बिजली उत्पादन क्षमता में वृद्धि की योजना : यूपी में शुरू किए जाएंगे 10 नए तापीय पावर प्लांट , ये हैं प्रमुख परियोजनाएं

यूपी में शुरू किए जाएंगे 10 नए तापीय पावर प्लांट , ये हैं प्रमुख परियोजनाएं
UPT | बिजली उत्पादन क्षमता में वृद्धि की योजना

Jun 29, 2024 17:24

इस योजना के अंतर्गत, 10 नए ताप बिजलीघरों की स्थापना की जाएगी, जिससे राज्य की कुल स्थापित क्षमता में 5,255 मेगावाट की वृद्धि होगी। साथ ही, तीन मौजूदा बड़े बिजलीघरों...

Jun 29, 2024 17:24

Short Highlights
  • 10 नए ताप बिजलीघरों की स्थापना की जाएगी
  • 2030 तक तीन प्रमुख बिजलीघरों की क्षमता में विस्तार करने की योजना है
  • मई 2024 में, दैनिक बिजली मांग 30,000 मेगावाट तक पहुंच गई थी
Lucknow News : उत्तर प्रदेश सरकार ने आगामी तीन वर्षों में राज्य की बिजली उत्पादन क्षमता में महत्वपूर्ण वृद्धि करने की योजना बनाई है। इस योजना के अंतर्गत, 10 नए ताप बिजलीघरों की स्थापना की जाएगी, जिससे राज्य की कुल स्थापित क्षमता में 5,255 मेगावाट की वृद्धि होगी। साथ ही, तीन मौजूदा बड़े बिजलीघरों की क्षमता में भी विस्तार किया जाएगा।

यूपी सरकार की प्रमुख योजनाएं
यह कदम राज्य में बढ़ती बिजली मांग को पूरा करने के लिए उठाया जा रहा है, विशेषकर 10 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावों के कार्यान्वयन के मद्देनजर। नए बिजलीघरों में से कुछ प्रमुख परियोजनाएं हैं-
  • ओबरा सी की दूसरी यूनिट (660 मेगावाट) - सितंबर 2024 तक
  • जवाहरपुर यूनिट-2 (660 मेगावाट) - जुलाई 2024 तक
  • घाटमपुर ताप बिजलीघर की तीन यूनिटें (प्रत्येक 561 मेगावाट)
  • पनकी यूनिट (660 मेगावाट) - जुलाई 2024 के आसपास
  • खुर्जा एसटीपीपी की दो यूनिटें (प्रत्येक 396 मेगावाट) - मई 2025 तक
  • सिंगरौली स्टेज श्री की दो यूनिटें (प्रत्येक 400 मेगावाट) - अगस्त 2027 तक

अन्य योजनाएं
इसके अलावा, योगी सरकार 2030 तक तीन प्रमुख बिजलीघरों की क्षमता में 5,120 मेगावाट का विस्तार करने की योजना बना रही है। जो कि, ओबरा डी की दूसरी यूनिट - 1,600 मेगावाट, अनपरा ई बिजलीघर - 1,600 मेगावाट और मेजा बिजलीघर (प्रयागराज) - 1,920 मेगावाट है।

वर्तमान में हो रहा इतना उत्पादन
वर्तमान में, उत्तर प्रदेश के ताप बिजलीघर लगभग 6,500 मेगावाट बिजली का उत्पादन कर रहे हैं। हालांकि, राज्य में बिजली की मांग और आपूर्ति के बीच अंतर बना हुआ है। मई 2024 में, दैनिक बिजली मांग 30,000 मेगावाट तक पहुंच गई थी। इस अंतर को पूरा करने के लिए, राज्य सरकार अन्य राज्यों और निजी क्षेत्र से बड़े पैमाने पर बिजली खरीद रही है।

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