योगी सरकार ने विपक्ष के भारी विरोध के बीच उत्तर प्रदेश नजूल सम्पत्ति विधेयक 2024 को पारित कर लिया।
Nazul land bill : क्या होता है नजूल जमीन? जिसको लेकर बीजेपी और सपा के बीच सदन में छिड़ी गई थी जंग
Aug 01, 2024 16:49
Aug 01, 2024 16:49
नजूल जमीन पर पहला कानून
संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने विधानसभा में नजूल सम्पत्ति विधेयक 2024 को पेश करते हुए कहा कि यह नजूल सम्पत्ति पर पहला कानून है। उन्होंने कहा कि जनहित में सार्वजनिक कार्यों के लिए भूमि का प्रबंध करने में काफी समय लगता है, इसलिए अब सार्वजनिक कामों के लिए नजूल सम्पत्ति का इस्तेमाल किया जाएगा। हालांकि, इस कानून में वन, सिंचाई और कृषि विभाग को शामिल नहीं किया जाएगा।
क्या है नजूल जमीन?
ब्रिटिश शासन काल के दौरान, जब राजा-रजवाड़े अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई में हार जाते थे, तब अंग्रेज उनकी जमीन को जब्त कर लेते थे। ऐसी जमीनों को नजूल सम्पत्ति कहा जाता है। भारत की आजादी के बाद, इन संपत्तियों का अधिकार संबंधित राज्य सरकारों के पास चला गया। सरकार इन संपत्तियों का इस्तेमाल सार्वजनिक उद्देश्यों के लिए करती है, जैसे कि अस्पताल, स्कूल और पंचायत भवन बनाने के लिए। इसके अलावा, बड़े शहरों में हाउसिंग सोसाइटी बनाने के लिए भी इन संपत्तियों का उपयोग किया जाता है।
नजूल सम्पत्ति विधेयक के प्रावधान
संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना द्वारा पारित नजूल सम्पत्ति विधेयक में कई प्रावधान शामिल हैं। यदि किसी व्यक्ति ने नजूल सम्पत्ति का पट्टा लिया है और वह पट्टे का किराया नियमित रूप से भुगतान करता है और पट्टा अनुबंध के नियमों का उल्लंघन नहीं करता है, तो उसका पट्टा नवीनीकरण कर दिया जाएगा। ऐसे पट्टों को 30 साल के लिए नवीनीकरण किया जाएगा। यदि पट्टा अनुबंध का समय समाप्त हो जाता है, तो संपत्ति फिर से सरकार के पास आ जाएगी। इसके अलावा, यदि पट्टा अवधि के खत्म होने के बाद भी नजूल जमीन का उपयोग जारी रहता है, तो उसके पट्टे का किराया जिलाधिकारी द्वारा निर्धारित किया जाएगा।
विपक्ष का विरोध
विपक्ष ने इस विधेयक का कड़ा विरोध किया और इसे जनविरोधी करार दिया। उनका कहना है कि इस कानून से जनता में असंतोष फैलेगा और इसे पारित करने से पहले अधिक विचार-विमर्श किया जाना चाहिए था। विपक्ष के इस विरोध के बावजूद, विधेयक को पारित कर दिया गया और अब यह कानून बन गया है।
किस काम में आती है नजूल जमीन
नजूल जमीन का मालिकाना हक सरकार के पास होता है और इसका उपयोग प्रशासन द्वारा तय किया जाता है। यह जमीन ज्यादातर सरकारी स्कूल, अस्पताल, या पंचायत भवन बनाने में इस्तेमाल होती है। कई बार हाउसिंग सोसायटीज भी नजूल जमीन पर बनाई जाती हैं, जिन्हें लीज पर दिया जाता है। नजूल जमीन के रखरखाव और उपयोग के लिए लैंड्स ट्रांसफर रूल, 1956 लागू होता है। इस प्रक्रिया में प्रशासन यह सुनिश्चित करता है कि जमीन का उपयोग जनहित के कार्यों के लिए हो, जिससे समुदाय को लाभ पहुंचे।
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