अधीन क्षेत्र इसके दायरे से बाहर रहेंगे। यह कदम ग्रामीण क्षेत्रों में शहरी सुविधाओं और विकास को बढ़ावा देने के लिए किया गया है।
नया मास्टर प्लान 2031
एलएमडीए के गठन के साथ, शहर के विकास की योजना में एक बड़ा बदलाव आएगा। एलडीए के उपाध्यक्ष डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी के अनुसार, अब 2528 वर्ग किलोमीटर के विस्तृत क्षेत्र को ध्यान में रखते हुए नया मास्टर प्लान 2031 तैयार किया जाएगा। यह योजना लगभग 50.50 लाख की जनसंख्या को ध्यान में रखकर बनाई जाएगी, जिसमें शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों की आवश्यकताओं का समावेश होगा। इस नए मास्टर प्लान को अंतिम रूप देने से पहले जनता से सुझाव और आपत्तियां आमंत्रित की जाएंगी, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि विकास योजना समावेशी और जन-केंद्रित हो। एलएमडीए के औपचारिक गठन तक, इसके अधिकार क्षेत्र में आने वाले गांवों में निर्माण कार्यों पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा। हालांकि, प्राधिकरण के अस्तित्व में आने के बाद किसी भी प्रकार के वाणिज्यिक या बड़े पैमाने पर आवासीय निर्माण के लिए भूमि उपयोग में परिवर्तन हेतु अनुमति लेना अनिवार्य होगा। यह नियम खेतों पर मॉल, टाउनशिप, या बहुमंजिला इमारतों के निर्माण पर लागू होगा।
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तीन मंजिला फ्लैट बनाने की अनुमति
नए नियमों के तहत, 300 से 2000 वर्गमीटर के भूखंडों पर तीन मंजिला फ्लैट बनाने की अनुमति दी जाएगी। यह सुविधा शहर की 12 मीटर या उससे अधिक चौड़ी सड़कों पर स्थित भूखंडों के लिए उपलब्ध होगी। इन फ्लैटों के निर्माण के लिए प्रति तल 1.17 लाख रुपये का शुल्क देना होगा। यह राजस्व उसी क्षेत्र के विकास कार्यों में खर्च किया जाएगा, जहां अपार्टमेंट का निर्माण होगा। एलडीए की मौजूदा योजनाओं जैसे गोमतीनगर, गोमतीनगर विस्तार, जानकीपुरम, और आशियाना में भी इस तरह के फ्लैट्स के निर्माण की अनुमति दी जाएगी। हालांकि, यह अनुमति कुछ शर्तों के साथ दी जाएगी और स्थानीय निवासियों की सहमति भी ली जाएगी। यदि किसी क्षेत्र में फ्लैट निर्माण का विरोध होता है, तो संबंधित आवेदन को निरस्त कर दिया जाएगा।
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ऊंची इमारतों के निर्माण को प्रोत्साहन
व्यावसायिक भूखंडों पर ऊंची इमारतों के निर्माण को भी प्रोत्साहन दिया जाएगा। गोमतीनगर विस्तार, सीजी सिटी, और बसंतकुंज की तरह अब जानकीपुरम, गोमतीनगर, और अलीगंज जैसी कॉलोनियों में भी ऊंची व्यावसायिक इमारतें बनाई जा सकेंगी। इसके लिए विकसित कॉलोनियों का फ्लोर एरिया रेशियो (एफएआर) 1.5 से बढ़ाकर 2.5 और अविकसित कॉलोनियों का 2.5 से बढ़ाकर 3.75 कर दिया गया है। इस कदम से एलडीए के पास मौजूद लगभग 6000 करोड़ रुपये मूल्य के खाली भूखंडों की बिक्री में तेजी आने की उम्मीद है।
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