ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी की तैयारी : उत्तर प्रदेश में औद्योगिक निवेश के नए युग का सूत्रपात 

उत्तर प्रदेश में औद्योगिक निवेश के नए युग का सूत्रपात 
फ़ाइल फोटो | मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

Feb 13, 2024 20:00

उत्तर प्रदेश में निवेश आकर्षण में भूमि की प्रचुर उपलब्धता की महत्वपूर्ण भूमिका है। भव्य ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी 4.0 से उत्तर प्रदेश में औद्योगिक निवेश के एक नए युग का सूत्रपात...

Feb 13, 2024 20:00

Short Highlights
  • उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण में 17,05,365.33 वर्ग मीटर रिक्त भूखंड हैं
  • यूपी डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर में निवेशकों को 80,47,200 वर्ग मीटर भूमि आवंटन हेतु उपलब्ध  
Lucknow News : लखनऊ में 19 फरवरी को आयोजित होने वाली निवेश परियोजनाओं की ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी उत्तर प्रदेश के औद्योगिक परिदृश्य में एक नए युग की शुरुआत करने जा रही है। यह समारोह 25 से अधिक सेक्टोरल नीतियों के महत्व को चिह्नित करेगा, जो निवेशकों को आकर्षित करने के लिए अनुकूल माहौल का सृजन करती है एवं आर्थिक विकास को बढ़ावा देते हुए महत्वपूर्ण निवेश आकर्षित करती है।

निवेश के लिए अनुकूल माहौल बन रहा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व और मार्गदर्शन में उद्योगों के लिए रणनीतिक क्षेत्र-विशिष्ट नीतियों और उच्च-स्तरीय औद्योगिक बुनियादी ढांचे के विकास से निवेश के लिए अनुकूल माहौल बन रहा है। आगामी ग्राउंड ब्रेकिंग समारोह औद्योगिक निवेश के लिए पसंदीदा गंतव्य बनने के लिए राज्य की अटूट प्रतिबद्धता के प्रमाण के रूप में काम करेगा।

यूपी में उद्योगों के लिए प्रचुर जमीन
गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण, न्यू ओखला औद्योगिक विकास प्राधिकरण एवं ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण में कुल 7,96,764.74 वर्ग मीटर की औद्योगिक भूमि की उपलब्धता होना यह दर्शाता है कि यूपी में उद्योगों के लिए प्रचुर भूमि उपलब्ध है। उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण में 17,05,365.33 वर्ग मीटर रिक्त भूखंड हैं तथा उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर में निवेशकों को 80,47,200 वर्ग मीटर भूमि आवंटन हेतु उपलब्ध है।

उद्योगों को भूखंड आवंटित किए
उल्लेखनीय है कि ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने उद्योगों को 2,568 भूखंड आवंटित किए हैं, जबकि 2,07,924 वर्ग मीटर भूमि आवंटन के लिए उपलब्ध है। इसी तरह, नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने 11,162 औद्योगिक भूखंड आवंटित किए हैं, जबकि 1,734.74 वर्ग मीटर भूमि आवंटन के लिए उपलब्ध है। गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने औद्योगिक इकाइयों को 981 भूखंड आवंटित किए हैं और 5,87,106 वर्ग मीटर आवंटन के लिए उपलब्ध है। गौरतलब है कि यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने वित्तीय वर्ष 2022-23 और 2023-24 के दौरान उद्योगों को 244.21 एकड़ के 261 भूखंड आवंटित किए हैं।

सारथी पोर्टल पर रिक्त भूखंड के डेटा अपलोड 
इसके अतिरिक्त, सभी औद्योगिक विकास प्राधिकरण निवेश सारथी पोर्टल पर रिक्त भूखंडों से सम्बंधित व्यापक डेटा अपलोड कर रहे हैं, जिससे निवेशकों को महत्वपूर्ण जानकारी सुगमता से मिल सके। इसके साथ ही, विभिन्न औद्योगिक विकास प्राधिकरणों ने अपने पोर्टलों पर उपलब्ध भूखंडों के संबंध में विवरण साझा किया है।  

नए निवेशकों को भूमि उपलब्ध कराने का प्रावधान
एक और उल्लेखनीय पहल जो औद्योगिक कायाकल्प के प्रति राज्य सरकार के सक्रिय दृष्टिकोण और संसाधनों में सुधार के प्रति प्रतिबद्धता को उजागर करती है, वह है नए निवेशकों को बीमार इकाइयों की भूमि उपलब्ध कराने का प्रावधान। उदाहरण के लिए, लखनऊ में स्कूटर्स इंडिया लिमिटेड की फैक्ट्री की जमीन अशोक लीलैंड को इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माण सुविधा स्थापित करने के लिए निर्बाध रूप से प्रदान की गई है।

भूमि खरीद में स्टांप शुल्क की छूट 
निर्बाध कारोबारी माहौल बनाने के लिए, राज्य सरकार पात्र निवेशकों को भूमि खरीद में स्टांप शुल्क की छूट दे रही है।  इसके अतिरिक्त, उत्तर प्रदेश सरकार ने 'उत्तर प्रदेश एफडीआई, फॉर्च्यून ग्लोबल 500 और फॉर्च्यून इंडिया 500 कंपनियों के लिए निवेश प्रोत्साहन नीति 2023' की घोषणा की है। यह पहल वैश्विक निवेश आकर्षित करने के उद्देश्य से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) परियोजनाओं और फॉर्च्यून ग्लोबल 500 और फॉर्च्यून इंडिया 500 कंपनियों से जुड़ी परियोजनाओं को विशेष प्रोत्साहन प्रदान करती है। यदि निवेश 100 करोड़ रुपये से अधिक है तो पात्र परियोजनाओं के लिए भूमि आवंटन में सब्सिडी के साथ-साथ अन्य प्रोत्साहन का भी प्रावधान है।

Also Read

गरीब परिवारों के बच्चों को भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुलभ कराने में जुटी योगी सरकार  

19 Sep 2024 11:22 PM

लखनऊ Lucknow News : गरीब परिवारों के बच्चों को भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुलभ कराने में जुटी योगी सरकार  

योगी सरकार की यह तैयारी सत्र 2025-26 में अलाभित और दुर्बल परवारों के होनहारों को अच्छी और नि:शुल्क शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए है। महानिदेशक स्कूल शिक्षा द्वारा जारी दिशा निर्देश के मुताबिक यह प्रक्रिया चार चरणों में पूरी कराई जाएगी। और पढ़ें