लोकसभा चुनाव की आचार संहिता खत्म होते ही उत्तर प्रदेश के कई जिला मुख्यालयों के नाम बदलने की तैयारी में तेजी आ गई है। दरअसल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अकबरपुर में भाजपा प्रत्याशी के समर्थन में जनसभा के दौरान विरासत का सम्मान करने का संकल्प लिया था। बुधवार को उन्होंने अकबरपुर के नाम पर आपत्ति करते हुए कहा था कि गुलामी के प्रतीक को बोलते हुये भी संकोच होता है।
सियासी दांव : आचार संहिता हटते ही बदले जाएंगे यूपी के कई जिलों के नाम
![आचार संहिता हटते ही बदले जाएंगे यूपी के कई जिलों के नाम](https://image.uttarpradeshtimes.com/ib-thumbnail-2024-05-09t173721309-68923.jpg)
May 09, 2024 17:47
May 09, 2024 17:47
- गुलामी की निशानियों से मुक्त होगा प्रदेश, विरासत को मिलेगा सम्मान
- क्षेत्र को विकास की मुख्य धारा से जोड़ने का दिया आश्वासन
- अलीगढ़, आजमगढ़, शाहजहांपुर, गाजियाबाद, फिरोजाबाद और मुरादाबाद का नाम बदलने की उठ चुकी आवाज
मुख्यमंत्री ने यहां तक कहा था कि हमें गुलामी के निशानों को समाप्त करना है। विरासत का सम्मान करना है। इस क्षेत्र को विकास की मुख्यधारा के साथ जोड़ना है। इसके लिए जो अभियान देश में शुरू हुआ है। उसमें हमें भी एक वोट के साथ सहभागी बनना है।
पहले भी बदले गए हैं कई नाम
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश की सत्ता संभालने के बाद कई सड़कों, पार्कों, चौराहों, इमारतों का नाम पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई के नाम पर रखा गया है। अब यहां अटल बिहारी वाजपेई रोड है। अटल चौराहा अटल सेतु है। अटल कंवेशन सेंटर है। अटल बिहारी कल्याण मंडप भी है। यही नहीं योगी सरकार ने प्रतिष्ठित मुगलसराय रेलवे स्टेशन (जो देश का चौथा सबसे व्यस्त रेलवे जंक्शन है) का नाम बदलकर दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन कराया है। यह कदम बीजेपी के सह-संस्थापक के प्रति सम्मान का प्रतीक था। राज्य सरकार ने 2019 कुंभ मेले से ठीक पहले इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज कर दिया। संतों का दावा है कि इस ऐतिहासिक शहर का मूल नाम प्रयागराज ही था। मुगलों ने इसे 'अल्लाहबाद' कर दिया था जो बाद में इलाहाबाद हो गया। वहीं, फैजाबाद का नाम भी बदलकर अयोध्या किया गया था, जबकि झांसी रेलवे स्टेशन का नाम भी बदलकर रानी लक्ष्मी बाई के नाम पर रखा गया है।
इन जगहों के नाम बदलने की उठ रही मांग
हाल ही में, अलीगढ़ के नगर निकायों ने शहर का नाम बदलकर हरिगढ़ करने की मांग करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया था, जबकि फिरोजाबाद का नाम बदलकर चंद्र नगर करने का प्रस्ताव है। ऐसा ही एक प्रस्ताव मैनपुरी में भी रखा गया। इस जिले का नाम मायापुरी करने की मांग की गई थी। माध्यमिक शिक्षा राज्य मंत्री गुलाब देवी ने अपने गृह जिले संभल का नाम बदलकर पृथ्वीराज नगर या कल्कि नगर करने की मांग की है। इसी तरह, सुल्तानपुर जिले का नाम बदलकर कुशभवनपुर करने की मांग हो रही है। इस शहर की स्थापना भगवान राम के पुत्र कुश ने की थी। देवबंद का नाम भी बदलकर देववृंद करने की मांग उठ रही है। देवबंद इस्लामिक मदरसा दारुल उलूम के लिए जाना जाता है, लेकिन दावा है कि प्राचीन हिंदू धर्मग्रंथों में इस स्थान को देववृंद कहा गया है। इसी तरह, शाहजहांपुर का नाम बदलकर शाजीपुर करने की भी मांग उठी थी, जो कि महाराणा प्रताप के करीबी भामाशाह का दूसरा नाम है। गाजीपुर का नाम बदलकर गाधिपुरी करने की मांग चल रही है।
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