मायावती ने कहा कि कांग्रेस ने क्रीमीलेयर के बारे में भी गोलमोल बातें की हैं। कांग्रेस के 99 सांसद होने के बाद भी सत्रावसान होने तक संसद में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को निष्प्रभावी बनाने के लिए कोई भी आवाज नहीं उठाई गई, जबकि इस पार्टी ने संविधान और आरक्षण को बचाने के नाम पर ये सीटें जीती हैं।
SC-ST Reservation : कांग्रेस ने आरक्षण का श्रेय पंडित नेहरू और महात्मा गांधी को दिया, मायावती बोलीं- रत्ती भर इसमें सच्चाई नहीं
Aug 12, 2024 00:48
Aug 12, 2024 00:48
- कांग्रेस पर उपवर्गीकरण के पक्ष में होने का लगाया आरोप
- संविधान और आरक्षण को बचाने के नाम पर सीटें जीतने वाली कांग्रेस संसद में रही खामोश
कांग्रेस ने डॉ. अंबेडकर को चुनाव में हराने का किया काम
मायावती ने कहा कि शनिवार को बीएसपी की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के दिये बयान की जानकारी मिली, जिससे एससी-एसटी के समक्ष कांग्रेस पार्टी के बयान में बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर को नहीं बल्कि पं नेहरू व गांधीजी को आरक्षण का श्रेय दिया गया है जिसमें रत्तीभर भी सच्चाई नहीं। बसपा सुप्रीमो ने कहा कि जबकि वास्तव में आरक्षण का पूरा श्रेय बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर को ही जाता है, जिनको किस तरह से कांग्रेस के लोगों ने संविधान सभा में जाने से रोकने का षड्यंत्र रचा तथा उनको चुनाव में भी हराने का काम किया। कानून मंत्री पद से भी इस्तीफा देने को विवश किया।
कांग्रेस ने संसद में नहीं उठाई आवाज
मायावती ने सोशल साइट एक्स पर लिखा कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने यह कहा कि देश में एससी व एसटी वर्गों के उपवर्गीकरण के संबंध में पार्टी के स्टैण्ड का खुलासा करने के पहले इनकी पार्टी एनजीओ व वकीलों आदि से विचार-विमर्श करेगी, जिससे स्पष्ट है कि कांग्रेस उपवर्गीकरण यानी सब क्लासिफिकेशन के पक्ष में है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने क्रीमीलेयर के बारे में भी गोलमोल बातें की हैं। कांग्रेस के 99 सांसद होने के बाद भी सत्रावसान होने तक संसद में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को निष्प्रभावी बनाने के लिए कोई भी आवाज नहीं उठाई गई, जबकि इस पार्टी ने संविधान और आरक्षण को बचाने के नाम पर ये सीटें जीती हैं।
ठगा महसूस कर रहा एससी-एसटी वर्ग
इससे पहले मायावती ने एससी-एसटी आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के आए फैसले पर शनिवार कहा कि केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में इस मामले को लेकर ठीक ढंग से पैरवी नहीं की है। इस वजह से एससी-एसटी वर्ग के लोग अपने आपको ठगा महसूस कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि एससी-एसटी में क्रीम लेयर के बहाने आरक्षण खत्म करने की साजिश हो रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सिर्फ हवा हवाई आश्वासन दे रहे हैं। आरक्षण को निष्प्रभावी किया जा रहा है। हालत ये है कि आरक्षण खत्म करने की नौबत आ गई है।
सुप्रीम कोर्ट में ठीक से नहीं रखी दलील
मायावती ने कहा कि प्रधानमंत्री ने शुक्रवार को उनसे भेंट करने गए भाजपा के एससी-एसटी सांसदों को यह आश्वासन दिया था कि उनके वर्ग में क्रीमी लेयर को लागू नहीं करने और एससी-एसटी के आरक्षण में कोई उप-वर्गीकरण भी नहीं करने की उनकी मांगों पर गौर किया जाएगा। तब बसपा ने इसे उचित बताते हुए स्वागत किया था। लेकिन, अच्छा होता कि सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ के समक्ष बहस में केन्द्र सरकार की तरफ से एटार्नी जनरल आरक्षण को लेकर एससी व एसटी में क्रीमी लेयर लागू करने और इनका उप-वर्गीकरण किये जाने के पक्ष में दलील नहीं रखते गयी होती, तो शायद यह निर्णय नहीं आता।
सुप्रीम कोर्ट का फैसला निष्प्रभावी करना जरूरी
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के 1 अगस्त 2024 के निर्णय को संविधान संशोधन के जरिए जब तक निष्प्रभावी नहीं किया जाता, तब तक राज्य सरकारें अपनी राजनीति के तहत वहां इस निर्णय का इस्तेमाल करके एससी-एसटी वर्ग का उप-वर्गीकरण व क्रीमी लेयर को लागू कर सकती हैं। इसीलिए हमनें संविधान संशोधन बिल इसी सत्र में लाने की मांग की।
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