उपभोक्ताओं के परिसर में स्मार्ट मीटर लगाए जाने पर चेक मीटर नहीं लगाए जाने के आरोपों के बीच मध्यांचल विद्युत वितरण निगम ने स्मार्ट मीटर लगाने वाली दोनों कंपनियों को भारत सरकार के दिशा-निर्देशों का पालन करने के लिए पत्र लिखा है।
सवाल उठने पर मध्यांचल ने चेक मीटर लगाने को दोनों कंपनियों को लिखा पत्र : उपभोक्ता परिषद दर्ज करा चुका है विरोध
Nov 06, 2024 08:32
Nov 06, 2024 08:32
चेक मीटर की घटिया क्वालिटी का आरोप
उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग (UPERC) से लेकर उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड (UPPCL) के अफसरों से कई बार इस संबंध में विरोध दर्ज कराया जा चुका है। संगठन ने घटिया क्वालिटी के डर से चेक मीटर नहीं लगाने का भी आरोप लगाया है। इस बीच अब मध्यांचल विद्युत वितरण निगम (MVVNL) की ओर से इस संबंध में पत्र लिखा गया है। भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजना 'रिवैंप डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम' (आरडीएसएस) के तहत प्रदेश में विद्युत उपभोक्ताओं के घरों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जा रहे हैं। उपभोक्ता परिषद मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के निदेशक कमर्शियल योगेश कुमार और पावर कारपोरेशन के प्रबंध निदेशक पंकज कुमार से मिलकर चेक मीटर के संबंध में अपना विरोध दर्ज करा चुका है।
प्रत्येक 20 स्मार्ट मीटर पर एक चेक मीटर अनिवार्य
उपभोक्ताओं के परिसर में स्मार्ट मीटर लगाए जाने पर चेक मीटर नहीं लगाए जाने के आरोपों के बीच मध्यांचल विद्युत वितरण निगम ने स्मार्ट मीटर लगाने वाली दोनों कंपनियों को भारत सरकार के दिशा-निर्देशों का पालन करने के लिए पत्र लिखा है। इसके तहत प्रत्येक 20 स्मार्ट मीटर पर एक चेक मीटर अनिवार्य रूप से लगाने का निर्देश दिया गया है ताकि उपभोक्ताओं को उनकी रीडिंग और बिलिंग में पारदर्शिता व भरोसा मिल सके।
निगम के निर्देश: हर 20 स्मार्ट मीटर पर एक चेक मीटर
मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के निदेशक (वाणिज्य) ने इस आशय का पत्र दोनों कंपनियों को भेजा है। इस पत्र में स्पष्ट किया गया है कि उपभोक्ताओं की संतुष्टि और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए हर 20 स्मार्ट मीटर पर एक चेक मीटर स्थापित किया जाएगा। ये चेक मीटर उपभोक्ताओं के पहले से स्थापित मीटर को ही उपयोग करके लगाया जाएगा, जिससे उपभोक्ताओं को अलग से कोई असुविधा न हो।
चेक मीटर की स्थापना: प्रक्रिया और स्थान
चेक मीटर को उपभोक्ताओं के परिसर में स्मार्ट मीटर के पास ही लगाया जाएगा। इसके लिए निगम ने विशेष निर्देश जारी किए हैं कि चेक मीटर पोल के पास लगाया जाए ताकि इसे उतारते समय किसी प्रकार की केबल को क्षति न हो। चेक मीटर न्यूनतम तीन महीने तक परिसर में रहेगा और इसे हर क्षेत्र में समान रूप से लगाया जाएगा, न कि केवल एक क्षेत्र या गली तक सीमित रखा जाएगा। इस प्रक्रिया का उद्देश्य सभी उपभोक्ताओं को समान रूप से सेवा का लाभ प्रदान करना है।
हर महीने होगी चेक मीटर रीडिंग और विश्लेषण
वितरण खंड को निर्देश दिया गया है कि चेक मीटर की रीडिंग हर महीने की जाए और इस डेटा का गहन विश्लेषण किया जाए। वितरण खंड की यह जिम्मेदारी होगी कि वे समय पर चेक मीटरों की रीडिंग कराएं और किसी भी अनियमितता की जांच करें। चेक मीटरों की स्थापना और रीडिंग प्रक्रिया को साप्ताहिक रूप से मॉनिटर किया जाएगा, जिससे उपभोक्ताओं को बेहतर सेवाएं दी जा सकें।
उपभोक्ता को दी जाएगी सीलिंग सर्टिफिकेट की प्रति
चेक मीटर की अवधि समाप्त होने के बाद इसे हटाने की प्रक्रिया में भी उपभोक्ताओं की सुविधा का विशेष ध्यान रखा गया है। चेक मीटर उतारते समय उपभोक्ता को सीलिंग सर्टिफिकेट की प्रति सौंपी जाएगी, ताकि उनके पास एक रिकॉर्ड रहे। यदि किसी चेक मीटर की जांच में अनियमितता पाई जाती है तो वितरण खंड को इसकी सूचना दी जाएगी और आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
उपभोक्ताओं से नहीं लिया जाएगा शुल्क
निगम ने स्पष्ट किया है कि चेक मीटर लगाने की इस पूरी प्रक्रिया में उपभोक्ताओं से किसी प्रकार का अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाएगा। यह कदम उपभोक्ताओं की संतुष्टि और सुविधा के लिए उठाया गया है ताकि उनकी स्मार्ट मीटरिंग प्रणाली में पारदर्शिता बनी रहे और वे किसी भी प्रकार की शंका से मुक्त हो सकें।
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