लखनऊ में पीएम आवास योजना के तहत लोगों की सैलरी से ज्यादा किस्त मांगे जाने का मामला सामने आया है। दरअसल लखनऊ नगर निगम द्वारा आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए 264 EWS फ्लैटों का निर्माण किया गया है।
लखनऊ अजब है! : 25000 की सैलरी वाले भरेंगे 26 हजार रुपये की किस्त... पीएम आवास योजना के नियम देख चकराया लोगों का सिर
Feb 01, 2024 19:13
Feb 01, 2024 19:13
- लखनऊ नगर निगम के नियम ने सबको चौंकाया
- आवास योजना की किस्त बनाई सैलरी से ज्यादा
- 15 फरवरी है आवेदन की अंतिम तारीख
सैलरी से ज्यादा देनी पड़ेगी किस्त
दरअसल लखनऊ नगर निगम द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अंतर्गत 12788 स्क्वायर मीटर की जमान पर आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए 264 EWS फ्लैटों का निर्माण किया गया है। इसके आवंटन के लिए पंजीकरण 16 जनवरी से शुरू हो गया है। भवन की कुल लागत 6 लाख रुपये है, जिसमें केंद्र सरकार द्वारा 1.50 लाख रुपये और राज्य सरकार द्वारर 1 लाख रुपये का अंशदान दिया जाएगा। इसमें लाभार्थी को 3.50 लाख रुपये भवन की लागत के तौर पर देने होंगे। यहां तक तो सब ठीक है, मगर असल खेला इसके बाद से शुरू है। लाभार्थी द्वारा जो 3.50 लाख रुपये दिए जाने हैं, उनमें से 5000 रुपये पंजीकरण के दौरान और 45000 रुपये फ्लैट आवंटन के बाद 30 दिनों के भीतर देने होंगे। शेष बचे 3 लाख रुपये 12 महीने में 9 फीसदी की ब्याज दर से प्रति महीने 26,235 रुपये की किस्त के रूप में देने होंगे। लेकिन समस्या ये है कि फ्लैट के लिए केवल वही लोग आवेदन कर सकते हैं, जिनकी मंथली सैलरी ही 25000 रुपये है। अब 25 हजार रुपये की सैलरी में इंसान 26 हजार रुपये कैसे देगा, ये तो नगर निगम के अधिकारी ही बता पाएंगे।
विलंब भुगतान करने पर लगेगा 11 प्रतिशत ब्याज
नगर निगम की तरफ से जारी अधिसूचना में यह भी लिखा है कि अगर लाभार्थी एक साथ 3 लाख रुपये का भुगतान करना चाहता है तो उसे कोई भी ब्याज नहीं देना होगा, लेकिन किस्त में भुगतान चुनने पर विलंब की स्थिति में ब्याज बढ़कर 11 प्रतिशत हो जाएगा। ये राशि जमा करने के बाद लाभार्थी को एक महीने के भीतर 12 हजार रुपये अलग से देने होंगे। आवेदन करने वाला व्यक्ति लखनऊ का शहरी निवासी होना चाहिए और उसके या उसके परिवार के नाम से पूरे भारत में कहीं भी पक्का मकान नहीं होना चाहिए।
15 फरवरी तक किए जा सकते हैं आवेदन
इस योजना का लाभ उठाने के लिए 16 जनवरी से 15 फरवरी तक पंजीकरण किया जा सकता है। आवेदकों को मैनुअल लॉटरी के आधार पर चुना जाएगा। लॉटरी का परिणाम नगर निगम की वेबसाइट और नोटिस बोर्ड पर उपलब्ध रहेगा। जिन आवेदकों को भवन आवंटित नहीं होंगे, उन्हें जमा राशि तीन महीने के भीतर बैंक खाते में वापस कर दी जाएगी।
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