जिला एवं सत्र न्यायालय ने आज एक अभियुक्त को सजा सुनाई है, जिसने अपना धर्म और नाम बदलकर एक युवती को प्रेम जाल में फंसाया।
पहचान छिपाकर युवती से दुष्कर्म का मामला : कोर्ट ने सुनाई 10 साल की सजा, 10 हजार को लगाया जुर्माना
Oct 22, 2024 18:48
Oct 22, 2024 18:48
10 साल के कारावास की सुनाई सजा
पीठासीन अधिकारी (एचजेएस) विद्या शंकर पांडे ने आरोपी को 10 साल के कारावास की सजा सुनाई है, साथ ही 20,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है। सहायक शासकीय अधिवक्ता फौजदारी दिनेश बहादुर सिंह ने पीड़ित पक्ष की तरफ से पैरवी की।
खुद को बताया हिंदू डॉक्टर
दिनेश बहादुर सिंह ने बताया कि वर्ष 2021 में लालगंज की एक युवती बस यात्रा कर रही थी। तभी उसे एक व्यक्ति मिला, जिसने जान पहचान बताते हुए खुद को हिंदू बताया और कहा कि वह डॉक्टर है। पीड़िता ने बताया कि उसकी मां बीमार रहती हैं। युवक ने कहा कि वह डॉक्टर है और उसकी मां का इलाज कर देगा। इसी बहाने युवक उसके घर आने-जाने लगा।
वीडियो बनाकर किया ब्लैकमेल
एक दिन उसने पीड़िता के अकेलेपन का फायदा उठाकर उसके साथ दुष्कर्म किया। इस दौरान उसने वीडियो भी बना लिया, जिसके जरिए वह उसे ब्लैकमेल करता रहा। शादी का झांसा देकर दुष्कर्म का सिलसिला तीन साल तक चलता रहा। जब उसने जान से मारने की धमकी दी, तब पीड़िता ने कड़ा रुख अपनाया। बाद में पता चला कि वह व्यक्ति हिंदू नहीं, बल्कि मुस्लिम है और उसका असली नाम आजम आलम है। वह गंदी गली, अलीपुर, जिला रायबरेली का रहने वाला है।
गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज
पीड़िता ने प्रताड़ना से तंग होकर 20 जुलाई 2021 को संबंधित थाना क्षेत्र में तहरीर दी, जिसके आधार पर अभियुक्त के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ। आज, तीन साल बाद, फास्ट ट्रैक कोर्ट ने आजम आलम को 10 वर्ष के कारावास और 20,000 रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है।
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