Pocket Constitution Book : राहुल के हाथों में दिखी चमड़े के कवर वाली लाल किताब, जानिए इसका लखनऊ से कनेक्शन

राहुल के हाथों में दिखी चमड़े के कवर वाली लाल किताब, जानिए इसका लखनऊ से कनेक्शन
UPT | राहुल गांधी

Jun 27, 2024 11:20

बीते लोकसभा चुनाव में सभी पार्टियों के मुख से सबसे ज्यादा बार सुने जाने वाला शब्द है संविधान यानी भारत का संविधान। राहुल गांधी के साथ-साथ पूरे विपक्ष ने इस बार संविधान को चुनावी...

Jun 27, 2024 11:20

Lucknow News : बीते लोकसभा चुनाव में सभी पार्टियों के मुख से सबसे ज्यादा बार सुने जाने वाला शब्द है संविधान यानी भारत का संविधान। राहुल गांधी के साथ-साथ पूरे विपक्ष ने इस बार संविधान को चुनावी मुद्दा बनाया और कहां की यदि एक बार मोदी सरकार पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में आती है वह हमारे देश का संविधान बदल सकती है। इन सबके बीच एक किताब जो हर वक्त राहुल गांधी के हाथों में दिखाई दी। जो इस समय चर्चा का विषय बनी है। राहुल गांधी ने इस किताब को सभी रैंलियों, प्रेस वार्ता और यहां तक की संसद में शपथ लेने के दौरान भी अपने हाथ में लिए रहे। दरअसल यह किताब पॉकेट संविधान है। इस पॉकेट संविधान किताब का लखनऊ से सीधा कनेक्शन है।


तीन महीनों में लगभग 5000 प्रतियां बिकी
लखनऊ के ईस्टर्न बुक कंपनी द्वारा प्रकाशित की गई चमड़े के कवर वाली लाल संविधान किताब एक ऐसा उपकरण साबित हुई है, जिसने अपनी चर्चा और प्रचार के माध्यम से भारतीय राजनीति में गहरी छाप छोड़ी है। इस किताब को विपक्ष के नेता विशेषकर राहुल गांधी ने चुनावी प्रचार के दौरान इसे आम जनता के समक्ष उतारा। उन्होंने दावा किया कि यदि भाजपा फिर से सत्ता में लौटी तो भाजपा संविधान में संशोधन करेगी। लालबाग के ईस्टर्न बुक कंपनी के सेल्स अधिकारी सुधीर कुमार ने बताया कि ईबीसी यह संविधान का एकमात्र प्रकाशक है और पिछले तीन महीनों में इसकी लगभग 5000 प्रतियां बिक चुकी हैं। इस किताब का पहला संस्करण 2009 में प्रकाशित हुआ था और इसके बाद से इसके 16 संस्करण प्रकाशित किए गए हैं। इसकी प्रस्तावना पूर्व अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने की है। सुधीर ने यह भी कहा कि इस संविधान की किताब को देखने से आंखों में चमक आती है और यह हर भारतीय की जेब में होनी चाहिए, क्योंकि यह सुंदर और गौरवशाली संविधान की किताब है।

20 सेमी लंबाई और 9 सेमी चौड़ाई में बनी ये किताब
ईस्टर्न बुक ने भारतीय संविधान का एक विशेष पॉकेट संस्करण में संविधान के विभिन्न पहलुओं को बौद्धिक संपदा अधिकार से सुरक्षित किया गया है। जिससे कि इसकी कोई अनधिकृत नकल नहीं की जा सके। यह पॉकेट संस्करण बाइबिल पेपर पर छपा है और इसका आकार 20 सेमी लंबाई और 9 सेमी चौड़ाई का है। इसके अलावा यह संस्करण विदेश यात्राओं के दौरान भारतीय सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों द्वारा भी अपनी कोट की जेब में रखा जाता है। जिससे कि उन्हें संविधान का उपलब्ध रहने का सुविधाजनक और प्रभावी साधन मिलता है। इसे दुनिया भर के कई पुस्तकालयों में भी संग्रहित किया गया है, जिससे संविधान की महत्वपूर्ण यात्रिक और शैक्षिक मान्यता बढ़ी है।

'बाइबिल पेपर' क्या है...
यह एक विशेष प्रकार का कागज है जिसे अपनी मजबूती और सर्वसुलभता के लिए विकसित किया गया है। इस पेपर का उपयोग उन किताबों के लिए किया जाता है जिनमें बहुत सारे पन्ने होते हैं, जैसे कि इस 624 पन्नों वाली किताबों के लिए। ये किताबें अंतरराष्ट्रीय गुणवत्ता और मानकों के अनुसार छपाई बिना पॉकेट में फिट होने में चुनौती प्रदान करती हैं। इस पेपर की खासियत यह है कि यह बहुत पतला होता है। लेकिन बहुत मजबूत होता है। यह कागज बहुत बारीकी से बनाया जाता है ताकि इस पर छपे हुए शब्दों को दोतरफा प्रिंट किया जा सके, जिससे यह शब्दों के सर्च में भी आसानी होती है। इस पेपर पर भी विशेष ध्यान दिया जाता है कि यह ज्यादा शब्दों वाली किताबों के लिए भी उपयुक्त हो।

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