यूपी के मदरसों से एनसीईआरटी की किताबें हुई गायब : मंत्री राजभर ने उठाए सवाल, अफसरों ने नहीं दिया जवाब

मंत्री राजभर ने उठाए सवाल, अफसरों ने नहीं दिया जवाब
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Nov 29, 2024 10:36

साल 2018 में भाजपा सरकार के गठन के बाद मदरसों में आधुनिक शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम लागू किया गया। इस निर्णय को 30 मई 2018 को शासनादेश के तहत लागू किया गया था।

Nov 29, 2024 10:36

Lucknow News : उत्तर प्रदेश के मदरसों में एनसीईआरटी की किताबों का वितरण और पाठ्यक्रम लागू करने की प्रक्रिया फिलहाल ठप है। इस फैसले पर अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री ओपी राजभर ने नाराजगी जताई है। उन्होंने अपर मुख्य सचिव को पत्र लिखकर स्पष्टीकरण मांगा, लेकिन ढाई महीने से अधिक का समय बीतने के बावजूद कोई जवाब नहीं मिला है। सूत्रों के अनुसार एनसीईआरटी किताबों को अचानक बंद करने का निर्णय बिना उच्चस्तरीय अनुमोदन के लिया गया।

एनसीईआरटी पाठ्यक्रम लागू करने का आदेश और रुकावटें
साल 2018 में भाजपा सरकार के गठन के बाद मदरसों में आधुनिक शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम लागू किया गया। इस निर्णय को 30 मई 2018 को शासनादेश के तहत लागू किया गया था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आदेश दिया था कि सभी मान्यता प्राप्त और अनुदानित मदरसों में एनसीईआरटी पाठ्यक्रम लागू किया जाए। शासन के निर्देशों का पालन करते हुए तीन वर्षों तक एनसीईआरटी की किताबें वितरित की गईं। हालांकि, वर्ष 2023 में अचानक इस प्रक्रिया को रोक दिया गया। इस फैसले से पहले न तो उच्चस्तरीय अनुमोदन लिया गया और न ही इस पर कोई स्पष्ट जानकारी दी गई।

बेसिक शिक्षा विभाग के दबाव में बदला निर्णय
18 जनवरी 2023 को मदरसा बोर्ड की बैठक में बेसिक शिक्षा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के दबाव में यह निर्णय लिया गया कि एनसीईआरटी की जगह बेसिक शिक्षा विभाग की किताबें वितरित की जाएं। बैठक की अध्यक्षता मदरसा शिक्षा परिषद के अध्यक्ष डॉ. इफ्तिखार अहमद जावेद ने की। इसमें यह भी सामने आया कि निदेशालय के माध्यम से किताबें उपलब्ध कराने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। इस बैठक के बाद 2018 का फैसला बदल दिया गया, और बेसिक शिक्षा की किताबों को वितरित करने की मंजूरी दी गई।

रिपोर्ट का इंतजार जारी
मंत्री ओपी राजभर ने मुख्यमंत्री के आदेश का पालन न होने पर नाराजगी जताई। उन्होंने 9 सितंबर 2024 को अपर मुख्य सचिव को पत्र लिखकर एनसीईआरटी पाठ्यक्रम लागू न करने के कारणों पर रिपोर्ट मांगी। उन्होंने कहा, "सरकार की मंशा मदरसों में आधुनिक शिक्षा प्रदान करने की है। लेकिन, बिना मुख्यमंत्री की सहमति के एनसीईआरटी किताबों का वितरण रोक दिया गया। मैंने रिपोर्ट तलब की थी, पर अब तक कोई जवाब नहीं दिया गया है।"

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मदरसों में शिक्षा सुधार का सर्वोच्च न्यायालय का निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने 5 नवंबर को दिए गए आदेश में राज्य सरकार को मदरसा शिक्षा में सुधार के लिए स्वतंत्रता दी थी। हालांकि, सरकार की ओर से इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।

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