रिहाई मंच : जस्टिस शेखर कुमार यादव का आचरण संविधान के खिलाफ, न्यायालय से बाहर करने की मांग

जस्टिस शेखर कुमार यादव का आचरण संविधान के खिलाफ, न्यायालय से बाहर करने की मांग
UPT | रिहाई मंच के अध्यक्ष मुहम्मद शोएब

Dec 12, 2024 17:02

इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस शेखर कुमार यादव का आपत्तिजनक बयान पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। लखनऊ में रिहाई मंच ने जस्टिस शेखर यादव के बयान की निंदा करते हुए उन्हें न्यायालय से बाहर करने की मांग उठा दी है।

Dec 12, 2024 17:02

Lucknow News : रिहाई मंच ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज शेखर कुमार यादव के बयान को हेट स्पीच करार दिया है। मंच ने गुरुवार को अपने बयान में कहा कि जस्टिस यादव ने शर्मशार कर दिया है कि भारतीय न्यायालयों में घृणास्पद मानसिकता के जज भी बैठे हैं। मंच ने सुप्रीम कोर्ट से जस्टिस शेखर कुमार यादव के बयान के आलोक में उत्तर प्रदेश के संभल, वाराणसी, मथुरा, जौनपुर, बदायूं, बरेली समेत विभिन्न न्यायालयों के न्यायाधीशों द्वारा दिए गए फैसलों और तमाम कार्रवाई की समीक्षा की मांग की है। मंच ने कहा कि संभल के बाद जिस तरह से जौनपुर अटाला मस्जिद मामला सामने आ रहा है, वह समाज में तनाव पैदा कर रहा है। सम्भल में सर्वे के फैसले के बाद हिंसा भड़की ऐसे में मानवीय सुप्रीम कोर्ट जौनपुर मामले को संज्ञान में ले और यह सुनिश्चित हो कि कोर्ट सर्वे के आदेश न दें। यह कानून के उल्लंघन के साथ सांप्रदायिक सौहार्द का भी गंभीर मामला है। पुलिस बल या बुलडोजर से नहीं कानून को नागरिकों से संवाद करके स्थापित किया जाए।

जस्टिस शेखर यादव को बाहर करने की मांग
रिहाई मंच के अध्यक्ष मुहम्मद शोएब ने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज जस्टिस शेखर कुमार यादव का न्यायालय में कोई स्थान नहीं होना चाहिए। धर्मनिरपेक्षता के संवैधानिक सिद्धांतों का उल्लंघन करके वह न्यायमूर्ति कहलाने के हकदार नहीं रह गए हैं। उनके इन बयानों के बाद न्यायाधीश के रूप में उनके पद पर बने रहने से नागरिकों का न्यायिक व्यवस्था से भरोसा कमजोर होगा। उनकी हेट स्पीच पर विधिक कार्रवाई की जाए। शोएब ने कहा कि जस्टिस शेखर समेत अन्य न्यायधीशों का विश्व हिंदू परिषद के कार्यक्रम में जाना स्पष्ट करता है कि उन्होंने संविधान की शपथ तो ली है पर उनके विचार और आचरण उसके अनुरूप नहीं हैं। न्यायपालिका के राजनीतिक इस्तेमाल से देश कमजोर होगा। सामान्य टिप्पणियों पर आम नागरिक को जेल भेज दिया जाता है, यहां तो न्यायमूर्ति जिन्होंने संविधान की रक्षा की शपथ ली है उन्होंने नफरती भाषा का प्रयोग किया है।



धर्मनिरपेक्षता और सद्भाव को तोड़ने की साजिश
रिहाई मंच के महासचिव राजीव यादव ने कहा कि संभल प्रकरण के बाद भी जिस तरह से जौनपुर अटाला मस्जिद, अजमेर शरीफ, बदायूं की मस्जिद को लेकर मामले आ रहे हैं, उनसे स्पष्ट है कि देश की धर्मनिरपेक्षता और सद्भाव को तोड़ने की साजिश की जा रही है। राजीव यादव ने कहा कि न्यायपालिका पर उठ रहे सवालों को जस्टिस शेखर कुमार यादव के बयान ने और पुख्ता किया है कि न्यायिक प्रक्रिया में शामिल व्यक्ति भी हिंदुत्वादी राजनीति से प्रेरित हैं। यह हमारे लोकतंत्र और संविधान के खिलाफ है। संभल में ऐसे ही फैसले की वजह से हिंसा हुई जिसमें निर्दोषों की जानें गईं। 

जौनपुर की अटाला मस्जिद मामले को संज्ञान में ले सुप्रीम कोर्ट 
उन्होंने कहा कि जिस सर्वे की आपाधापी में इतनी बड़ी हिंसा हुई, दो तारीखें बीतने के बाद भी रिपोर्ट कोर्ट में पेश नहीं की जा सकी। ठीक इसी तरह जौनपुर की अटाला मस्जिद में सर्वे की मांग की गई है। जौनपुर की अटाला मस्जिद पर खुफिया नजर, पुलिस की बढ़ाई गई सतर्कता और मस्जिद के आस-पास रहने वाले लोगों को सूचीबद्ध करने जैसी खबरें स्पष्ट करती हैं कि सब कुछ सामान्य नहीं है। सुप्रीम कोर्ट के संभल मामले में शांति सद्भाव पर जोर देने के बाद भी फतेहपुर में नूरी जामा मस्जिद पर बुलडोजर चलाया गया जबकि मामले को लेकर न्यायालय में सुनवाई होनी थी। इन परिस्थितियों में सुप्रीम कोर्ट को जौनपुर की अटाला मस्जिद को लेकर चल रहे प्रकरण को संज्ञान में लेना चाहिए।

Also Read

शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन बोले-जायरीनों को मिलेगी सहूलियत, रक्षा मंत्री का जताया आभार

12 Dec 2024 06:16 PM

लखनऊ नजीबाबाद स्टेशन पर वंदे भारत ट्रेन का स्टॉपेज : शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन बोले-जायरीनों को मिलेगी सहूलियत, रक्षा मंत्री का जताया आभार

शिया समुदाय के लिए धार्मिक लिहाज से जोगीपुरा स्थित दरगाह ए आलिया काफी अहमियत रखती है। वहीं वंदे भारत ट्रेन को नजीबाबाद स्टेशन पर स्टॉपेज बनाए जाने से शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन अली ज़ैदी ने खुशी जाहिर करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का शुक्रिया अदा किया है। और पढ़ें