डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने मंगलवार को बताया कि प्रकरण की गंभीरता के मद्देनजर केजीएमयू की वाइस चांसलर प्रोफेसर सोनिया नित्यानंद को पूरे प्रकरण की स्वयं जांच कर दोषियों के विरुद्ध कठोर से कठोर कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही कार्रवाई की रिपोर्ट चार दिन में उपलब्ध कराये जाने को कहा गया है।
केजीएमयू में वेटिलेटर नहीं मिलने से मरीज की मौत : ब्रजेश पाठक ने चार दिन में मांगी कार्रवाई की रिपोर्ट, इलाज के लिए हाथ जोड़ने का वीडियो हुआ वायरल
Nov 26, 2024 19:16
Nov 26, 2024 19:16
ब्रजेश पाठक ने दिए कठोर कार्रवाई के निर्देश
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने मंगलवार को बताया कि केजीएमयू के लॉरी कार्डियोलॉजी में मरीज की वेंटिलेटर नहीं मिलने के कारण मौत का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने का उन्होंने संज्ञान लिया है। इसके बाद प्रकरण की गंभीरता के मद्देनजर केजीएमयू की वाइस चांसलर प्रोफेसर सोनिया नित्यानंद को पूरे प्रकरण की स्वयं जांच कर दोषियों के विरुद्ध कठोर से कठोर कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही कार्रवाई की रिपोर्ट चार दिन में उपलब्ध कराये जाने को कहा गया है।
इलाज के लिए डॉक्टर के हाथ जोड़ते रहे अबरार
प्रकरण के मुताबिक दुबग्गा के छंदोईया निवासी 55 वर्षीय अबरार अहमद वर्ष 2018 से दिल की बीमारी का इलाज करवा रहे थे। रविवार रात सांस लेने में तकलीफ के बाद परिवार के सदस्य उन्हें केजीएमयू लेकर पहुंचे। आरोप है कि समय पर इलाज नहीं करने की वजह से उनकी मौत हो गई। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें अबरार अपने इलाज के लिए डॉक्टर के हाथ जोड़ते नजर आए। वह विनती करते रहे और बाद में उनकी मौत हो गई।
डॉक्टर पर जानबूझकर इलाज नहीं करने का आरोप
मरीज के बेटे सैफ का आरोप है कि सीने में तेज दर्द के लिए डॉक्टर नीरज कुमार की सलाह पर उन्हें तीन से चार इंजेक्शन दिए गए। इंजेक्शन के कुछ देर बाद उनकी नाक और मुंह से खून निकलने लगा। इस दौरान डॉक्टरों से कई बार मरीज पर ध्यान देने को कहा गया। वेंटिलेटर के लिए गुजारिश की गई। लेकिन किसी ने नहीं ध्यान दिया, जिसके कारण उसके पिता की मौत हो गई। सैफ के मुताबिक डॉक्टरों ने यहां तक कहा कि ये लोग ज्यादा शोर मचा रहे हैं, इन्हें नहीं देखा जाएगा। पिता की मौत होने पर डॉक्टरों ने शव ले जाने को कहा। सैफ ने वजीरगंज थाने में डॉक्टर नीरज कुमार के खिलाफ लिखित शिकायत दर्ज कराई है।
केजीएमयू प्रशासन ने अपनी सफाई में कही ये बात
हालांकि केजीएमयू प्रशासन की ओर से लापरवाही को लेकर इनकार किया गया है। संस्थान के प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह के मुताबिक अबरार अहमद को वर्ष 2018 में कोरोनरी आर्टरी डिजीज का पता चला था, जिसके लिए एंजियोप्लास्टी की गई थी। बाद में डॉक्टर के नियमित रूप से जांच के लिए बुलााने पर वह नहीं आए। इसके बाद उनकी हालत बिगड़ गई। अब अस्पताल लाए जाने पर उन्हें तुरंत ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखने के साथ दवाएं भी दी गईं। सभी आईसीयू बेड भरे होने के कारण उन्हें वेंटिलेटर की जरूरत देखते हुए
संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआई), डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान ले जाने की सलाह दी गई। इस बीच मरीज की मौत हो गई।
मुजफ्फरनगर में आरोपी सर्जन निलंबित
एक अन्य मामले में डिप्टी सीएम के निर्देश पर सर्जन को निलंबित कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि मुजफ्फरनगर में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बुढ़ाना में तैनात सर्जन के गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी-सर्जरी के लिए रिश्वत लिए जाने, भ्रष्टाचार करने और जनहित के कार्यों में कर्तव्यहीनता, लापरवाही किये जाने की शिकायत मिली थी। इस पर मुख्य चिकित्साधिकारी ने तीन एसीएमओ की संयुक्त कमेटी से मामले की प्रारम्भिक जांच कराई, जिसमें दोषी पाये जाने पर विभाग की छवि धूमिल करने जैसे गम्भीर कृत्य के लिए संबंधित सर्जन को निलंबित कर दिया गया है। सर्जन को मंडलीय अपर निदेशक, चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, सहारनपुर मंडल से संबद्ध करते हुए आरोप-पत्र दिये जाने के निर्देश प्रमुख सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य को दे दिये गये हैं।
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