समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गुरुवार को पूर्व सपा सांसद फूलन देवी की पुण्यतिथि पर एक्स पर उनकी एक तस्वीर शेय की है। तस्वीर शेयर करके उन्होंने फूलन देवी श्रद्धांजलि दी है।
Phoolan Devi Death Anniversary : अखिलेश यादव ने कहा-फूलन देवी सामाजिक न्याय की प्रतीक, पुण्यतिथि पर दी श्रद्धांजलि
Jul 26, 2024 00:33
Jul 26, 2024 00:33
- पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ ने अन्याय के खिलाफ लड़ते रहने का लिया संकल्प
- पुण्यतिथि पर फूलन देवी को दी श्रद्धांजलि
समाजवादी पार्टी के पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ ने दी फूलन देवी को श्रद्धांजलि
समाजवादी पार्टी के पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ ने फूलन देवी को पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित की। प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष और विधान परिषद सदस्य राजपाल कश्यप ने कहा कि फूलन देवी ने सामाजिक न्याय की लड़ाई लड़ी। मरते दम तक अन्याय के खिलाफ उनकी लड़ाई जारी रही। मुलायम सिंह यादव ने फूलन देवी को जेल से निकालकर संसद में भेजा। वहीं दिल्ली में भाजपा सरकार के समय संसद से निकली फूलन देवी की निर्मम हत्या कर दी गई। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव मुलायम सिंह की सामाजिक लड़ाई को आगे ले जाने का काम कर रहे हैं। फूलन देवी से प्रेरणा लेकर सपा के पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ ने संकल्प लिया है कि अन्याय बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और अखिलेश यादव का अन्याय के खिलाफ जारी लड़ाई में पूरा साथ देगा।
दलित परिवार में हुआ था फूलन देवी का जन्म
फूलन देवी का जन्म जालौन जिले के गांव गोरहा का पुरवा में 10 अगस्त 1963 को एक दलित परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम देवीदीन था। दादा की मौत के बाद उनके पिता की जमीन को उनके चाचा ने हड़प लिया था। चाचा की बेईमानी का पता चलने पर अपने पिता की दूसरी संतान फूलन वहीं धरने पर बैठ गईं और लड़ाई हाथापाई तक आ गई। जिस जमीन के लिए फूलन डाकू बनी वो उनकी मौत के बाद भी उनको नहीं मिल सकी।
1996 में मिर्जापुर से बनीं सांसद
1993 में सरेंडर के बाद फूलन जब जेल से रिहा हुईं उसके बाद मुलायम सिंह यादव के संपर्क में आईं। 1994 में मुलायम सिंह ने फूलन पर लगे सभी मामले वापस ले लिए और 1996 में मिर्जापुर संसदीय सीट से उनको चुनाव लड़ने के लिए पार्टी का टिकट भी दिया। वह चुनाव जीतीं और चंबल से सीधे देश के सर्वोच्च सदन आ गईं।
2001 में हुई थी फूलन देवी की हत्या
फूलन देवी को बैंडिट क्वीन के नाम से भी जान जाता था। वह निचली जातियों के हिमायती नेता के रूप में प्रसिद्ध थीं। 25 जुलाई 2001 को उनके दक्षिण दिल्ली स्थित बंगले के बाहर शेर सिंह राणा समेत तीन नकाबपोश बंदूकधारियों ने फूलन देवी की गोली मारकर हत्या कर दी थी। शेर सिंह राणा ने फूलन की हत्या के बाद दावा किया था 1981 में मारे गए 22 सवर्णों की हत्या का बदला लिया है।
Also Read
25 Nov 2024 12:50 AM
यूपी पावर कार्पोरेशन हर साल घाटे की ओर से बढ़ रहा है। स्थिति यह है कि वर्ष 2024-25 में घाटा बढ़कर करीब 1.18 लाख करोड़ रुपये पहुंच... और पढ़ें