बेगरिया की इस शत्रु संपत्ति पर लंबे समय से प्रॉपर्टी डीलरों का कब्जा रहा है। उन्होंने इस जमीन का एक बड़ा हिस्सा अवैध रूप से बेचकर वहां निर्माण कार्य शुरू करवा दिया। अब, प्रशासन ने खाली पड़ी जमीन की पैमाइश करने का निर्णय किया है ताकि वास्तविक स्थिति को स्पष्ट किया जा सके और सरकारी कार्रवाई को आगे बढ़ाया जा सके।
Lucknow News : दुबग्गा में प्रॉपर्टी डीलरों ने बड़े पैमाने पर बेच डाली शत्रु संपत्ति, अब खाली जमीन की होगी पैमाइश
Nov 15, 2024 19:53
Nov 15, 2024 19:53
प्रॉपर्टी डीलरों की गतिविधियां और जमीन की स्थिति
बेगरिया की इस शत्रु संपत्ति पर लंबे समय से प्रॉपर्टी डीलरों का कब्जा रहा है। उन्होंने इस जमीन का एक बड़ा हिस्सा अवैध रूप से बेचकर वहां निर्माण कार्य शुरू करवा दिया। अब, प्रशासन ने खाली पड़ी जमीन की पैमाइश करने का निर्णय किया है ताकि वास्तविक स्थिति को स्पष्ट किया जा सके और सरकारी कार्रवाई को आगे बढ़ाया जा सके।
शनिवार को होगी पैमाइश
अधिकारियों के अनुसार, शनिवार को खाली पड़ी जमीन की पैमाइश की जाएगी। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सरकारी संपत्ति को सही तरीके से कब्जे में लिया जाए और उसे संरक्षित किया जा सके। हालांकि, जिन भूखंडों पर मकान बने हुए हैं, उन पर तत्काल कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। इस कदम का उद्देश्य केवल रिक्त पड़ी जमीन की पहचान और उसे सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज करना है।
शत्रु संपत्ति पर अवैध कब्जे को लेकर सख्त रुख
यह कदम उत्तर प्रदेश सरकार के शत्रु संपत्ति पर सख्त रुख अपनाने के प्रयास का हिस्सा है। राज्य सरकार इस बात को सुनिश्चित करना चाहती है कि शत्रु संपत्ति पर अवैध कब्जा और निर्माण कार्य रोके जाएं। इससे पहले भी ऐसे मामलों में सरकार ने कठोर कदम उठाए हैं, जिससे अवैध कब्जाधारियों को चेतावनी मिल सके।
क्या होती है शत्रु संपत्ति
शत्रु संपत्ति वह संपत्ति होती है जो उन व्यक्तियों या संस्थाओं के नाम पर होती है जो भारत के विभाजन या युद्ध के बाद पाकिस्तान या चीन चले गए थे। भारत सरकार ने ऐसे व्यक्तियों की संपत्तियों को शत्रु संपत्ति घोषित किया ताकि वह देश की सुरक्षा और कानूनी प्रावधानों के अंतर्गत उसे सुरक्षित रख सके।
भारत में शत्रु संपत्ति कानून
भारत में शत्रु संपत्ति कानून की नींव 1968 में रखी गई थी। इसे 'शत्रु संपत्ति अधिनियम' के रूप में जाना जाता है। यह अधिनियम सरकार को उन संपत्तियों का नियंत्रण लेने की अनुमति देता है जो भारत के दुश्मन देशों के नागरिकों के स्वामित्व में हैं। 2017 में इस कानून में संशोधन किया गया था जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि शत्रु संपत्ति का स्वामित्व भारत सरकार के पास ही रहेगा और इसे किसी भी अन्य व्यक्ति या उत्तराधिकारी को वापस नहीं किया जा सकेगा।
शत्रु संपत्ति के प्रबंधन का कार्य
शत्रु संपत्ति का प्रबंधन शत्रु संपत्ति अभिरक्षक कार्यालय द्वारा किया जाता है। यह कार्यालय भारत सरकार के अधीन काम करता है और इसका मुख्य कार्य उन संपत्तियों की देखभाल करना और उनका कानूनी नियंत्रण बनाए रखना है। अभिरक्षक कार्यालय समय-समय पर इन संपत्तियों की पहचान करता है और उन्हें अवैध कब्जों से बचाने के लिए कार्रवाई करता है।
शत्रु संपत्ति का आंकड़ा
भारत में हजारों शत्रु संपत्तियां हैं। 2018 के सरकारी आंकड़ों के अनुसार, भारत में 9,400 से अधिक शत्रु संपत्तियां हैं, जिनमें से अधिकतर उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, और दिल्ली जैसे राज्यों में हैं। इन संपत्तियों की कीमत हजारों करोड़ रुपए आंकी जाती है।
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